Vaginal gas, जिसे vaginal flatus या queefing भी कहा जाता है, तब होती है जब हवा vagina में फंस जाती है और फिर बाद में निकलती है, जिसकी वजह से gas pass करने की आवाज आती है। यह एक आम स्थिति है और आमतौर पर इससे health को कोई risk नहीं होता, लेकिन यह embarrassment का कारण बन सकता है और quality of life पर असर डालता है।Vaginal gas के कारणVaginal gas होने के कई natural कारण होते हैं, जैसे:Menstrual products का इस्तेमाल: जब भी कोई वस्तु जैसे tampon, menstrual cup या स्त्री रोग परीक्षा (gynaecological tests) के दौरान speculum को vagina में डाला जाए तो हवा अंदर फंस सकती है, जो कि बाद में निकलती है।यौन गतिविधि (Sexual Activity): Sex के दौरान, vagina expand और contract होता है जिसकी वजह से हवा अंदर trap हो जाती है और फिर बाद में निकलती है। यही हवा जब बाहर निकलती है तो gas pass होने की आवाज़ आती है।Stretching Exercises: योग और बाकी कुछ exercises जिनसे pelvic area stretch हो सकते हैं, उनसे हवा अंदर फस जाती है और pose बदलने से फिर यह फंसी हुई हवा निकल सकती है।Pelvic Floor की conditions: Delivery, बहुत ज़्यादा वज़न या उम्र के कारण ****कई बार pelvic muscles कमज़ोर हो जाती हैं जिससे vaginal gas का ख़तरा बढ़ सकता है।Prevention और Managementज़्यादातर मामलों में, vaginal gas को रोकने के लिए कुछ भी करने की कोई जरूरत नहीं होती है क्योंकि इसकी वजह से health को कोई risk नहीं होता है और ना ही इससे कोई दर्द महसूस होता है। लेकिन अगर आप कुछ solution ढूंढ रहे हैं तो ये कुछ तरीके try कर सकते हैं।Squatting: पेशाब करते समय squatting करने से फंसी हुई हवा निकालने में मदद मिल सकती है।Relaxing Techniques: यदि तनाव के कारण गैस हो रही है, तो गहरी सांस लेने और विश्राम करने से मदद मिल सकती है।कुछ गतिविधियों से बचें: यौन गतिविधियों (sexual activity) और शारीरिक व्यायाम से बचने से vaginal gas की problem कम हो सकती है। Tampons और Menstrual Cup की बजाये pads के use से भी मदद मिल सकती है।Kegel Exercise: Kegel Exercise के माध्यम से pelvic muscles को मजबूत किया जा सकता है जिससे vaginal gas की संभावना कम हो सकती है।डॉक्टर से कब मिलेंकुछ मामलों में, vaginal gas एक बहुत गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। अगर आपको vaginal gas के साथ इन में कोई समस्या हो रही हो तो आप डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें:दर्द या कोई असुविधाअसामान्य discharge leakageकिसी प्रकार की smellखून निकलना या सूजन हो जानाअगर vaginal gas काफी बार हो, जिसका कोई भी साधारण कारण न हो जैसे कि यौन गतिविधि या फिर Stretching Exercises, तो डॉक्टर से सलाह लेना ना भूलें।याद रखें, vaginal gas शर्मिंदगी का कारण हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर एक natural स्थिति है जिससे कोई भी नुकसान नहीं होता।Source:- https://www.medicalnewstoday.com/articles/319558#contacting-a-doctor
Period pains सभी महिलाओं के लिए एक common problem है जो उनके रोज़मर्रा के काम करना भी मुश्किल कर देता है।आज हम आपको बताने वाले कुछ आसान और असरदार घरेलू उपाय, जो आपको period pain से राहत दिलाने में मदद करेंगी।1. गर्म पानी से नहाना। गर्म पानी से हमारी muscles की जकड़न कम होती है और body को relaxed feel होता है। साथ ही गर्म पानी blood circulation को भी बेहतर बनाता है, जिससे पेट और कमर का दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है। अगली बार जब भी आपको period pain हो, तो आप ये hot shower ज़रूर try करें।2. गर्म पानी की बोतल या heating pad से सिकाई करना। Heating pad को हल्के तौलिये में लपेटकर अपने पेट पर रखें। Heating pad की गर्मी से muscles relax होती हैं, जिसके कारण period cramps धीरे-धीरे कम होने लगते है। तो ये easy trick ज़रूर अपनाएँ!3. अगर दर्द ज़्यादा हो रहा है, तो हल्की मालिश भी मददगार हो सकती है। मालिश करने से शरीर में endorphin नाम का hormone release होता है, जो एक natural painkiller की तरह काम करता है! यह आपके stress को कम करके आपको आराम दिलाता है। तो अगली बार, periods के दौरान हल्की मालिश करना ना भूलें।4. exercise! Yoga, walking, cycling, या swimming करने से blood circulation बेहतर होता है और period pain कम होता है। साथ ही, exercise करने से endorphin release होता है, जिससे periods के दौरान आपका mood भी अच्छा रहता है।अगर दर्द बहुत ज़्यादा हो, तो doctor से consult करके आप paracetamol या ibuprofen जैसी दवाएं भी ले सकते हैं। ये दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती हैं। ये दवाएं आपके शरीर के उन chemicals को भी कम करती हैं, जो दर्द और ऐंठन का कारण बनते हैं।इन tips को try करें और किस tip से आपको सबसे ज्यादा आराम मिला है ये हमें comments में ज़रूर बताएँ।Source:- 1. https://www.nhs.uk/conditions/period-pain/2. https://www.nhs.uk/conditions/periods/period-problems/3. https://www.bupa.co.uk/newsroom/ourviews/natural-remedies-period-pain4. https://www.webmd.com/women/menstrual-pain5. https://www.webmd.com/women/ss/slideshow-get-rid-of-cramps
हमारे पिछले वीडियो में हमने Dyslexia के बारे में बात की थी: Dyslexia क्या है, यह कैसे होता है और यह कितना खतरनाक हो सकता है। आज के वीडियो में हम बात करेंगे की Dyslexia को कैसे diagnose किया जा सकता है। Dyslexia से जूझ रहे लोग अक्सर अपनी परेशानी को manage करने के तरीके खोज लेते हैं, इसलिए वो किस परेशानी से जूझ रहे हैं ये कई बार लोग समझ ही नहीं पाते हैं। किसी से भी share न करना शर्मिंदगी से तो बचा सकता है, लेकिन लोगों से बात करके सही मदद मिल जाने पर स्कूल का सफर और पढ़ाई करना आसान हो सकता है।Dyslexia का पता ज़्यादातर तो बचपन में ही लग जाता है लेकिन कई बार Adolescence और adulthood में भी dyslexia का diagnose होता हैं।किसी को adolescent age में Dyslexia है या नहीं, इसका पता इन कुछ लक्षणों से लगाया जा सकता है:समझदार होने के बावजूद भी सही से ना पढ़ (read) पानाSpelling एंड writing skills का कमजोर होनासमय पर assignments और tests ख़त्म ना कर पानाचीजों का सही नाम न याद रख पानाLists और phone numbers याद न रख पानादाएं - बाएं याद रखने में या नक्शा पढ़ने में मुश्किल होनाविदेशी भाषा समझने में परेशानीइनमें से किसी भी एक लक्षण के होने से यह नहीं पता लग सकता की व्यक्ति को Dyslexia की problem है। लेकिन अगर एक व्यक्ति में इनमें से कुछ लक्षण दिखते हैं तो उसका Dyslexia का test करवा लेना चाहिए।स्कूल में या community में कोई psychologist या reading specialist इस condition को evaluate करके formally Dyslexia का पता लगा सकता है।जितनी छोटी उम्र में Dyslexia का पता लग सके उतना ही अच्छा है।Source:-1. https://www.nhs.uk/conditions/menopause/2. https://www.cuh.nhs.uk/rosie-hospital/menopause-and-perimenopause/signs-and-symptoms/3. https://www.nhs.uk/conditions/menopause/symptoms/4. https://www.webmd.com/menopause/guide-perimenopause5. https://www.webmd.com/menopause/ss/slideshow-signs-perimenopause
क्या आपके periods irregular हो रहे हैं? क्या आपको कभी-कभी mood swings होते हैं?अगर हाँ, तो हो सकता है कि आप Perimenopause के दौर से गुजर रहे हो!Perimenopause होता क्या है?सीधे शब्दों में कहें, तो यह वह समय होता है जब आपका शरीर menopause की ओर बढ़ने लगता है। इस दौरान, आपकी ovaries (अंडाशय) estrogen और progesterone hormones को बनाना कम कर देती हैं।इसका असर सबसे पहले आपके periods (मासिक धर्म) पर पड़ता है। Perimenopause की वजह से periods कभी जल्दी आ जाते हैं, कभी देर से आते हैं, तो कभी अचानक ही बंद हो जाते हैं!Perimenopause कब शुरू होता है?अधिकतर महिलाओं में Perimenopause 40 की उम्र के आसपास शुरू होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह 30 साल की उम्र में भी शुरू हो सकता है और कुछ में 50 के बाद।एक बहुत बड़ा सवाल जो अक्सर महिलाओं के मन में आता है कि - क्या Perimenopause के दौरान Pregnancy Possible है?जवाब है – हाँ! जब तक आपके periods पूरी तरह से बंद नहीं होते, तब तक pregnant होना possible है।Perimenopause के लक्षण क्या होते हैं?Perimenopause के दौरान आपके शरीर में कई बदलाव हो सकते हैं, जैसे -Periods का irregular हो जाना।कभी ज्यादा तो कभी बहुत कम bleeding होना।Mood swings – कभी बहुत खुश तो कभी बहुत उदास महसूस करना।Hot flashes यानी अचानक गर्मी महसूस करना।रात में पसीना आना।Vagina में सूखापन (dryness) होना।बार-बार पेशाब (urine) करने की इच्छा होना।नींद न आना या बहुत थकान महसूस करना।Perimenopause के समय शरीर में हो रहे बदलावों का असर mental health पर भी पड़ सकता है।कई महिलाएं चिंता, घबराहट और depression महसूस कर सकती हैं।कभी-कभी छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना भी आम बात है।अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है, तो अपने परिवार वालों से इस बारे में बात करें और जरूरत पड़े तो doctor की सलाह भी लें।Source:- 1. https://www.nhs.uk/conditions/menopause/2. https://www.cuh.nhs.uk/rosie-hospital/menopause-and-perimenopause/signs-and-symptoms/3. https://www.nhs.uk/conditions/menopause/symptoms/4. https://www.webmd.com/menopause/guide-perimenopause5. https://www.webmd.com/menopause/ss/slideshow-signs-perimenopause
5 ऐसे foods के बारे में, जो periods के दौरान होने वाली तकलीफ़ों को कम कर सकते हैं।1.अदरक! अदरक में gingerol नाम का compound होता है, जिसमें anti-inflammatory properties होती है। ये period pain को कम करने में मदद करता है और शरीर की थकान को भी दूर करता है। इसलिए अगर आपको period cramps हो रहे हैं, तो अदरक की चाय या उसका टुकड़ा पानी में उबालकर ज़रूर पिएँ।2. हल्दी! इसमें curcumin नाम का एक compound होता है, जो शरीर की सूजन को कम करता है और blood flow को भी improve करता है। हल्दी वाला दूध पीने से आपको period pain में काफ़ी आराम मिल सकता है। अगर आपको हल्दी वाला दूध पसंद नहीं है, तो आप हल्दी को गर्म पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं!3. गुड़ के बारे में! Periods के दौरान शरीर में iron की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और थकान महसूस होती है। गुड़ iron का एक बेहतरीन source है, जो आपके शरीर में haemoglobin बढ़ाता है और आपको energy देता है। इसलिए गुड़ का एक छोटा टुकड़ा रोज़ खाएं।अगर आपको periods के दौरान बहुत सुस्ती और सिरदर्द होता है, तो4. coffee ज़रूर try करें! इसमें caffeine नाम का एक organic compound होता है, जो आपको active रखता है और सिरदर्द को कम करता है। लेकिन बहुत ज्यादा coffee भी ना पिएं, क्योंकि इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है!5. आंवला में Vitamin C, iron और antioxidants होते हैं, जो शरीर की सूजन और खून की कमी को कम करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद flavonoids और tannins मांसपेशियों को आराम देकर ऐंठन (cramps) भी कम करते हैं। आप इसे कच्चा, जूस या आंवला पाउडर के रूप में खा सकते हैं।Source:- 1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC8021506/2. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC10935160/3. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/29526236/4. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC4962155/5. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/37373663/
Vagina से White discharge या सफेद पानी आजकल औरतों में एक आम समस्या बन गई है। यह hormonal changes, infections, या किसी और health issue की वजह से हो सकता है।सफ़ेद पानी से छुटकारा पाने के 4 आसान तरीके:Cotton के थोड़े ढीले underwears पहनें। ज़्यादा Tight underwear पहनने से शरीर में गर्मी और नमी trap हो जाती है, जिसकी वजह से vagina में bacteria और yeast पैदा हो सकता है, और white discharge की problem बढ़ सकती है। Cotton का fabric, vagina के आस पास के area को dry रखने और air circulation में मदद करता है।Hygiene maintain करें। अपने vaginal area को हर दिन पानी से धोएं। ध्यान रखें कि vagina के अंदर कोई भी साबुन, deodorants या sprays का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि साबुन के chemicals vagina को irritate कर सकते है और white discharge का कारण भी बन सकते है।ऐसी vaginal creams/gels use करें जिनमें curcumin या aloe vera होता है क्योंकि हल्दी में मौजूद curcumin नाम के compound और aloe vera में anti-inflammatory और antifungal properties होती है जो उन infections से लड़ती है जिनकी वजह से white discharge हो सकता है।Sex करते वक्त हमेशा condom का इस्तेमाल करें। Condoms STIs यानी sexually transmitted infections से बचाता है जो white discharge का कारण बन सकते हैं। Sexually transmitted infections की regular screening करवाना भी white discharge से बचने में मददगार हो सकता है।इन simple tips को follow करें और अपनी white discharge की समस्या से छुटकारा पाएं।Source:- 1. https://www.webmd.com/women/vaginal-discharge-whats-abnormal2. https://my.clevelandclinic.org/health/symptoms/4719-vaginal-discharge3. https://www.nhs.uk/conditions/vaginal-discharge/4. https://www.nhs.uk/conditions/vaginitis/5. https://www.nhsinform.scot/illnesses-and-conditions/sexual-and-reproductive/vaginal-discharge/
क्या आप को periods के वक़्त, गुस्सा और चिड़चिड़ापन महसूस होता है? Periods के दौरान mood swings common होते हैं, लेकिन कुछ simple बदलाव से आप इन्हें ठीक कर सकती है।आइए, समझते हैं mood swings क्या होते हैं, ये क्यों होते हैं, और कैसे आप अपने emotions को control में रख सकती हैं।Mood swings का मतलब होता है आपके emotions का अचानक बदलना। एक second आप खुश feel कर रहे होते हो, और दूसरे ही second आपको गुस्सा या उदासी महसूस हो रही होती है। ये सब hormonal changes की वजह से होता है, जो आपके periods के दौरान होती हैं।जब आपके estrogen और progesterone levels ऊपर नीचे होते हैं, तो ये आपके brain के chemicals, जैसे serotonin, पर असर डालते हैं। Stress, नींद की कमी, और junk food खाने से ये और बढ़ सकता है।इन 5 तरीको से आपको periods के वक्त mood swings को control करने में मदद मिलेगीActive रहो: Exercise जैसे walking, yoga, या dancing से आपके body में endorphins release होते हैं- जिन्हें "feel-good" hormones भी कहा जाता हैं। ये stress को कम करते हैं और आपका mood तुरंत improve भी करते हैं।Healthy खाना खायें: ऐसे foods खाएं जो vitamins, minerals, और omega-3 fatty acids में rich हों। Dry fruits, फल, हरी सब्जियां, और fish से आपके blood sugar levels normal रहेंगे और mood भी अच्छा रहेगा।पानी पीते रहें: बहुत सारा पानी और herbal teas पिएं। Hydrated रहने से गंदगी body से बाहर flush हो जाती हैं और bloating कम होती है, जो आपको periods के दौरान उदास और परेशान feel करने से बचाता है।अच्छी नींद लें: हर रात 7-8 घंटे अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। Rest लेने से आपका शरीर और दिमाग़ दोनों recharge होते हैं, जो आपके emotions को handle करना आसान बनाता है।Relaxation Techniques Practice करें: Deep breathing, meditation, या calming music सुनने की कोशिश करें। ये techniques periods के दौरान आपका stress level कम करती हैं और आपको ज्यादा बेहतर feel करने में मदद करती हैं।इन नुस्ख़ों को follow करके, आप अपने शरीर और दिमाग को balance कर सकती हैं।Remember, periods आपके लिए challenges ला सकते हैं, लेकिन आपके पास इन्हें solve करने की power भी है।Source:- 1. https://www.health.qld.gov.au/newsroom/features/breaking-the-cycle-a-guide-to-understanding-and-managing-premenstrual-dysphoric-disorder-pmdd 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279264/ 3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK560698/
क्या आपको पता है कि भारत में हर 22 में से 1 शहरी महिला को स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है?लेकिन चिंता मत कीजिए, आप घर पर ही स्तन की जांच करके स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगा सकती हैं।तो चलिए जानते हैं कि आप घर पर कैसे स्तन कैंसर की जांच कर सकती हैं:एक सही समय चुनें : यह जांच आप अपने पीरियड्स के कुछ दिन बाद करें, जब आपके स्तन कम नरम हो। अगर आपके पीरियड्स बंद हो चुके हैं, तो हर महीने एक ही दिन पर यह जांच करें।आईने के सामने जांच करें: आईने के सामने खड़े हो कर अपने स्तन के शेप या साइज़ में कोई बदलाव देखने की कोशिश करें। स्किन में बदलाव, रेडनेस, और सूजन की जांच करना भी बेहद ज़रूरी है!हाथों को ऊपर उठाएं : अब दोनों हाथ अपने सिर के ऊपर उठाएं और देखें कि जब हाथ उठते हैं, तब आपके स्तनों में कोई बदलाव तो नहीं आ जाते हैं। अगर कुछ अलग दिखे, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।गांठों की जांच करें:अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करके अपने स्तनों को धीरे से दबाएं। उंगलियों को घुमाते हुए, स्तन के बाहरी हिस्से से निप्पल तक जाएं। निप्पल और कॉलरबोन के आस-पास अलग-अलग तरीके से प्रेशर डालते हुए, गांठों या मोटी त्वचा की जांच करें।निप्पल की जाँच करें:दोनों निप्पल को धीरे से दबाएं। अगर खून या कोई डिस्चार्ज निकले, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।बगलों की जांच करना न भूलें: अपनी बगलों को न भूलें, क्योंकि स्तन का टिश्यू वहां तक फैला होता है। अगर आपको कोई बदलाव महसूस हो, तो डॉक्टर के पास जाना न भूलें।अगर आपको कुछ अलग दिखे, तो बेझिझक डॉक्टर होकर से बात करें। सुरक्षित रहें, और अपनी सेहत का ध्यान रखें।Source:-1. https://cancerindia.org.in/breast-cancer/ 2. https://www.indiancancersociety.org/breast-cancer/index.html
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Perimenopause के आम लक्षण क्या हैं?

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Nutritionist
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