आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में कुल बीमारियों का लगभग 56.4% हिस्सा अस्वास्थ्यकर आहार की वजह से है। वैसे तो हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि ऐसी दो चीज हैं जो दिल की बीमारी और ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम करता है साथ ही diabetes को लगभग 80% तक रोकने में मदद करता है।इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के "My Plate" से हमें इसका उत्तर मिल गया है कि हमें पूरे दिन में क्या-क्या और कितना खाना चाहिए।चलिए एक बार पीछे मुड़कर देखते हैं और सोचते हैं कि हम हर रोज क्या कहते हैं। क्या कोई एक ऐसा food group है जो हमारे रोज के खाने में सबसे ज्यादा मात्रा में उपलब्ध होता है?जी हां, researches से भी यह साबित हो चुका है कि भारतीय आहार पूरी तरह से सिर्फ “Refined Cereals” पर आधारित है। जबकि हमारे आहार में सभी micronutrients से भरपूर चीजों पर भी हमें ध्यान देना चाहिए जैसे की साबुत अनाज, दालें, बीन्स, नट्स, सब्जियां और फल आदि।मुझे लगता है कि एक सवाल अभी भी हमारे मन में आ रहा है - हमें कितना खाना चाहिए?आइए इसे आईसीएमआर की My Plate से समझते हैं: हमारे रोज के आहार में, क्या कितना होना चाहिए:सब्जियाँ, फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जड़ें और कंद: एक दिन में 500 ग्राम (आपके दैनिक आहार का 50% हिस्सा)1. दालें, अंडे और मांसयुक्त खाद्य पदार्थ: एक दिन में 85 ग्राम2.मेवे और बीज: प्रति दिन 35 ग्राम3.वसा और तेल: प्रति दिन 27 ग्राम4.अनाज और पोषक अनाज: प्रति दिन 250 ग्रामदूध: प्रतिदिन 300 मि.लीयाद रखें, यह केवल एक बार के भोजन के बारे में नहीं है, बल्कि आपको एक दिन में क्या खाना चाहिए इसके बारे में है।इसलिए, हमारे खान-पान की आदतों में वास्तविक बदलाव की जरूरत है। पहले कदम के रूप में आइए हम फलों और सब्जियों पर अधिक ध्यान दें और अनाज में कटौती करें।किन चीजों से बचें:1. अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड2. उच्च वसा, चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थकिन चीजों को कम से कम ले:1.चीनी2. खाना पकाने के लिए तेल3. बीच-बीच की स्नैकिंग4. पूरा जीवन स्वस्थ रहने के लिए इस स्वस्थ आहार का पालन करें।source:https://main.icmr.nic.in/sites/default/files/upload_documents/DGI_07th_May_2024_fin.pdf
मनु भाकर 2024 के ओलंपिक्स में 2 पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं। उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल खेल में अपना पहला कांस्य पदक जीता, जबकि 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्सड टीम खेल में अपना दूसरा कांस्य पदक जीता।मनु भाकर के अनुसार, किसी भी खिलाड़ी के लिए सुबह का नाश्ता छोड़ना एक सही विकल्प नहीं है। वह नाश्ते को वह फ्यूल (fuel) मानती हैं जो physically active रहने के लिए आवश्यक energy देता है।क्या सुबह का नाश्ता इन एथलीट्स का फिटनेस मंत्र है?केवल मनु भाकर ही नहीं, पीवी सिंधु, मीराबाई चानू और साइना नेहवाल* जैसे एथलीट्स भी स्वस्थ नाश्ते को विशेष महत्व देते हैं।उन्हीं की तरह, लगभग 50% प्रतिभागी खेल में महिलाएं हैं और वह सभी अपनी फिटनेस को बनाए रखने के लिए एक सख्त दिनचर्या का पालन करती हैं। आईए जानते हैं कि वह सुबह के नाश्ते में क्या खाना पसंद करती हैं और क्या नहींवह अक्सर क्या खाना पसंद करती हैं?हमारे एथलीट्स फल, फलों का रस, उबली हुई सब्जियां, सभी उबली हुई सब्जियों का सूप, सूखे मेवे और दूध जैसी चीजें सुबह के नाश्ते में पसंद करते हैं। अगर मांसाहारी हैं तो वे नाश्ते में उबले अंडे या मांस भी पसंद करते हैं।वे जानते हैं कि सिर्फ फिटनेस ही नहीं बल्कि उन्हें complete health (समग्र स्वास्थ्य) के बारे में ध्यान देने की जरूरत है। वे antioxidants और anti inflammatory लाभों के लिए अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थ जैसे फलों का सलाद, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि भी शामिल करते हैं।क्या आप जानते हैं कि mild dehydration भी खेल को 30% तक ख़राब कर सकता है? इसीलिए hydrated रहना सबसे जरूरी है।एथलीट्स hydration पर विशेष ध्यान देते हैं। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि व्यायाम के दौरान body से निकले हुए fluids को पूरा करने के लिए नियमित अंतराल के बाद ढेर सारा पानी, फलों का रस, नारियल पानी और energy drinks का सेवन करते रहे।अपनी आत्मकथा, "Playing to Win” में साइना नेहवाल ने बताया है कि कैसे उनके कोच ने उन्हें अपना खेल अच्छा रखने के लिए hydration का महत्व समझाया है।मनु भाकर का कहना है कि "Recovery मेरी फिटनेस का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, इसलिए मैं नींद और आहार दोनों को को बहुत महत्व देती हूं।"3 चीजें जो वे अपने आहार में खाने से परहेज करते हैं?मसालेदार भोजनतला हुआ और जंक फूडअधिक मात्रा में चीनी और घीहमारे एथलीट्स का कहना है कि हर रोज व्यायाम के साथ स्वस्थ आहार का पालन करने से उनकी एथलेटिक क्षमता अच्छी रहती है।खुद को फिट रखने के लिए इसी फिटनेस मंत्र का पालन करें। याद रखें कि आज से अपना सुबह का नाश्ता कभी न छोड़ें।Source:-1.https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3805623/2. https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S27682765240050423. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC8336541/
बारिश का मौसम काफी लोगों का पसंदीदा मौसम होता है। इस मौसम में लोग चाय के साथ गरमा गरम पकोड़े या समोसे का मज़ा लेते हैं, और मोमेंट्स क्रिएट करते हैं।पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये साफ और साधारण दिखने वाला बारिश का पानी आपके या आपके बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है?बारिश देखते ही उसमें खेलना, स्विम करना या भीगने का मन करता है। और यही सुकून देने वाला बारिश का पानी जब इकट्ठा होने लगता है तो वॉटर लॉगिंग जैसी प्रॉब्लम्स होती हैं, जो कई सारे जानलेवा वायरस, बैक्टीरिया और परजीवी का घर बन जाती हैं।केरल में, 21 मई को 5 साल की बच्ची, और 25 जून को 13 साल की बच्ची के बाद, पिछले हफ्ते ही एक 14 साल के बच्चे की मौत हुई है। और इन सब का कारण है, एक बहुत ही रेयर ब्रेन इंफेक्शन “एमोएबिक मेनिनगोएन्सेफलाइटिस” जो Naegleria fowleri नाम के अमीबा से होता है। इसे “ब्रेन ईटिंग अमीबा” के नाम से भी जाना जाता है।Naegleria fowleri वॉर्म वॉटर रिसोर्सेस जैसे, तालाब, नदी, हॉटस्प्रिंग्स या स्विमिंग पूल्स में ग्रो करता है।मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये इंफेक्शन तब होता है, जब किसी भी इन्फेक्टेड वॉटर रिसोर्सेस के थ्रू Naegleria fowleri आपकी बॉडी में आपकी नाक के द्वारा एंटर करती है, और फिर आपकी नाक में रहे ओलफैक्टरी नर्व्स के थ्रू ब्रेन तक पहुँच जाता है और ब्रेन टिशूज को डेस्ट्रॉय कर देता है।लेकिन ये कंटैमिनेटेड पानी पीने से ये इंफेक्शन नहीं होता है और ना ही एक इंसान से दूसरे में फैलता है।और इस ब्रेन इंफेक्शन के मुख्य सिम्पटम्स हैं: बुखार, सिर दर्द, उल्टी आना, दौरे पड़ना, गर्दन का अकड़ना, और हेल्युसिनेशन्स हैं।अब सवाल आता है कि इस खतरनाक बीमारी से कैसे बच सकते हैं?इस इंफेक्शन का हाल में कोई इलाज नहीं है। डॉक्टर कुछ मेडिसिन्स जैसे एम्फोटेरिसिन बी, एज़िथ्रोमाइसिन, फ्लुकोनाज़ोल, रिफ़ाम्पिन, मिल्टेफोसिन, और डेक्सामेथासोन को मिक्स करके इस रेयर इंफेक्शन को मैनेज करते हैं।केरल के चीफ मिनिस्टर पिनाराई विजयन ने इस मामले के लिए एक मीटिंग भी की और सेंटर्स फॉर डिज़ीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के ये गाइडलाइन्स फॉलो करने को एडवाइस किया है।1. गर्मी के दिनों में नदी, तालाब या किसी भी स्विमिंग पूल में ना जाएं, क्योंकि ये अमीबा गर्म पानी में ग्रो करता है।2. जब भी आप पानी के अंदर जाएं तो अपनी नाक हाथ से बंद कर लें या फिर नोज़ क्लिप का इस्तेमाल करें।3. जब भी आप स्विम कर रहे हैं तो अपना सिर पानी के ऊपर रखने की कोशिश करें।4. पानी के नीचे रहे सिडिमेंट्स को डिस्टर्ब ना करें, क्योंकि ये अमीबा ज्यादातर पॉन्ड्स, लेक्स या रिवर्स के सिडिमेंट्स में पाए जाते हैं।5. और अगर आपको साइनसाइटिस है तो, पानी को 1 मिनट तक गर्म करें और उसे ठंडा होने दें, उसके बाद अपने साइनस को रिंस करें।Source:-1.https://www.mdpi.com/1660-4601/20/4/30212. https://www.cdc.gov/naegleria/about/index.html3. https://www.cdc.gov/naegleria/causes/index.html
मानसून की पहली बारिश ने हमें गर्मी से काफी राहत दी है और किसानों के लिए तो यह एक वरदान है। लेकिन, इस भारी बारिश ने दिल्ली, अयोध्या, और गुरुग्राम जैसे क्षेत्रों में जल-जमाव की समस्या खड़ी कर दी है। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक छत गिरने से तो हादसा भी हो गया।जल-जमाव से होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं पर बात करें तो, सबसे पहले, ये क्षेत्र डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, और कॉलेरा जैसी बीमारियों के लिए एकदम उपयुक्त वातावरण बनाते हैं।अगर यह पानी आपकी आंखों से संपर्क करता है, तो conjunctivitis और keratitis जैसे आंखों के infection हो सकते हैं।आपकी स्किन अगर इस पानी से टच होती है, तो bacteria और fungi आपकी स्किन पर transfer हो सकते हैं, जिससे eczema या dermatitis जैसे fungal infections हो सकते हैं।इसके अलावा, यह पानी gastrointestinal infections का कारण बन सकता है क्योंकि यह बैक्टीरिया, वायरस, और parasites के लिए एक सूटेबल environment बनाता है। और जब आप यह contaminated पानी पीते हैं, तो विभिन्न stomach infections हो सकते हैं।और अंत में, जल-जमाव के bacteria, virus या parasites के spores जब हवा के साथ मिक्स होकर आपके airways में पहुंचते हैं, तो ये airways में irritation पैदा कर सकते हैं और asthma या allergic rhinitis जैसी respiratory problems का कारण बन सकते हैं।इसलिए, इन health risks से बचने के लिए proper drainage और sanitation बहुत ज़रूरी है।Source:-1. Rahman, S., & Rahman, S. H. (2011). Indigenous coping capacities due to water-logging, drinking water scarcity and sanitation at Kopotaksho basin, Bangladesh. Bangladesh Journal of Environmental Research, 9(1), 7-16.https://www.researchgate.net/publication/2357022542. https://www.cdc.gov/healthywater/emergency/extreme-weather/floods-standingwater.html
क्या पुरुष और महिलाएं मोटापे से समान रूप से प्रभावित होते हैं?नहीं, पुरुष और महिलाएं मोटापे से समान रूप से प्रभावित नहीं होते हैं।मोटापे को समझनामोटापे की परिभाषा: मोटापा एक स्वास्थ्य समस्या है जहां व्यक्ति के शरीर में अत्यधिक चर्बी होती है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसे बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का उपयोग करके मापा जाता है, जो व्यक्ति के वजन (किलोग्राम में) को उसकी ऊंचाई (मीटर में) के वर्ग से विभाजित करके निकाला जाता है।पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतरशरीर की संरचना:महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में अधिक शरीर की चर्बी होती है।पुरुषों में आमतौर पर महिलाओं की तुलना में अधिक मांसपेशियों का मास होता है।स्वास्थ्य जोखिम:महिलाएं: दिल की बीमारी, स्ट्रोक और मधुमेह जैसी मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।पुरुष: उच्च रक्तचाप और यकृत रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।मोटापे के कारणअस्वस्थ जीवनशैली: मोटापे का मुख्य कारण शारीरिक गतिविधि की कमी और अस्वस्थ आहार है।अन्य कारक: आनुवांशिकी, हार्मोनल असंतुलन, और कुछ दवाएं भी मोटापे में योगदान कर सकती हैं।मोटापे की रोकथामस्वस्थ जीवनशैली: मोटापे को रोकने के लिए स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसमें शामिल हैं:संतुलित आहार लेनानियमित व्यायाम करनापर्याप्त नींद लेनाधूम्रपान और अत्यधिक शराब सेवन से बचनामोटापे का प्रभाव: जबकि मोटापा पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है, इसे रोकने की सबसे अच्छी रणनीति स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना है।Source:-1. Cooper, A. J., Gupta, S. R., Moustafa, A. F., & Chao, A. M. (2021). Sex/Gender Differences in Obesity Prevalence, Comorbidities, and Treatment. Current obesity reports, 10(4), 458–466. https://doi.org/10.1007/s13679-021-00453-x2. Rebecca Kanter, Benjamin Caballero,Global Gender Disparities in Obesity: A Review,Advances in Nutrition,Volume 3, Issue 4,2012,Pages 491-498,ISSN 2161-8313,https://doi.org/10.3945/an.112.002063. https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S2161831322010249
वजन घटाने की सर्जरी की प्रभावशीलता:मोटापे से जूझ रहे लोगों के लिए वजन घटाने की सर्जरी एक असरदार तरीका हो सकता है।आम समस्याएं:कुपोषण (Malnutrition): सर्जरी के बाद, आपका शरीर पोषक तत्वों को पहले की तरह अवशोषित नहीं कर पाता, जिससे विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है। इससे एनीमिया, ऑस्टियोपोरोसिस और नसों की क्षति जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।सर्जरी के दौरान की जटिलताएं: सर्जरी के दौरान रक्तस्राव, संक्रमण और दुर्लभ मामलों में मृत्यु का जोखिम होता है। वजन घटाने की सर्जरी एक प्रमुख सर्जरी है और किसी भी सर्जरी की तरह इसमें भी जोखिम होते हैं।डंपिंग सिंड्रोम: जब पचता हुआ खाना बहुत तेजी से पाचन तंत्र से गुजरता है, तो इससे मतली, उल्टी और दस्त हो सकता है।वजन का फिर से बढ़ना: यदि सर्जरी के बाद सही जीवनशैली में बदलाव नहीं किए गए, तो वजन फिर से बढ़ सकता है।सर्जरी से पहले विचार करने योग्य बातें:वजन घटाने की सर्जरी करवाने का निर्णय लेने से पहले इसके जोखिम और संभावित जटिलताओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए।अपने डॉक्टर, एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ और एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें ताकि यह तय किया जा सके कि वजन घटाने की सर्जरी आपके लिए सही है या नहीं।आमंत्रण:अगर आपको यह वीडियो जानकारीपूर्ण और उपयोगी लगा हो, तो हमारे चैनल को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें।Source:-Courcoulas A, Coley RY, Clark JM, et al. Interventions and operations 5 years after bariatric surgery in a cohort from the US National Patient-Centered Clinical Research Network Bariatric Study. JAMA Surgery. 2020;155(3):194–204. doi:10.1001/jamasurg.2019.5470https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/31940024/
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपके शरीर की कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों पर हमला करती है।इसकी तुलना उस स्थिति से की जा सकती है जहां आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली एक सुरक्षा गार्ड की तरह काम करती है जो गलती से आपके शरीर की कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों को घुसपैठियों के रूप में पहचान लेता है और उन पर हमला करना शुरू कर देता है।आम तौर पर, एंटीबॉडी के रूप में जाना जाने वाला प्रोटीन जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पैदा करती है, आपको जहर, कैंसर कोशिकाओं और वायरस सहित खतरनाक पदार्थों से बचाने का काम करती है। हालाँकि, जब आपको कोई ऑटोइम्यून बीमारी होती है, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली विदेशी आक्रमणकारियों और स्वस्थ कोशिकाओं के बीच अंतर करने में असमर्थ होती है।इससे आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन और क्षति हो सकती है।ऑटोइम्यून विकार कई प्रकार के होते हैं, जैसे ल्यूपस, रुमेटीइड गठिया, टाइप 1 मधुमेह और सीलिएक रोग।ऑटोइम्यून विकारों के कारणों को पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन उनमें आनुवंशिक, पर्यावरणीय और हार्मोनल कारक शामिल हो सकते हैं।ऑटोइम्यून विकारों के कुछ सामान्य लक्षण थकान, जोड़ों का दर्द, त्वचा पर चकत्ते, बुखार और पाचन समस्या हैंSource:-https://www.healthline.com/health/autoimmune-disordersDisclaimer:-This information is not a substitute for medical advice. Consult your healthcare provider before making any changes to your treatment. Do not ignore or delay professional medical advice based on anything you have seen or read on Medwiki.Find us at:https://www.instagram.com/medwiki_/?h...https://twitter.com/medwiki_inchttps://www.facebook.com/medwiki.co.in/
"क्या आप जानते हैं कि कुछ foods दिखने में उन body parts जैसे होते हैं, जिनके लिए वो अच्छे होते हैं? यह एक दिलचस्प तरीका है जिससे nature हमें याद दिलाती है कि कौन-सा खाना हमारे शरीर के किस हिस्से के लिए स्वस्थ है। Kidney beans हमारे kidneys के लिए, avocados हमारे womb के लिए, और olives हमारे ovaries के लिए फायदेमंद होते हैं।चलिए जानते जानते हैं इन foods के बारे में, कैसे वो हमारे body parts जैसे दिखते हैं, और हमारे स्वास्थ्य को कैसे लाभ देते हैं। शुरू करते हैं!Kidney beans जो बिल्कुल हमारे kidneys जैसे दिखते हैं, वास्तव में हमारे kidney function को heal और maintain करने में मदद कर सकते हैं।Avocado, जो मानव womb जैसा दिखता है और जिसे उगने में नौ महीने लगते हैं, उन nutrients से भरपूर है जो hormones को balance कर सकते हैं, cervical cancer को रोक सकते हैं, और postpartum weight loss में मदद कर सकते हैं।Olives, जो ovaries की तरह दिखते हैं, scientifically proven हैं कि वो ovarian health को balance करने में मदद कर सकते हैं।Oranges, जो breasts की तरह दिखते हैं, उनमें ऐसे compounds होते हैं जो breast cancer के risk को कम कर सकते हैं।Mushrooms, जो human ear जैसे दिखते हैं, Vitamin D से भरपूर होते हैं, जो bone health के लिए essential है, जिसमें ear के tiny bones भी शामिल हैं जो sound को brain तक transmit करने में मदद करते हैं।Sweet potatoes, जो pancreas की तरह दिखते हैं, diabetic patients के लिए glycemic index को balance करने में मदद कर सकते हैं।Grapes, जो lungs के alveoli जैसे दिखते हैं, इनमें high levels of resveratrol होता है, जो lungs और trachea के cells की मदद कर सकता है और asthma और अन्य bronchial issues से भी राहत दे सकता है।यह वाकई amazing है कि कैसे ये foods हमारे organs जैसे दिखते हैं और हमें इतने तरीकों से मदद करते हैं।Source:-1. Foods that resemble the body parts they help. (n.d.). Foods that resemble the body parts they help. Retrieved May 21, 2024, from https://www.walkervillechiropractic.com.au/foods-that-resemble-the-body-parts-they-help/2. Body parts diet: what it is and how to eat for optimum health. (n.d.). Body parts diet: what it is and how to eat for optimum health. Retrieved May 21, 2024, from https://www.houseofwellness.com.au/health/nutrition/body-parts-diet-eat
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