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Menopause से निपटने के 5 आसान तरीके!

Menopause हर महिला के जीवन का एक चरण है जो उसके reproductive years के अंत का प्रतीक है। इस समय महिलाएं यह सोचने लगती हैं कि "Menopause से कैसे निपटें"?Menopause क्या है?ज्यादातर महिलाओं को 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच प्राकृतिक रूप से menopause होता है। हालाँकि, यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि प्रत्येक महिला menopause तक कब पहुँचेगी।जब यह प्राकृतिक है, तो आखिर Menopause से निपटने की जरूरत क्यों है?इस समय एक महिला के जीवन में बड़ा बदलाव आता है। Menopause से जुड़े hormonal changes महिलाओं के स्वास्थ्य को सभी रूप से प्रभावित करते हैं: शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक।हालाँकि, कुछ को बहुत कम लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है जबकि कुछ को अधिक परेशानीहोती है।Menopause के किन लक्षणों से निपटने की जरूरत है?बहुत गर्मी लगना और रात को पसीना आना।मासिक धर्म की regularity और flow में परिवर्तनIntercourse के दौरान vagina में सूखापन और दर्दसोने में दिक्कतमूड में परिवर्तन: अवसाद, चिंता, आदि।इन विशिष्ट परिवर्तनों के अलावा, researches ने साबित किया है कि menopause का संबंध mental health (मस्तिष्क स्वास्थ्य) से भी है जो Dementia और Alzheimer’s disease की ओर ले जाता है।Menopause से निपटने के लिए 5 युक्तियाँअपने डॉक्टर से बात करें: अपने लक्षण जैसे गर्मी लगना, नींद आने में परेशानी, यौन क्रिया में बदलाव और मानसिक स्वास्थ्य पर अपने डॉक्टर से चर्चा करें। जरूरत के अनुसार, उपचार पूछें।अपने डॉक्टर से पूछें: Osteoporosis की जांच के लिए और हड्डियों को स्वस्थ रखने और फ्रैक्चर को रोकने में मदद के लिए पर्याप्त कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का पता करें।50 से 74 वर्ष की आयु के बीच हर दो महीने में मैमोग्राम करवाएं। अपनी उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर अन्य अनुशंसित जांचों के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें।Menopause के बाद हृदय रोग के गंभीर खतरे से बचने के लिए स्वस्थ भोजन करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।दोस्तों के साथ समय बिताएं और खुद को उन गतिविधियों में व्यस्त रखें जिनमें आपको आनंद आता है।कई बार हम नहीं जानते कि जो लक्षण हम अनुभव कर रहे हैं, वे menopause से संबंधित हैं। इसलिए, यदि आप menopause का सामना कर रहे हैं, तो जान लें कि medwiki के ये सुझाव आपकी परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं।Source:-1. https://medsafe.govt.nz/profs/datasheet/p/primolutntab.pdf 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1127384/

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अचानक से मुझे इतना ज्यादा White discharge क्यों हो रहा है?

अचानक से बहुत ज्यादा vaginal discharge होने के कई कारण होते हैं, जो यह बताते हैं कि आप normal हैं या आपको कोई problem हुई है। आज हम बात करेंगे उन reasons की जिनके कारण आपको काफी ज्यादा white discharge होने लगता है।White discharge के normal reasons:Ovulation: जब आप ovulate कर रहे होते हैं, यानी आपके periods आने से 12-15 दिन पहले ovary से eggs release होते हैं fertilization के लिए, उस वक्त ज्यादा vaginal discharge होना common है। यह white discharge काफी clear और stretchy होता है, बिलकुल अंडे के सफेद हिस्से जैसा। यह discharge sperm को आसानी से move करने में और fertilization में मदद करता है।Pregnancy: Pregnancy के दौरान काफी hormonal changes होते हैं, जिसके कारण white discharge ज्यादा होने लगता है, और यह पूरी pregnancy तक होता है। यह discharge भी बिलकुल clear white होता है।Sexual arousal: जब आप sexually aroused होते हैं, तब आपको watery white discharge होता है, जो lubrication का काम करता है।Hormonal birth control: जब आप hormonal birth controls जैसे implant या IUD का use करते हैं, तो भी white discharge ज्यादा होता है और यह discharge ज्यादा तर गाढ़ा होता है।White discharge:- अब बात करते हैं उन reasons की जो बताते हैं कि आपको कोई medical problem है:Yeast infection: Vaginal yeast infection के दौरान आपको काफी thick, white और थक्का जैसे vaginal discharge होता है, जो cheese जैसा दिखता है। इसके साथ आपको vaginal irritation और itching भी होती है।Bacterial vaginosis: इस condition में आपके vaginal bacteria का balance बिगड़ जाता है, और आपको बदबूदार और हल्का grey color का discharge हो सकता है।Sexually transmitted infections (STIs): जब sexually transmitted infections जैसे gonorrhea या syphilis होती है, तो vaginal discharge बढ़ जाता है और उसमें अलग सी smell आती है।Antibiotics या medicines: कभी-कभी जब आप antibiotics लेते हैं, तो vaginal bacteria का balance बिगड़ जाता है, जिसके कारण ज्यादा white discharge और infection भी हो जाता है।तो अगर आपका white discharge transparent और normal है, तो आपको डरने की कोई बात नहीं, लेकिन अगर vaginal discharge से बदबू आती है या अलग color का दिखता है, तो doctor से जरूर सलाह लें।Source:-1. https://www.nhs.uk/conditions/vaginal-discharge/ 2. https://www.healthdirect.gov.au/vaginal-discharge

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Periods irregular हैं? Seed cycling के ज़रिए hormones को naturally balance करें और अपनी cycle को regular करें। जानें flax, pumpkin, sesame और sunflower seeds के फायदे!

क्या आपके Periods टाइम से नहीं आते? जानें Simple Diet Change जो करेगा मददIrregular periods की समस्या लगभग 30% महिलाओं को उनकी fertile years में होती है। इस समस्या से निपटने के लिए एक साधारण diet बदलाव काफी फायदेमंद हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे चार अलग-अलग seeds का सेवन आपके periods को नियमित कर सकता है।Irregular Periods की समस्या का समाधान - Seed CyclingPeriods को नियमित करने के लिए एक सरल technique है seed cycling। Seed cycling में चार प्रकार के seeds का उपयोग होता है: flax seeds, sunflower seeds, sesame seeds, और pumpkin seeds। इन seeds को अपने menstrual cycle के अलग-अलग phases में खाने से hormonal balance बना रहता है और periods regular हो जाते हैं।आपके Menstrual Cycle के 2 PhasesMenstrual cycle के दो phases होते हैं:Follicular Phase (day 1-14) - यह phase cycle के पहले 14 दिनों तक चलता है।Luteal Phase (day 15-28) - यह phase cycle के अगले 14 दिनों तक चलता है।इन दोनों phases के दौरान, अलग-अलग seeds का सेवन करने से hormones को balance करने में मदद मिलती है।Follicular Phase में कौन से Seeds लेने हैं?Flax Seeds और Pumpkin SeedsFollicular phase में (day 1-14) आपको flax seeds और pumpkin seeds का सेवन करना है।सेवन का तरीकाइन seeds को 1-2 tablespoons रोजाना ले सकते हैं। आप इन्हें दही में, smoothies में, oats के साथ या फिर लड्डू में मिलाकर भी खा सकते हैं।Flax Seeds के फायदेFlax seeds में lignans होते हैं, जो शरीर में estrogen hormone के जैसे काम करते हैं। ये hormone levels को balance रखते हैं और hormonal imbalance से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।Pumpkin Seeds के फायदेPumpkin seeds, progesterone hormone को बनाने में सहायक होते हैं। इससे androgen levels कम होते हैं, जो PCOS जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करता है।Luteal Phase में कौन से Seeds लेने हैं?Sesame Seeds और Sunflower SeedsLuteal phase (day 15-28) में sesame seeds और sunflower seeds का सेवन करना है।सेवन का तरीकाइन seeds को रोजाना 1-2 tablespoons लें। इन्हें protein bars, fruit salad, soups, या yoghurt में mix करके भी खाया जा सकता है।Sunflower Seeds के फायदेSunflower seeds में vitamin E होता है, जो progesterone level को बढ़ाता है और fertility में सुधार करता है। इसके अलावा, ये PMS (Premenstrual Syndrome) के symptoms को भी कम करते हैं।Sesame Seeds के फायदेSesame seeds में ऐसे compounds होते हैं, जो estrogen और progesterone levels को balance करते हैं। इससे hormonal balance बना रहता है और periods भी regulate होते हैं।Seed Cycling से पाएं Irregular Periods से निजातSeed cycling को अपनी diet में शामिल करें और irregular periods की समस्या को दूर करें। Hormones के balance रहने से न सिर्फ periods regular होते हैं, बल्कि अन्य hormonal problems भी कम होती हैं।Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC10261760/ 2.https://www.researchgate.net/publication/369913915_Advantages_of_seed_cycling_diet_in_menstrual_dysfunctions_A_review_based_explanation

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इन 5 घरेलू नुस्ख़ों से पायें PCOD और PCOS से छुटकारा! आज ही आज़माए।

PCOD/PCOS की वजह से, India में बहुत सी औरतें irregular periods, weight gain, और hormone imbalances जैसी problems face करती हैं।लेकिन इन problems को जड़ से खतम करने के लिए कुछ easy तरीके भी है। Article को end तक पढ़िए और एक bonus नुस्ख़े के बारे में जानिए।यह हैं 5 घरेलु नुस्ख़े PCOD/PCOS को जड़ से ख़त्म करने के लिए:सहजन के पत्ते (Moringa Leaves): यह hormones को balance करने और insulin resistance को कम करने में मदद करते हैं, जो PCOS का एक common कारण होता है। यह blood sugar को 25% तक कम भी कर सकता हैं, जो PCOS की वजह से होता है। आप सहजन के पत्तों के powder को चाय में डाल कर अपनी health को boost कर सकते हो।पहाड़ी पुदीने की चाय (Spearmint Tea): कुछ आरामदायक चाहिए? यह चाय औरतों के high testosterone levels को कम करने में मदद करती है, जो PCOS में acne, unwanted hair growth, और irregular periods का कारण होता है। रोज़ 2 cups पहाड़ी पुदीने की चाय को पीने से PCOS के symptoms 40-50% तक reduce हो सकते हैं।सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar): आपने शायद सुना होगा कि यह weight loss के लिए अच्छा होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि सेब का सिरका PCOS को ठीक करने में भी useful है? यह weight और hormone को balance करने के लिए भी काफ़ी अच्छा होता है।अश्वगंधा (Ashwagandha): अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक herb है जो आपको stress कम करने में मदद करता है। यह cortisol levels को reduce करता है, जो PCOS के कारण high हो जाते हैं।मेथी के बीज (Fenugreek Seeds): मेथी के बीज सिर्फ़ खाने के लिये ही नहीं, बल्कि PCOS को कम करने के लिए भी असरदार होते हैं। इन्हें रात भर भिगोकर सुबह खाने से blood sugar levels कम हो सकते है और periods भी regular बन सकता है।Bonus नुस्ख़ा: दालचीनी (Cinnamon) – यह एक common spice है जो PCOS के symptoms को control करने में मदद करता है। यह periods को regulate करने, hormones को balance करने, और insulin resistance को कम करने में useful होता है। सिर्फ एक चम्मच दालचीनी अपनी में डाल कर आप अपने health में बड़ा फर्क ला सकते हो।इन घरेलू नुस्ख़ों को अपने daily routine में शामिल करके, आप PCOD और PCOS के symptoms को कम कर सकते हो।क्या आपने इनमें से कोई नुस्ख़ा try कीया है? अगर नहीं, तो अभी try करके देखिएSource:-1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC9745082/ 2. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23666047/ 3. https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1893279

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ब्रेस्ट कैंसर की जांच घर पर कैसे करें? | Self-Breast Exam और Early Detection!

क्या आपको पता है कि भारत में हर 22 में से 1 शहरी महिला को स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है?लेकिन चिंता मत कीजिए, आप घर पर ही स्तन की जांच करके स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगा सकती हैं।तो चलिए जानते हैं कि आप घर पर कैसे स्तन कैंसर की जांच कर सकती हैं:एक सही समय चुनें : यह जांच आप अपने पीरियड्स के कुछ दिन बाद करें, जब आपके स्तन कम नरम हो। अगर आपके पीरियड्स बंद हो चुके हैं, तो हर महीने एक ही दिन पर यह जांच करें।आईने के सामने जांच करें: आईने के सामने खड़े हो कर अपने स्तन के शेप या साइज़ में कोई बदलाव देखने की कोशिश करें। स्किन में बदलाव, रेडनेस, और सूजन की जांच करना भी बेहद ज़रूरी है!हाथों को ऊपर उठाएं : अब दोनों हाथ अपने सिर के ऊपर उठाएं और देखें कि जब हाथ उठते हैं, तब आपके स्तनों में कोई बदलाव तो नहीं आ जाते हैं। अगर कुछ अलग दिखे, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।गांठों की जांच करें:अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करके अपने स्तनों को धीरे से दबाएं। उंगलियों को घुमाते हुए, स्तन के बाहरी हिस्से से निप्पल तक जाएं। निप्पल और कॉलरबोन के आस-पास अलग-अलग तरीके से प्रेशर डालते हुए, गांठों या मोटी त्वचा की जांच करें।निप्पल की जाँच करें:दोनों निप्पल को धीरे से दबाएं। अगर खून या कोई डिस्चार्ज निकले, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।बगलों की जांच करना न भूलें: अपनी बगलों को न भूलें, क्योंकि स्तन का टिश्यू वहां तक फैला होता है। अगर आपको कोई बदलाव महसूस हो, तो डॉक्टर के पास जाना न भूलें।अगर आपको कुछ अलग दिखे, तो बेझिझक डॉक्टर होकर से बात करें। सुरक्षित रहें, और अपनी सेहत का ध्यान रखें।Source:-1. https://cancerindia.org.in/breast-cancer/ 2. https://www.indiancancersociety.org/breast-cancer/index.html

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PMS Mood Swings को Control करने के 5 असरदार तरीक़े!

क्या आप को periods के वक़्त, गुस्सा और चिड़चिड़ापन महसूस होता है? Periods के दौरान mood swings common होते हैं, लेकिन कुछ simple बदलाव से आप इन्हें ठीक कर सकती है।आइए, समझते हैं mood swings क्या होते हैं, ये क्यों होते हैं, और कैसे आप अपने emotions को control में रख सकती हैं।Mood swings का मतलब होता है आपके emotions का अचानक बदलना। एक second आप खुश feel कर रहे होते हो, और दूसरे ही second आपको गुस्सा या उदासी महसूस हो रही होती है। ये सब hormonal changes की वजह से होता है, जो आपके periods के दौरान होती हैं।जब आपके estrogen और progesterone levels ऊपर नीचे होते हैं, तो ये आपके brain के chemicals, जैसे serotonin, पर असर डालते हैं। Stress, नींद की कमी, और junk food खाने से ये और बढ़ सकता है।इन 5 तरीको से आपको periods के वक्त mood swings को control करने में मदद मिलेगीActive रहो: Exercise जैसे walking, yoga, या dancing से आपके body में endorphins release होते हैं- जिन्हें "feel-good" hormones भी कहा जाता हैं। ये stress को कम करते हैं और आपका mood तुरंत improve भी करते हैं।Healthy खाना खायें: ऐसे foods खाएं जो vitamins, minerals, और omega-3 fatty acids में rich हों। Dry fruits, फल, हरी सब्जियां, और fish से आपके blood sugar levels normal रहेंगे और mood भी अच्छा रहेगा।पानी पीते रहें: बहुत सारा पानी और herbal teas पिएं। Hydrated रहने से गंदगी body से बाहर flush हो जाती हैं और bloating कम होती है, जो आपको periods के दौरान उदास और परेशान feel करने से बचाता है।अच्छी नींद लें: हर रात 7-8 घंटे अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। Rest लेने से आपका शरीर और दिमाग़ दोनों recharge होते हैं, जो आपके emotions को handle करना आसान बनाता है।Relaxation Techniques Practice करें: Deep breathing, meditation, या calming music सुनने की कोशिश करें। ये techniques periods के दौरान आपका stress level कम करती हैं और आपको ज्यादा बेहतर feel करने में मदद करती हैं।इन नुस्ख़ों को follow करके, आप अपने शरीर और दिमाग को balance कर सकती हैं।Remember, periods आपके लिए challenges ला सकते हैं, लेकिन आपके पास इन्हें solve करने की power भी है।Source:- 1. https://www.health.qld.gov.au/newsroom/features/breaking-the-cycle-a-guide-to-understanding-and-managing-premenstrual-dysphoric-disorder-pmdd 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279264/ 3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK560698/

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