गर्भावस्था के दौरान टट्टी के रंग में बदलाव सामान्य बा। सामान्य दिन में टट्टी के रंग हल्का से गहरा भूरा हो सकता, जे स्वस्थ मानल जाला।लेकिन गर्भावस्था के दौरान टट्टी के रंग हरियर, करिया, गहरा करिया चाहे माटी के रंग में बदल सकता।1. हरियर टट्टी: अगर राउर हरियर टट्टी बा, त एकर कारण हरियर पत्ता अवुरी सब्जी के जादा सेवन हो सकता, अवुरी इ सामान्य बा।2. करिया टट्टी: अगर गर्भावस्था के दौरान राउर करिया टट्टी होखे त एकर कारण आयरन के पूरक चाहे एंटीबायोटिक दवाई हो सकता जवन कि रऊवाॅं ले रहल बानी।3. गहरा करिया चाहे टारी वाला मल: अगर राउर गहरे करिया चाहे टारी वाला मल बा त इ पाचन संबंधी मुद्दा चाहे पाचन तंत्र में खून बहल के संकेत हो सकता।4. हल्का भा माटी के रंग के टट्टी: अगर राउर टट्टी हल्का भा माटी के रंग के बा त एकर कारण लिवर भा पित्ताशय में समस्या हो सकेला।सही इलाज करावे खातिर अगर राउर मल के रंग में बदलाव होखे त डॉक्टर से मिलल जरूरी बा।Source:-1. Liu, Z. Z., Sun, J. H., & Wang, W. J. (2022). Gut microbiota in gastrointestinal diseases during pregnancy. World journal of clinical cases, 10(10), 2976–2989. https://doi.org/10.12998/wjcc.v10.i10.29762. Gomes, C. F., Sousa, M., Lourenço, I., Martins, D., & Torres, J. (2018). Gastrointestinal diseases during pregnancy: what does the gastroenterologist need to know?. Annals of gastroenterology, 31(4), 385–394. https://doi.org/10.20524/aog.2018.0264
अक्सर इ सवाल हर गर्भवती महिला के दिमाग में आवेला कि गर्भ में बढ़े वाला बच्चा सुरक्षित आ स्वस्थ बा कि ना। हर बेर डाक्टर के लगे जाए के काम आसान ना होला।त घर में बइठ के रउआ कइसे पता लगा सकेनी कि गर्भ में बढ़त बच्चा स्वस्थ बा कि ना?गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में अईसन बहुत लक्षण देखाई देवेला जवन कि इ बतावेला कि बच्चा गर्भ में ठीक बा कि ना।:गर्भावस्था के दौरान लक्षण:उल्टी आ चक्कर:महिला के अक्सर उल्टी आ चक्कर आवे के शिकायत होखेला, लेकिन इ पूरा तरीका से सामान्य बा। एकर कारण गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव होखेला।सांस लेवे में परेशानी:जईसे-जईसे बच्चा बढ़ेला, रउर गर्भाशय ऊपर के ओर दबाव बढ़ावेला, जवना के चलते सांस लेवे में परेशानी हो सकता।संगही, कमर में दर्द, कंधा में दर्द आ कमर दर्द के शिकायत भी हो सकता। इ सभ बच्चा के स्वस्थ होखे के संकेत ह।वजन बढ़ल:दूसरा आ तीसरा तिमाही में महतारी के वजन 10-12 किलो बढ़ सकता आ पेट, स्तन चाहे शरीर के अलग-अलग हिस्सा प भी खिंचाव के निशान देखाई दे सकता।स्तन में बदलाव:रउर स्तन भारी महसूस हो सकता आ निप्पल में दर्द हो सकता। आसपास के इलाका भी करिया हो सकता। इहो एगो स्वस्थ संकेत ह, एकर मतलब बा कि रउर स्तन बच्चा खाती दूध बना रहल बा।बच्चा के हरकत:दूसरा तिमाही में बच्चा हिलल-डुलल आ लात मारे लागेला। कुछ महिला के 5 महीना से बच्चा के हरकत महसूस होखे लागेला, त कुछ महिला के 5 महीना से पहिले भी इ महसूस होखेला।गोड़ में सूजन:बढ़त बच्चा आ गर्भाशय के चलते महिला के गोड़ में सूजन हो सकता आ ऊपर से गोड़ के नस भी देखाई देवे लागेला, जवना के वैरिकाज़ नस कहल जाला। इ बच्चा के स्वस्थ होखे के भी संकेत बा।गर्भ में बच्चा के खतरा के लक्षण जाने खातिर हमनी के अगिला वीडियो जरूर देखीं। आ अउरी अइसन जानकारी खातिर हमनी के चैनल मेडविकी के लाइक, शेयर आ सब्सक्राइब जरूर करीं।Source:-1. Kepley JM, Bates K, Mohiuddin SS. Physiology, Maternal Changes. [Updated 2023 Mar 12]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2024 Jan-. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK539766/2. Soma-Pillay, P., Nelson-Piercy, C., Tolppanen, H., & Mebazaa, A. (2016). Physiological changes in pregnancy. Cardiovascular journal of Africa, 27(2), 89–94. https://doi.org/10.5830/CVJA-2016-021
का रउवा एक साल से जादे समय से गर्भवती होखे के कोशिश करतानी? आ बेडरूम में प्रजनन क्षमता वाला खाद्य पदार्थ आ सेक्स पोजीशन के किस्म के आजमा के भी थक गइल बानी?अपना प्रेग्नेंसी स्टिक प उ डबल गुलाबी रेखा ना मिलला से रउवाॅं अपना के दोषी महसूस क सकतानी अवुरी गर्भवती होखे के कोशिश में जवन गलती करतानी ओकरा बारे में तनाव में आ सकतानी।गर्भवती होखे के कोशिश में 5 आम गलती:1. ओवुलेशन के सही दिन ना जानल28 दिन के चक्र वाला महिला आमतौर पर पीरियड के तारीख से 14वां दिन ओवुलेट करेली। ओवुलेशन के दिन गर्भवती होखे के संभावना सबसे जादे होखेला।2. पर्याप्त सेक्स ना करलओवुलेशन के मतलब इ नईखे कि सिर्फ एकही दिन गर्भवती हो सकतानी। अंडा फैलोपियन ट्यूब में 5-6 दिन तक रहेला, मतलब ए दिन में भी गर्भवती होखे के संभावना बा।3. शराब आ सिगरेट ना छोड़लजादा शराब पीयल से महिला के प्रजनन क्षमता में कमी आ सकता आ पुरुष में शुक्राणु के गिनती कम हो सकता। धूम्रपान भी अंडा आ शुक्राणु दुनो के गुणवत्ता के नुकसान पहुंचा सकता, जवना से बांझपन हो सकता।4. 30 के दशक के अंत में गर्भधारण के योजना बनावलशोध में कहल गइल बा कि 30 के दशक के अंत में मरद आ मेहरारू दुनो में प्रजनन क्षमता में 50% कमी आवेला। 30 साल के बाद अंडा आ शुक्राणु दुनो के गुणवत्ता आ मात्रा में कमी आवे लागेला, जवना से गर्भवती होखल मुश्किल हो जाला।5. लिक्विड बेस्ड लुब्रिकेंट्स के इस्तेमाललिक्विड बेस्ड लुब्रिकेंट्स से शुक्राणु के गुणवत्ता भा जीवित रहे के दर में कमी आ सकेला, जवना से गर्भधारण से बचाव हो सकेला। आयल बेस्ड लुब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से शुक्राणु के गुणवत्ता प बहुत कम असर पड़ सकता।अगर रउवाॅं अपना गलती के जानला के बाद तनाव में बानी, त याद राखीं कि तनाव भी गर्भवती ना होखे के कारक हो सकिला। सकारात्मक रहीं आ ई गलती से बचीं जवना के गर्भवती होखे के कोशिश करत घरी ना करे के चाहीं।Source:-1. Taylor A. (2003). ABC of subfertility: extent of the problem. BMJ (Clinical research ed.), 327(7412), 434–436. https://doi.org/10.1136/bmj.327.7412.434https://www.bmj.com/content/327/7412/4342. Rooney, K. L., & Domar, A. D. (2018). The relationship between stress and infertility. Dialogues in clinical neuroscience, 20(1), 41–47. https://doi.org/10.31887/DCNS.2018.20.1/klrooney
Postpartum Depression (PPD) एगो बड़का मानसिक स्वास्थ्य समस्या बा, जवन कई गो महिलन के जनम के बाद प्रभावित करत बा।माँ बने के सफर खुशी के बावजूद, ई चुनौतीपूर्ण हो सकेला काहे कि महिला लोग काफी शारीरिक, भावनात्मक, अउर मानसिक बदलाव से गुजरल करेली।Postpartum Depression से प्रभावित महिलन के सामने चुनौती:सही से नींद ना आवे।मूड बार-बार बदलल।भूख कम या ज्यादा हो जाला।खुद के या बच्चा के चोट लग जाए के डर बना रहेला।बच्चा के लेके बहुत चिंता में रहना।उदासी महसूस होखल अउर बार-बार रोवे के मन करे।खुद पर या आपन क्षमताओं पर संदेह होखल।ध्यान लगावे में दिक्कत।दैनिक काम-काज में मन ना लगना।Postpartum Depression के संभावित कारण:डिप्रेशन या एंजायटी के इतिहास:पहिले से डिप्रेशन या एंजायटी के समस्या होखल।कई बार गर्भधारण करे या बार-बार बच्चा जनम देवे।आपातकालीन सी-सेक्शन, कम वजन वाला बच्चा जनम देवे, या गर्भधारण के दौरान अन्य समस्या होखल।बहुत कम उमिर में माँ बने।समाज से इमोशनल अउर फाइनेंशियल सपोर्ट ना मिलल।खराब खान-पान, नींद के कमी, अउर कम शारीरिक गतिविधि।विटामिन बी6, जिंक, अउर सेलेनियम के कमी।Postpartum Depression के जोखिम कम करे के तरीका:पहिला 3 महीना में केवल स्तनपान:पहिले 3 महीना में नवजात के खाली स्तनपान करावल।सब्जी, फल, दाल, समुद्री भोजन, डेयरी उत्पाद, जैतून के तेल, अउर विभिन्न पौष्टिक खाना के सेवन।पति के तरफ से पूरा सहयोग मिलल।Source:-https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5561681/https://www.who.int/teams/mental-health-and-substance-use/promotion-prevention/maternal-mental-health
गर्भावस्था में दिल के जलन के कारण आ उपाय:दिल के जलन के कारण:1. गर्भावस्था के हार्मोन प्रोजेस्टेरोन:इ हार्मोन फूड पाइप के खुले वाली मांसपेशी के आराम देवेला, जवना से ओकरा काम करे में परेशानी हो जाला।मांसपेशी भा वाल्व जब होखे के चाहीं तब ना बंद हो पावेला, जेकरा चलते भोजन आ एसिड के मात्रा अन्ननलिका में ऊपर के बैकफ्लो हो जाला।2. बढ़त बच्चा आ गर्भाशय:गर्भावस्था बढ़ला के संगे पेट प जादे दबाव बनावेला, जवना से खाना के फूडपाइप में जादे बैकफ्लो हो जाला।एकरा से दिल के जलन अउरी खराब हो जाला।3. नासिकावली (नाक) के जलन भा दिल के जलन बढ़ावे वाला खाद्य पदार्थ:चाय, कॉफीफैटी खाद्य पदार्थचॉकलेटसाइट्रिक खाद्य पदार्थ (जैसे कि संतरा, नींबू)मसालेदार खाद्य पदार्थशराब4. परहेज करे लायक खाद्य पदार्थ:एही खाद्य पदार्थन से परहेज कइल जवन गर्भावस्था में मददगार हो सकेला।Source:-1. https://www.nhs.uk/pregnancy/related-conditions/common-symptoms/indigestion-and-heartburn/2. https://www.hopkinsmedicine.org/health/conditions-and-diseases/staying-healthy-during-pregnancy/pregnancy-and-heartburn
जब घर में खुशी के खबर आवेला, त सबके मन खुशी से भर जाला। जब एक औरत गर्भवती होला, त ओकर पूरा जिनगी ओकर गर्भावस्था अउर ओकर बच्चा के इर्द-गिर्द घूमेला। ऊ जवन कुछ भी करेले या करे के योजना बनावेला, सबकुछ ओकर आवे वाला नयका बच्चा से जुड़ल होला। ई दौरान, ऊ तइयार रहेली जवन कुछ भी सीखेला या करे खातिर जेकरा से ओकर बच्चा के भला हो सके।गर्भावस्था के 9 महिना बहुते माँग पूरा करेला। ई दौरान ऊ अलग-अलग भावना अउर एहसास के सामना कर सकेले। ओकरा आहार में भी बड़का बदलाव आ सकेला।कई गो चीज बा जवन गर्भावस्था में मदद कर सकेला, जइसे तेज चाल से चले के, नीक अउर स्वास्थ्यकर भोजन, पूरक आहार, नीक नींद वगैरह, बाकिर एगो आउर चीज बा जे पूरा गर्भावस्था से लेके डिलिवरी तक मदद कर सकेला, अउर ऊ बा 'गहिरा साँस लेवे के अभ्यास'।गहिरा साँस लेवे के अभ्यास के कई गो फायदेमंद बा:1. तनाव घटावे: गर्भवती माँ के डिलिवरी से पहिले के तनाव घटावे में मदद करेला।2. आत्मविश्वास बढ़ावे: आत्मविश्वास अउर आत्म-प्रभावशीलता बढ़ावे में मदद करेला।3. प्रसव के समय नियंत्रण बढ़ावे: प्रसव के समय अपने ऊपर नियंत्रण के भावना बढ़ावे में मदद करेला।4. दर्द के तीव्रता घटावे: प्रसव के पहिले चरण में दर्द के तीव्रता घटावे में मदद करेला।5. श्रोणि के मांसपेशियन के सक्रिय करे: श्रोणि के मांसपेशियन के सक्रिय करे में मदद करेला।6. पेट के मांसपेशियन के सक्रिय अउर ऑक्सीजन प्रदान करे: पेट के मांसपेशियन के सक्रियता अउर ऑक्सीजन प्रदान करे में मदद करेला।7. प्रसव के अवधि घटावे: प्रसव के दुसरका चरण के अवधि घटावे में मदद करेला।आगे बढ़ीं अउर गहिरा साँस लेवे के अभ्यास करीं अउर एक बेहतरीन गर्भावस्था अउर सुन्दर डिलिवरी के आनंद लीं।Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC9675115/2. https://journal.unnes.ac.id/sju/jubk/article/view/22489
गर्भावस्था : शारीरिक गतिविधि अवुरी एकर फायदा: गर्भावस्था आपके जीवन के एगो महत्वपूर्ण सफर ह। एह दौरान कुछ अनुभव अवुरी तनाव से बचे खाती आपके लगे बहुत विकल्प बा। हो सकेला कि ई रउरा जिनिगी के सबले बढ़िया समय होखे.गर्भावस्था के दौरान शारीरिक रूप से सक्रिय रहे के चाही कि आराम करे के चाही?गर्भावस्था के दौरान शारीरिक गतिविधि के बारे में अक्सर सलाह दिहल जाला। तेज चलल, जवन कि गर्भावस्था के शुरुआत से लेके प्रसव के समय तक कईल जा सकता, एगो कारगर तरीका बा।शारीरिक गतिविधि के फायदा: गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज मेलिटस के खतरा के कम कईल : नियमित शारीरिक गतिविधि से गर्भावस्था के दौरान चीनी के स्तर के नियंत्रित करे में मदद मिलेला। कमर दर्द कम कईल : व्यायाम से कमर दर्द से राहत मिल सकता। कब्ज कम करेला : शारीरिक गतिविधि से पाचन तंत्र में सुधार होखेला अवुरी कब्ज से राहत मिलेला। स्वस्थ वजन बढ़े : गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ वजन बढ़े के प्रोत्साहित करेला।प्रसव के सहायता : शारीरिक गतिविधि से प्रसव के प्राकृतिक रूप से शुरू होखे में मदद मिलेला, जवना से सिजेरियन प्रसव के खतरा कम हो जाला। जन्म के बाद वजन कम करे में मदद करेला : जन्म के बाद वजन कम करे में भी मददगार होखेला। कवनो संदेह भा जरूरत के स्थिति में हमेशा अपना स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लिहल निमन होई।Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8395880/2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6742678/3. https://www.acog.org/clinical/clinical-guidance/committee-opinion/articles/2020/04/physical-activity-and-exercise-during-pregnancy-and-the-postpartum-period
सभ मेहरारू अलग-अलग होलीं, आ गर्भावस्था के दौरान कई तरह के लच्छन देखे के मिले ला, जवन एक औरत से दुसरी औरत में अलग-अलग हो सकेला।भले ही कवनो महिला दूसरा बेर गर्भवती हो जाव, लेकिन जरूरी नईखे कि ओकरा उहे लक्षण देखाई दिही, जवन कि ओकरा पहिले गर्भ में भईल रहे।गर्भावस्था के पहिला संकेत अवुरी लक्षण गर्भावस्था के अलग-अलग चरण में देखल जा सकेला। कबो जल्दी हो सकेला जबकि कबो, कवनो तिमाही में हो सकेला।त, रउआ कइसे जान सकेनी कि रउआ गर्भवती बानी? सबसे आसान तरीका बा कि गर्भावस्था के पहिला लक्षण के ध्यान राखल जाए, जवना के चर्चा हमनी के आज ए वीडियो में करब।आईं शुरुआती दौर में गर्भावस्था के टॉप 8 लक्षण देखल जाव:पीरियड्स मिस भा देरी: एक बेर जब रऊवाॅं यौन सक्रिय हो गईनी, अवुरी राउर पीरियड्स में देरी हो गईल त सबसे पहिले राउर दिमाग में का आवेला?का हम गर्भवती बानी? एकदम! आ ई साँच हो सकेला!इ पहिला अवुरी सबसे आम संकेत ह काहेंकी पूरा गर्भावस्था में मासिक धर्म अनुपस्थित रहेला।धब्बा भा ऐंठन : कई बेर नियमित पीरियड के मुक़ाबले हल्का धब्बा देखाई दे सकेला, चाहे ऐंठन महसूस हो सकेला, जवना के मतलब इ नईखे कि राउर मासिक धर्म होखता। निषेचित अंडा गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो सकेला अवुरी रऊवाॅं गर्भवती हो सकेनी।योनि से मोट स्राव : गर्भावस्था के शुरुआत में राउर योनि से मोट, सफेद अवुरी अलग गंध वाला स्राव देखाई दे सकेला।लेकिन, जदी इ स्राव जलन अवुरी खुजली से जुड़ल बा, त राउर मूत्रमार्ग के संक्रमण हो सकेला।स्तन में बदलाव : गर्भावस्था के शुरुआत में राउर स्तन में भारीपन, दर्द, अवुरी कोमलता के अनुभव हो सकेला अवुरी निप्पल अवुरी निप्पल के आसपास के इलाका जवन कि एरिओला ह, उ गहरा हो सकेला।थकान : गर्भावस्था के शुरुआत में महिला के थकान के अनुभव जादा हो सकेला।गंध के प्रति संवेदनशीलता चाहे मॉर्निंग सिकनेस : गर्भावस्था के शुरुआत में महिला के दिन के कवनो समय मतली चाहे उल्टी हो सकेला, जवन कि खास तौर प कवनो प्रकार के गंध से शुरू होखेला, चाहे उ राउर रोज के मॉइस्चराइजर, इत्र, साबुन चाहे लिपस्टिक होखे, इ कवनो चीज़ हो सकेला।बेहोशी भा चक्कर : गर्भावस्था के शुरुआत में महिला बेहोश हो सकतारी चाहे चक्कर आ सकेला, जवन कि हार्मोन में उतार-चढ़ाव के चलते होखेला, जवना से ग्लूकोज के स्तर चाहे ब्लड प्रेशर में बदलाव होखेला।खाना के लालसा भा नापसंद : महिला के अलग-अलग खाद्य पदार्थ के लालसा महसूस हो सकेला, चाहे गर्भावस्था के शुरुआत में कुछ खाना के स्वाद नापसंद होखे लाग सकेला।ई सभ अइसन लच्छन हवें जे गर्भधारण के संकेत दे सके लें या फिर ई कौनों अउरी अंतर्निहित कारण हो सकेला। हमेशा बेहतर होला कि सही रिजल्ट खातिर मेडिकल जांच आ प्रेग्नेंसी टेस्ट करावल जाव।अगर रउवा सब के ई वीडियो पसंद आइल त लाइक आ शेयर जरूर करीं आ साथ ही साथ हमार चैनल मेडविकी के सब्सक्राइब भी करीं।
Shorts
गर्भवती महिला के कैफीन से परहेज करे के चाही
Dr. Beauty Gupta
Doctor of Pharmacy
गर्भावस्था में चिया बीज के फायदा!
Dr. Beauty Gupta
Doctor of Pharmacy