Rest की ज़रूरत हर किसी को होती है ताकि उनका physical से लेके mental health बना रहे। लेकिन क्या सिर्फ़ आंखें बंद करना या 6-8 घंटे की नींद लेने को rest कहते हैं? अगर सिर्फ़ सोने से complete rest मिलता तो, फिर क्यों अगले सुबह थकान महसूस होती है, काम करने का मन नहीं करता, या फिर एक break लेने का मन होता है?वो इसलिए क्यों कि सिर्फ़ सोने से आपको physical rest मिलता है, पर जो daily life stress है उसको हटाने के लिए और life में mental, physical और spiritual balance बनाए रखने के लिएTotal 7 types के rest हैं, जिसकी ज़रूरत हर किसी को होती है। आइए जानते हैं इन 7 types के rest के बारे में:Physical Rest: Physical rest की ज़रूरत तब होती है जब आपके body में कोई pain हो रहा हो, या फिर आप थक गए हैं, या फिर आपने कोई बहुत मेहनत वाला काम किया हो। Physical rest में सोना, nap लेना, exercise करना, stretching करना या फिर massage लेना होता है। ये सब करने से आपके body के tissues repair होने लगते हैं, stress कम होता है साथ ही energy level वापस maintain होती है।.Mental Rest: Mental rest की ज़रूरत तब होती है जब आपको सोचने-समझने में दिक्कत आती है, और रात भर आपके दिमाग़ में कुछ चल रहा होता है, या फिर चीजें याद नहीं रहतीं। Mental rest में आपको अपने काम के बीच छोटे-छोटे breaks लेने होते हैं, meditation करना होता है, जिससे आपको एक break मिलता है और आपको mental clarity मिलती है।Emotional Rest: Emotional rest की ज़रूरत तब होती है जब आप बहुत दुखी होते हो, गुस्सा, या irritated होते हो और आप अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते। ऐसे condition में आपको अपने किसी दोस्त या भरोसे वाले इंसान से बात करने की ज़रूरत होती है, ख़ुद का ख़याल रखना होता है।Sensory Rest: Sensory rest की ज़रूरत तब होती है जब आप अपने आस-पास की light, sound या सारी digital चीज़ों से परेशान हो जाते हैं। ऐसे case में आपको सारे electronic devices से दूर किसी natural place में time spend करना चाहिए जिससे आपका दिमाग़ शांत होता है और आपको relax feel होता है।Creative Rest: Creative rest की ज़रूरत तब होती है जब आपको लगता है कि आप काफ़ी time से एक ही काम कर रहे हैं, आप कहीं पे फंस गए हैं, या कोई नया काम करने की इच्छा नहीं होती। ऐसे condition में आपको किसी museum या किसी art gallery जाना चाहिए, या कोई ऐसी handicrafts वाली जगहों पे जाना चाहिए जहाँ से आपको inspiration मिले, आप कोई song भी सुन सकते हैं और फिर कोई नई book पढ़ सकते हैं।Social Rest: Social rest की तब ज़रूरत होती है जब आप अपने society के लोगों से या फिर social gatherings से थक गए हैं, आप अकेले रहना चाहते हैं। ऐसे case में आपको अपने किसी supportive friend के साथ time बिताना चाहिए, और ऐसे social gatherings से दूर रहना चाहिए ताकि आप positive सोच सकें और positive relationship बना सकें, fake लोगों से हट के।Spiritual Rest: Spiritual rest की ज़रूरत तब होती है जब आपको लगता है कि life में कुछ करने को है ही नहीं, या कुछ अच्छा नहीं हो रहा, या फिर अपने होने का reason नहीं पता चल रहा। ऐसे condition में आपको कोई meditation, पूजा, या लोगों की सेवा करनी चाहिए। इससे आपको लगेगा कि आपके होने का क्या मतलब है, आप कितने important हैं।अब अगर आपको थका-थका महसूस हो तो check कीजिए आपको कौनसे type की rest की ज़रूरत है और जी भर के rest कीजिए। क्योंकि “Self care can get your power back”!Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5342845/ 2. https://www.mentalhealth.org.uk/sites/default/files/2022-06/Rethinking-Rest-guide-from-the-Mental-Health-Foundation.pdf
क्या एथलीट्स को भी कुछ तनाव होता है. क्यों नहीं, आख़िर वह देश के लिए खेलते हैं और देश को कभी निराश करना नहीं चाहते!सभी एथलीट के बारे में रिसर्च करने से एक इंटरेस्टिंग बात पता चली की सभी के तनाव निपटने के अपने अलग-अलग तरीके हैं आईए देखते हैं कौन सा एथलीट अपना तनाव कैसे mitaata है!PV Sindhu: पीवी सिंधु की लाइफ में मेडिटेशन का बहुत प्रमुख रोल हैवह कहती है कि मेडिटेशन का अभ्यास शुरू करने के बाद उनके दिमाग और दिल में क्या चल रहा था उसके बारे में उन्हें एकदम क्लेरिटी थी साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने जीवन में एकदम रियल चेंज महसूस हुआ और इसीलिए वह सभी को रोज मेडिटेशन करने की सलाह देती हैManu Bhaker: मनु भाकर ने भी अपने एक इंटरव्यू में सोने से पहले मेडिटेशन का अभ्यास करने के बारे में बताया था जिससे उन्हें अच्छी नींद लेने में और ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है. साथ ही वह तनाव को मैनेज करने के लिए योग भी करती हैंसाथ ही उनमें "भगवद गीता के श्लोकों" को लेकर लेकर गहरी धार्मिक आस्था है। वह हर रात सोने से पहले 2 श्लोक पढ़ती हैं जिससे उनके दिमाग में काफी clarity आती है।वह तो अपने तनाव को कम करने के लिए "पेंटिंग" करना भी पसंद करती है।Virat Kohli: विराट कोहली ने एक बार कहा था कि मुझे 13 लोगों से गिरे कमरे में भी अकेलापन महसूस हो रहा था हम समझ सकते हैं कि उसे समय वह किसी तनाव से गुजर रहे होंगे तो आखिर उन्होंने ऐसा क्या किया वह कहते हैं आराम करना और खेल के दबाव से उभारनाबहुत महत्वपूर्ण हैक्योंकिउसे संबंध को खोने से आसपास की कई अन्य चीज खराब हो सकती हैंइसीलिए ठीक होने के लिए आराम करना ही उनके लिए तनाव दूर करने की एक कुंजी हैSaina Nehwal: साइना नेहवाल का दृष्टिकोण अलग है वह कहती है ऐसी स्थिति में जहां आप कभी-कभी जीत नहीं पाते हैं और आप तनाव ग्रस्त होते हैं अपनी भावनाओं और तनाव को दूर करने के रोने से मन हल्का किया जा सकता है साथ ही उनका कहना है कि रोने के बाद वह बहुत जल्दअपनी प्रेक्टिस पर लौट जाती हैं क्योंकि वह यह नहीं बोलते कि बाकी सभी खिलाड़ी इस समय अगले खेल के लिए प्रैक्टिस कर रहे हैंMohammad Ali:मुहम्मद अली, कोबे ब्रायंट और फ़्लॉइड मेवेदर जैसे एथलीट तनाव-निवारक के रूप में नृत्य को चुनते हैं*तो, ध्यान से लेकर योग तक, रोने से लेकर भगवद गीता सुनने तक और आराम से लेकर नृत्य तक कई उपचार हैं जो हमारे एथलीटों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए उनकी मदद करते हैं।Source:- 1. https://www.health.harvard.edu/blog/mindfulness-meditation-may-ease-anxiety-mental-stress-201401086967 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4142584/
वरात्रि व्रत का महत्व: वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारणनवरात्रि का पवित्र त्योहार शुरू हो चुका है, और इस दौरान बहुत से लोग व्रत भी रखते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रि में व्रत क्यों किया जाता है? दरअसल, इस व्रत का एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कनेक्शन है। हमारे पूर्वजों ने नवरात्रि के समय व्रत रखने की परंपरा इसलिए बनाई थी ताकि हम भक्ति के साथ-साथ अपने पाचन तंत्र को भी आराम दे सकें और अपने मन और शरीर को शुद्ध कर सकें।आज हम जानेंगे कि नवरात्रि के व्रत को सही तरीके से कैसे किया जाए, ताकि आप पूरे 9 दिन स्वस्थ और ऊर्जावान रह सकें।1) हाइड्रेटेड रहेंव्रत के दौरान अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद ज़रूरी है। पानी के साथ-साथ नारियल पानी, लस्सी या जूस का सेवन करें। ये न सिर्फ आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं, बल्कि इलेक्ट्रोलाइट्स को भी संतुलित करते हैं। नारियल पानी में पोटैशियम होता है, जो मांसपेशियों की थकान को कम करने में मदद करता है और आपको सक्रिय बनाए रखता है। सही हाइड्रेशन से आपका मेटाबॉलिज्म भी ठीक रहता है।2) सही खानपान अपनाएंकुट्टू, सिंघाड़ा और राजगिरा जैसे ग्लूटेन-फ्री अनाज व्रत के लिए बहुत अच्छे होते हैं। ये अनाज पचने में आसान होते हैं और आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं। कुट्टू में प्रोटीन, फाइबर और रूटिन नामक फ्लेवोनॉइड होता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। ये अनाज पाचन को सही रखते हैं और पूरे दिन ऊर्जा बनाए रखते हैं।3) हेल्दी फैट्स का सेवन करेंघी, पनीर और दही जैसे हेल्दी फैट्स आपके शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करते हैं। घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है, जो पेट की लाइनिंग को हील करने में मदद करता है। ये फैट्स आपकी भूख को नियंत्रित रखते हैं और शरीर को आवश्यक पोषण देते हैं।4) हल्का खाना खाएंव्रत के दौरान हल्के स्नैक्स का सेवन करें जैसे फल और भुने हुए मखाने। फलों में नैचुरल शुगर और फाइबर होते हैं, जो पाचन को आसान बनाते हैं। मखानों में एंटीऑक्सीडेंट्स और मैग्नीशियम होते हैं, जो शरीर को पोषण देते हैं। तले हुए खाने से परहेज करें, क्योंकि यह पाचन को धीमा कर सकता है और पेट में भारीपन पैदा कर सकता है।कौन नहीं रखें व्रतहालांकि व्रत एक पवित्र परंपरा है, लेकिन यह सभी के लिए नहीं होता। गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, बच्चे, किशोर, या वे लोग जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं, टीबी, या कोई अन्य चिकित्सा समस्या हो, उन्हें व्रत नहीं रखना चाहिए। क्योंकि स्वास्थ्य सबसे पहले आता है, है ना?स्मार्ट व्रत रखें और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंइस नवरात्रि अपने व्रत को समझदारी से मैनेज करें और अपने शरीर और आत्मा को शुद्ध रखें। माँ दुर्गा का आशीर्वाद और उनकी शक्ति आप सभी के साथ हो। आपका व्रत सफल और फलदायी हो।जय माता दी!
आज हर जगह लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि "खाना पकाने के तेल को दोबारा इस्तेमाल करने के क्या नुकसान हैं?"भारतीयों को तेल का उपयोग करके खाना पकाना बहुत अच्छा लगता है। और अगर भारत में कोई विशेष अवसर हो या कोई त्योहार हो तो वह भी पूड़ी और पकौड़े बनाए बिना पूरे नहीं होते हैं।लेकिन देखा गया है कि हम अपना खाना बनाने के लिए अक्सर एक ही तेल का इस्तेमाल बार-बार करते हैं, ताकि लागत भी बचे और तेल की बर्बादी भी कम से कम हो। सिर्फ हमारे घर में ही नहीं, बल्कि सड़क किनारे खाने की दुकानों, होटलों और रेस्तरांओं में हर जगह तेल का दोबारा इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन, एक ही खाना पकाने के तेल को बार-बार इस्तेमाल करने के दुष्परिणामों के बारे में कभी कोई बात नहीं करता।आइए आज समझते हैं कि जब खाना पकाने के तेल को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है तो क्या होता हैतेल को बार-बार गर्म करने से इसमें टोटल पोलर कंपाउंड (टीपीसी) बनता है जो इसे उपभोग के लिए खराब बना देता है। बार-बार गर्म करने से, खाना पकाने के तेल के पोषण गुणों पर भी काफी गलत असर पड़ता है।खाना पकाने के तेल का दोबारा उपयोग हमारे स्वास्थ्य पर कैसे प्रभाव डालता है?कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से:इसमें हानिकारक toxins निकलते हैंइसमें ट्रांस-फैट की मात्रा बढ़ जाती हैवह ताजा नहीं रह जाता और इसलिए स्वाद या गंध खराब हो सकती हैकुछ बहुत हानिकारक प्रतिक्रियाएँ होने लगते हैंतेल को दोबारा गर्म करना लोगों की सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। इसके बहुत गंभीर हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।खाना पकाने के लिए तेल का उपयोग करते समय हम क्या सावधानियां बरत सकते हैं?तेल को दोबारा गर्म करते समय हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए कुछ उपाय हैं:तेल को ज्यादा देर तक गर्म न करेंभोजन को तलने से पहले उसमें नमक न डालेंContamination को कम करने के लिए तेल में खाने के कणों को जमा होने से रोकें।हालाँकि, दोबारा गर्म किए गए खाना पकाने के तेल के हानिकारक प्रभावों से हमें बचाने में मदद करने के लिए खाद्य तेल के पुन: उपयोग को सख्ती से नियंत्रित करना बेहतर होता है।Source:-1https://www.researchgate.net/publication/336800574_The_Effect_of_Repeatedly_Cooking_Oils_on_Health_and_Wealth_of_a_Country_A_Short_Communication2. https://fssai.gov.in/upload/media/FSSAI_NEws_Oil_Insider_30_09_2019.pdf
Dussehra: Sirf Raavan ko nahi, apne andar ke 'Raavan' ko bhi harayeinDussehra ek aisa tyohar hai jo Raavan ki buraiyon par acchai ki jeet ka prateek hai. Lekin, kya aapne kabhi socha hai ki hum sabki zindagi mein bhi kai chhote-chhote 'Raavan' chhupe hote hain? Ye 'Raavan' humari buri aadatein hain—jaise gussa, aalas, unhealthy khana, stress lena, kam neend lena, exercise na karna, aur apni sehat ko nazarandaz karna.Jaise Raavan ke dus sir the, waise hi humari zindagi mein bhi kai buri aadatein hoti hain, jo humari sehat aur khushi ke raste mein rukawat banti hain. In aadaton ko pehchanna aur unhe khatam karna zaroori hai, taaki hum ek behtar, healthy aur energetic life jee sakein.Raavan ke dus sir aur humari buri aadatein:1. Gussa: Raavan ka ghamand uski sabse badi kamzori thi. Hamara gussa bhi waise hi humari zindagi mein pareshaniyan badha sakta hai.2. Aalas: Kaam ko talna aur aalas karna humari productivity aur growth ko rokta hai.3. Sehat ko nazarandaz karna: Apni physical aur mental health ka dhyan na dena humare jeevan ke balance ko bigaad sakta hai.4. Unhealthy khana: Jaise raavan apni ichhaon ke vash mein tha, hum bhi unhealthy cravings ka shikaar ho jaate hain.5. Stress lena: Zyada chinta karna hamare man aur sharir dono ko nuksan pahunchata hai.6. Kam neend lena: Neend ki kami se hum thake hue aur kamzor mehsoos karte hain, jo din bhar ke kaamon ko asar dalti hai.7. Exercise na karna: Shariirik roop se sakriya na rehna humare overall health ko affect karta hai.8. Jaldi gussa hona: Chhoti-chhoti baaton par gussa aana emotional stability ko affect karta hai.9. Negative soch: Negetivity se hamari mental health prabhavit hoti hai, aur hum apne goals ko paane se door ho jaate hain.10. Apne liye waqt na nikalna: Jaise Raavan apne ghamand aur takkaron mein uljha raha, hum bhi apni routine mein itne busy ho jaate hain ki apne liye waqt nahi nikalte.Chhote lifestyle changes, bade results:Mindful eating: Apne khane ko dhyan se chuney. Zyada processed food ke bajaye fresh aur healthy khana apnaayein.Stress management: Meditation, deep breathing exercises aur yoga apne routine mein shamil karein.Adequate sleep: Raat ko kam se kam 7-8 ghante ki neend lein taaki aap fresh aur energetic feel karein.Exercise: Rozana 30 minute walk, yoga, ya exercise karna apko physically aur mentally strong bana sakta hai.Time management: Apni priorities set karen aur apne liye bhi waqt nikalna seekhein.Apni life ke 'Raavan' ko alvida kahenIs Dussehra, sirf Raavan ke putle ko nahi, apni unhealthy habits ko bhi jalayein. Ek buri aadat ko chhodiye aur ek healthy aur happy life ki taraf kadam badhaiye. Chhote-chhote lifestyle changes se aap apni zindagi ko behtar bana sakte hain. Acchai ko chuney, sehat ko apnayein, aur apne 'Raavan' ko harayein.
पहले के समय में पानी ही सबसे ताज़ा और शुद्ध तरल पदार्थों में से एक था। लाखों वर्षों तक मनुष्य सिर्फ पानी पर ही निर्भर रहा।फिर धीरे-धीरे दूध, बीयर, वाइन, कॉफी, चाय आदि जैसे अन्य विकल्प आए और हमने समय के अनुसार इनमें से विकल्प चुनना शुरू कर दिया। आज के समय में हम अपना विकल्प उस हिसाब से जानते हैं कि हम कहां और किन के साथ बैठे हैं और यहीं पर हममें एक बड़ा बदलाव आया कि हम अपने और अपने बच्चों के लिए भी समझदारी से healthy fluids चुनने में असमर्थ हो गए।अगर बहुत सारे fluids पीने की सलाह दी जाती है, तो क्या ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कोई भी fluids पीना ठीक है?बिलकुल “नहीं”।आइए कुछ healthy drink options पर बात करें जो हम भी पी सकते हैं और अपने बच्चों को भी दे सकते हैं:1. नारियल पानी: नारियल पानी प्यास बुझाने के लिए nutritious और healthy fluids में से एक है। यह चीनी, प्रोटीन, amino acid, vitamin, minerals और कुछ growth को बढ़ावा देने वाले कारक प्रदान करता है।ताजे फलों का रस: ताजे फलों का रस निश्चित रूप से एक बहुत ही स्वस्थ विकल्प है। Researches से साबित हुआ है कि जूस से विटामिन, minerals और bio-active compounds शरीर में आसानी से absorb हो जाते हैं। इसलिए, यह अच्छा पोषण देते हैं। यह भी साबित हो चुका है कि रोजाना फलों का जूस पीने का मोटापे या डायबिटीज से कोई लेना-देना नहीं है।Green Tea: Green Tea में polyphenols होते हैं, जिसमें flavanols, flavonoids और phenolic acid शामिल होते हैं। इसके सेवन से कई प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद मिलती है, जिसमें फेफड़े, esophagus, मुंह, pancreas आदि के कैंसर शामिल हैं।4. नींबू पानी: नींबू citric acid, vitamin C और polyphenols का एक समृद्ध स्रोत है जो कुछ स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है जैसे थकान से राहत, anti-aging प्रभाव और हृदय रोगों और कुछ कैंसर के खतरे को कम करता है।5. दूध: दूध और डेयरी उत्पाद कैल्शियम, प्रोटीन और कुछ विटामिन और minerals से भरपूर होते हैं और हृदय रोगों, मधुमेह जैसी कुछ पुरानी बीमारियों से भी बचाते हैं और bone density में भी सुधार करते हैं।घर पर बनी smoothie: घर पर बनी smoothie को फलों, सब्जियों, हरी सब्जियों और मेवों को मिलाकर बनाया जा सकता है। वे पोषक तत्वों से भरपूर हैं और काफी तृप्ति देती हैं।Hot - Chocolate: बिना चीनी मिलाई गई hot chocolate एक healthy drink हो सकती है। Cocoa मूड को अच्छा बनाता है और diabetes के खतरे को भी कम करता है।सोया दूध या बादाम दूध: शाकाहारी लोगों के लिए यह एक बढ़िया विकल्प है। यह fiber और प्रोटीन से भरपूर है और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है।Black Coffee: अगर कम मात्रा में लिया जाए तो black coffee भी एक healthy drink है। यह कई पुरानी बीमारियों के खतरे को कम करता है।Kombucha: Kombucha एक fermented drink है और fermentation bioactive compounds, विटामिन बी, विटामिन सी और कुछ आवश्यक minerals जैसे iron, Magnesium, zinc आदि की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है।सोडा, एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे मीठे drinks से बचना सुनिश्चित करें जो अनावश्यक कैलोरी देते हैं देते हैं और कोई पोषण प्रदान नहीं करते हैं।Source:-1 .https://www.researchgate.net/publication/353603073_An_Overview_on_Coconut_Water_As_A_Multipurpose_Nutrition 2. https://www.researchgate.net/publication/353603073_An_Overview_on_Coconut_Water_As_A_Multipurpose_Nutrition
आज हम बात करेंगे cycling के health benefits के बारे में। क्या आपने जाना है कि सिर्फ cycling करने से heart diseases होने का खतरा 50% तक कम हो जाता है? और भी बहुत सारे health benefits हैं cycling करने के। आइए शुरू करते हैं:साइकिल चलाने के 5 फायदे: रोजाना साइकिल (Cycling) चलाने के स्वास्थ्य लाभ!Heart Health को सपोर्ट करता है: Cycling करने से body को ज्यादा oxygen की ज़रूरत होती है, जिसके कारण heart को ज्यादा blood pump करना पड़ता है। ऐसा करने से heart के muscles मजबूत होते हैं और साथ ही blood circulation भी अच्छा रहता है, जो overall heart health के लिए बहुत अच्छा होता है। यानी heart से संबंधित समस्याएँ जैसे stroke, high blood pressure आदि के chances कम हो जाते हैं।Weight Loss: सिर्फ एक घंटे cycling करने से करीब 600 calories burn हो सकती हैं। Cycling करते वक्त body को energy चाहिए होती है, जो calories burn करने से मिलती है, और साथ ही body fat भी कम होने लगता है, जिससे weight loss में मदद मिलती है।Mood Improve करता है: Cycling करने से body में endorphins यानी feel-good hormones release होते हैं, और stress hormone भी कम होता है, जिससे stress कम होता है और mental health भी अच्छा रहता है।Muscles को मजबूत करता है: Cycling करने से पैरों के सारे muscles, चाहे वो thigh हों या calf muscles, सब मजबूत होने लगते हैं, इनकी flexibility बढ़ती है और इनमें मौजूद fats भी कम होने लगते हैं, जिससे पैर toned दिखते हैं।Joint Health के लिए अच्छा है: Cycling करने से joints पर उतना असर नहीं पड़ता जितना running करने से होता है, जिसके कारण ये घुटनों और कमर की movement को smooth करता है। और जिन लोगों को joint की दिक्कत होती है, वो भी cycling आसानी से कर सकते हैं।तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? आज ही cycling शुरू कीजिए, और healthy body और mind के साथ अपने body को भी shape में रखिए।Source:- 1. https://www.health.harvard.edu/blog/biking-and-sex-avoid-the-vicious-cycle-201209145290 2. https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/cycling-health-benefits
अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे से सोना बहुत जरूरी है, इस बात में कुछ भी नया नहीं है लेकिन, आज के lifestyle में लोगों को आराम और नींद के लिए मुश्किल से ही समय मिल पाता है।अच्छी diet और exercise जितना हमारे लिए जरूरी है, उतनी ही जरूरी है अच्छी नींद। यह brain performance, mood और health सभी के लिए महत्वपूर्ण है।नींद अच्छे से पूरी न होने से heart diseases, stroke, obesity और dementia जैसी बहुत सी बीमीरियों का ख़तरा बढ़ जाता है।नींद हमारे लिए repairing mechanism के रूप में भी काम करती है।अच्छी नींद लाने के लिए 7 उपाय (Tips):ऐसे तो सोना रोज़ का सा काम लगता है, लेकिन कभी-कभी हमें अच्छे से सोने के लिए मदद की ज़रूरत पड़ती है और ये 7 tips आपको अच्छे से सोने में मदद कर सकती हैं:1. रोजाना exercise करें: रोजाना exercise करने या brisk walk करने न केवल वजन कम करने में मदद मिलती है, बल्कि इससे अच्छी नींद भी आती है। यह हमारे अंदर melatonin hormone को बढ़ाने में मदद करता है जिससे अच्छी नींद आती है।2. Bed को केवल सोने के लिए ही reserved रखें: एक बार जब आप बिस्तर पर आ जाएँ, तो उसके बाद phone calls, texting, emails का जवाब, reels, TV aur youtube videos से बचें। बिस्तर पर आने के बाद केवल आराम करें और सोने पर ध्यान दें।3. Room का environment आरामदायक बनायें: अपने कमरे में जितना हो सके आरामदायक वातावरण बनाने का प्रयास करें। कमरे का वातावरण एकदम शांत, अंधेर और ठंडा होना चाहिए। याद रखें सोते समय TV और अपना smartphone कमरे में न रखें; ये बहुत ही बड़े distractions हैं।4. अपने सोने का एक ritual बनायें: जैसे जब हम बच्चे थे तो एक लोरी हमें रोज़ाना सोने में मदद करती थी, वैसे ही रोज़ाना का एक सामान ritual, adults को भी सोने में मदद कर सकता है। चाहे वह गर्म दूध पीना हो, किताब पढ़ना हो या शांत संगीत सुनना हो, ये गतिविधियां आपके शरीर को संकेत देते हैं कि यह सोने का समय है। इसके अलावा, हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की कोशिश करें। इससे आपके शरीर को सोने के लिए एक healthy pattern मिलने में मदद मिलती है।5. सोने से पहले सोच समझ के खाएं: सोने से पहले भूखे रहना या बहुत अधिक पेट भरा हुआ होना, दोनों ही आपको सोने के समय परेशान कर सकते हैं। सोने से दो-तीन घंटे पहले बहुत ज्यादा खाना ना खाएं। यदि आपको सोने से पहले भूख लग रही है, तो कुछ थोड़ा सा healthy snack खाएं जो सुबह तक के लिए आपकी भूख शांत कर दे।6. शराब और कैफीन से बचें: सोने से पहले wine पीने और chocolate खाने से बचें। इनमें caffiene की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिससे आपको थोड़ी नींद आती है, लेकिन यह वास्तव में रात में नींद को disrupt करता है।7. तनाव मुक्त रहें: तनाव से ऐसे hormones release होते हैं जो नींद के खिलाफ काम करते हैं। सोने से पहले खुद को शांत होने के लिए समय दें। Deep breathing जैसे कुछ relaxation techniques का उपयोग करें, जो अच्छी नींद को बढ़ावा दे सकते हैं और दिन के समय में भी चिंता को कम करने में मदद कर सकते हैं।अपनी नींद में सुधार के लिए इन आसान lifestyle changes को आजमाएं। लेकिन अगर आप खर्राटे लेने, छाती या गले में जलन, या रात में बेचैनी जैसे लक्षणों से जूझते हैं, तो आपको sleep apnea या GERD जैसी परेशानियां हो सकती हैं। ये नींद को disrupt कर सकते हैं और दिन भर में आपको थकान महसूस करवा सकते हैं। ऐसे मामलों में, सही diagnosis और treatment के लिए doctor से consult करना जरूरी है।Source:- 1. https://www.health.harvard.edu/newsletter_article/8-secrets-to-a-good-nights-sleep 2. https://www.nhlbi.nih.gov/files/docs/public/sleep/healthy_sleep.pdf
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1 केले में कितना potassium होता है?
Mrs. Prerna Trivedi
M.Sc. Nutrition, Certified Lactation Consultant
पोटैशियम की कमी के नुकसान!
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M.Sc. Nutrition, Certified Lactation Consultant
क्या आपकी भूख की वजह हैं आपके hormones?
Mrs. Prerna Trivedi
M.Sc. Nutrition, Certified Lactation Consultant
Diwali ke badle andaaz: patakhe ya diye?
Mrs. Prerna Trivedi
M.Sc. Nutrition, Certified Lactation Consultant