मानसून नजदीक आ रहल बा आ हमनी में से बहुते लोग के ई पसंदीदा मौसम बा:कुछ लोग के बरसात के समय माटी के गंध पसंद आवेला।कुछ लोग के आपन पसंदीदा किताब, चाय चाहे पकौड़ा जइसन स्नैक्स के आनंद लेवे के शौक बा।कुछ लोग बरसात के पानी पीये खातिर इकट्ठा करेला, ई सोच के कि एकरा से स्वास्थ्य के गजब के फायदा होला।का असल में बरसात के पानी पीये खातिर सुरक्षित बा?हाँ, लेकिन ओकरा के उबालला के बाद भा शुद्ध कईला के बाद ही।बरसात के पानी के बारे में तथ्य:अक्सर एल्कलाइन मानल जाला जे स्वस्थ होला बाकी, फैक्ट ई बा कि ई 5 से 5.5 के पीएच के साथ हल्का एसिडिक होला।पर्यावरण आ वायु प्रदूषक के संपर्क में आवे पर ई अउरी एसिडिक हो जाला।टंकी में जमा होखे के चक्कर में बरसात के पानी पहिले छत तक पहुंच जाला।जब ई छत पर डलेला त एकरा में बैक्टीरिया, वायरस आ परजीवी मिल जाला।स्वास्थ्य के मुद्दा:पीये पर स्वास्थ्य के कई गो समस्या पैदा हो सकेला।सुरक्षित तरीका:बरसात के पानी तबे पीये में सुरक्षित हो सकेला जब ओकरा के कीटाणुरहित कइल गइल होखे।भा पानी में क्लोरीन मिला के, उबाल के भा छानल होखे।Source:-1. Khayan, K., Heru Husodo, A., Astuti, I., Sudarmadji, S., & Sugandawaty Djohan, T. (2019). Rainwater as a Source of Drinking Water: Health Impacts and Rainwater Treatment. Journal of environmental and public health, 2019, 1760950. https://doi.org/10.1155/2019/17609502. Chubaka, C. E., Ross, K. E., & Edwards, J. W. (2017). Rainwater for drinking water: A study of household attitudes. WIT Transactions on Ecology and the Environment, 216, 299-311.https://www.semanticscholar.org/paper
अपना पसंदीदा खाना के विरोध कइल वाकई में मुश्किल होला। लेकिन, जादा खाए से लालसा के कवनो उचित समाधान ना होखे।हालाँकि, एहाँ 5 कदम बतावल गइल बा जवन कि तोहरा जादा खाए के प्रभावी ढंग से बंद करे में मदद कर सकेला:1. खाद्य पदार्थ के पहचान करीं: इ जानल जरूरी बा कि कवन खाद्य पदार्थ तोहरा जादा लुभावेला, अवुरी कवन खाद्य पदार्थ खाए के विरोध ना कर सकीलें। एकरा के अपना आँख से दूर राखीं ताकि आसानी से ना पहुंचे। इनहन के कम सुलभ बनावे से तहरा जादा खाए से रोकल जा सकेला।2. ध्यान से खाना खाईं: आपन पसंदीदा शो देखत घरी भा लैपटॉप प काम करत घरी खाना मत खाईं, इ एगो बहुत बड़ विकर्षण हो सकेला, अवुरी आसानी से एकरा के अनदेखा कर देला कि तू जरूरत से जादे खा रहल बाड़ू।3. सीमा में रह के खाईं: सिर्फ आपन सभ पसंदीदा खाद्य पदार्थ से अपना के पूरा तरीका से सीमित मत करीं, काहेंकि एकरा से तोहरे खाती जादे लालसा हो सकेला अवुरी द्वि घातुमान खाए के ओर ले जा सकेला।4. खाना खाए से पहिले साग-सलाद खाईं: खाना खाए से पहिले साग अवुरी सलाद के जादे खाए के कोशिश करीं, एकरा से तोहार पेट भरल महसूस हो सकेला अवुरी कम खाए के मौका मिल सकेला, अवुरी एही से जादा खाए से बचबू।5. शराब के सेवन सीमित करीं: अंत में अगर तू शराब पीयत बाड़ू त कोशिश करीं कि 2 से जादे पेय ना पीं, काहेंकि एकरा से भूख बढ़ सकेला अवुरी जादे खाए के पड़ सकेला।Source:-1. Razzoli, M., Pearson, C., Crow, S., & Bartolomucci, A. (2017). Stress, overeating, and obesity: Insights from human studies and preclinical models. Neuroscience and biobehavioral reviews, 76(Pt A), 154–162. https://doi.org/10.1016/j.neubiorev.2017.01.0262. Frayn, M., Livshits, S., & Knäuper, B. (2018). Emotional eating and weight regulation: a qualitative study of compensatory behaviors and concerns. Journal of eating disorders, 6, 23. https://doi.org/10.1186/s40337-018-0210-6
इंसान के शरीर में आपन प्राकृतिक डिटॉक्स तंत्र होखेला, जवन कि राउर शरीर से विषैला पदार्थ के बाहर निकाल के साफ राखेला।त लोग शरीर के डिटॉक्स करे के तरीका के बारे में काहें बात करेला?असल में, एकर मतलब बा कि तनिका धक्का या कम मेहनत जवन राउर शरीर के आसानी से अउरी पूरा तरीका से डिटॉक्स करे में मदद कर सकेला।एहिजा 3 बेसिक स्टेप बतावल गइल बा जवन कि राउर शरीर के पूरा तरीका से डिटॉक्स करे में मदद कर सकेला:1. उपवास: आप रुक-रुक के उपवास कर सकतानी, चाहे सप्ताह में कम से कम एक बेर पूरा दिन फास्ट रख सकतानी। इ राउर शरीर के सभ जहरीला पदार्थ के सही तरीका से प्रबंधित करे में मदद करेला। लेकिन जूस समेत भरपूर पानी पियल अनिवार्य बा, काहेंकि एकरा से राउर शरीर पसीना, पेशाब चाहे मल के माध्यम से विषाक्त पदार्थ के आसानी से बाहर निकाले में मदद करेला।2. सही खाद्य पदार्थ: अईसन खाद्य पदार्थ खाए के चाहीं, जवना में फाइबर, प्रोटीन अउरी एंटीऑक्सीडेंट जईसन कि साग, साइट्रस फल, जामुन, नट्स अउरी पालक से भरपूर होखे। इ खाद्य पदार्थ पाचन में सहायक हो सकेला अउरी डिटॉक्सीकरण प्रक्रिया में मदद कर सकेला, अउरी अंत में राउर दिल, दिमाग अउरी पूरा शरीर के स्वस्थ राख सकेला।3. स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ जीवनशैली जईसन कि व्यायाम, योग चाहे कवनो प्रकार के वर्कआउट कईल, पसीना के माध्यम से राउर शरीर के विषाक्त पदार्थ के आसानी से हटावे में मदद कर सकेला। संगही, हर रात गुणवत्तापूर्ण नींद होखल शरीर के आपन के कायाकल्प करे खाती बहुत जरूरी बा।ए स्टेप के पालन करके राउर शरीर के प्राकृतिक डिटॉक्स तंत्र के मदद मिल सकेला अउरी राउर स्वास्थ्य अउरी तंदुरुस्ती में सुधार हो सकेला।Source:-1. Hodges, R. E., & Minich, D. M. (2015). Modulation of Metabolic Detoxification Pathways Using Foods and Food-Derived Components: A Scientific Review with Clinical Application. Journal of nutrition and metabolism, 2015, 760689. https://doi.org/10.1155/2015/7606892. Jung, S. J., Kim, W. L., Park, B. H., Lee, S. O., & Chae, S. W. (2020). Effect of toxic trace element detoxification, body fat reduction following four-week intake of the Wellnessup diet: a three-arm, randomized clinical trial. Nutrition & metabolism, 17, 47. https://doi.org/10.1186/s12986-020-00465-9
पहिला मानसून गर्मी के बाद बहुत राहत मिलल आ किसानन खातिर एगो बढ़िया उपहार बा।लेकिन, भारी बरखा के चलते भारत के अलग-अलग क्षेत्र जईसे दिल्ली, अयोध्या अवुरी गुड़गांव में पानी के कटौती भईल अवुरी इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प छत गिरला के पीछे भी इ कारण बन गईल जवना से जानमाल के नुकसान भईल।जब बरसात के पानी के सही निकासी ना होखे त इ जमा हो जाला अवुरी एकरा के खड़ा पानी, ठहरल पानी, पानी के कटाई के नाम से जानल जाला, जवन कि राउर स्वास्थ्य खाती खतरनाक हो सकिले, काहेंकी एकरा से कई प्रकार के संक्रामक बेमारी के खतरा बढ़ जाला।आईं पानी के कटाई से होखे वाला स्वास्थ्य प्रभाव आ बेमारी के बारे में बात कइल जाव:पहिला, पानी से भरल इलाका सभ में घातक वायरस आ परजीवी सभ के बढ़े खातिर अनुकूल माहौल मिले ला जेवना से मनुष्य में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आ हैजा हो सके ला।दूसरा, पानी के लॉगिंग से आंख के संक्रमण जईसे नेत्रश्लेष्मशोथ अवुरी केराटाइटिस हो सकता, जब इ पानी आंख के संपर्क में आवेला।संगही जब राउर त्वचा लॉग पानी के संपर्क में आवेले त बैक्टीरिया अवुरी फंगस राउर त्वचा प स्थानांतरित हो सकता अवुरी एक्जिमा, चाहे जिल्द के सूजन जईसन फंगल संक्रमण पैदा क सकता।एतने ना, पानी के लॉगिंग से जठरांत्र संबंधी संक्रमण हो सके ला काहें से कि एह से बैक्टीरिया, वायरस आ परजीवी सभ के बढ़े आ प्रजनन खातिर उपयुक्त माहौल बने ला। आ जब रउरा एह दूषित पानी के पीईं त एकरा से पेट में तरह तरह के संक्रमण हो सकेला।आ, अंत में लॉग कइल पानी से बैक्टीरिया, वायरस भा परजीवी के बीजाणु रउरा साँस लेबे वाली हवा का साथे मिल के रउरा वायुमार्ग में घुस सकेला. ई फफूंदी के बीजाणु वायुमार्ग में जलन पैदा करे लें आ दमा, आ एलर्जी नासिकाशोथ नियर साँस के मुद्दा पैदा करे लें।त, स्वास्थ्य के अइसन खतरा के रोके खातिर सावधानी बरतल जरूरी बा जइसे कि पानी के सही निकासी, आ स्वच्छता।Source:-1. Rahman, S., & Rahman, S. H. (2011). Indigenous coping capacities due to water-logging, drinking water scarcity and sanitation at Kopotaksho basin, Bangladesh. Bangladesh Journal of Environmental Research, 9(1), 7-16. https://www.researchgate.net/publication/2357022542. https://www.cdc.gov/healthywater/emergency/extreme-weather/floods-standingwater.html
विराट कोहली, श्रुति हसन, मलाईका अरोड़ा, आ सारा अली खान जइसन भारत के मशहूर हस्ती अक्सर करिया पानी पीयत लउकेलें. सोशल मीडिया प ब्लैक वाटर के बहुत लोकप्रियता मिलल बा, काहेंकी इ सुपर हेल्दी ड्रिंक पावल गईल बा।लेकिन, असल में करिया पानी का होला?खैर, करिया पानी एगो एल्कलाइन पानी ह, जवना में फुल्विक एसिड के मात्रा जादा होखेला, जवना के चलते एकरा के करिया रंग मिलेला। फुल्विक एसिड में कैल्शियम, पोटेशियम अवुरी मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होखेला जवन कि एकरा के स्वस्थ पेय बनावेला।सेलिब्रिटी लोग करिया पानी काहे पीयेले?सेलिब्रिटी लोग कई कारण से करिया पानी के चुस्की लेवे के पसंद करेला:1. इ पेट में निमन बैक्टीरिया के मात्रा बढ़ावेला जवन कि पाचन अवुरी चयापचय में मदद करेला।2. एकर एल्कलाइन नेचर व्यायाम के बाद खून के कम चिपचिपा राखेला अवुरी डिहाइड्रेशन से बचावेला।3. संगही, फुल्विक एसिड डिटॉक्सीकरण में मदद करेला, काहेंकी इ शरीर में मौजूद विषैला पदार्थ से आसानी से जुड़ जाला अवुरी पेशाब के माध्यम से ओकरा के खतम क देवेला।4. एकरा अलावे इ डायबिटीज से बचाव करेला काहेंकी इ ब्लड शुगर के नियंत्रण में राखेला, सेलुलर ग्लूकोज के कम क के।5. त करिया पानी पियला से स्वास्थ्य खाती बहुत जादे फायदेमंद बा अवुरी चीनी वाला पेय पदार्थ के निमन विकल्प बा।Source:-1. Magro, M., Corain, L., Ferro, S., Baratella, D., Bonaiuto, E., Terzo, M., Corraducci, V., Salmaso, L., & Vianello, F. (2016). Alkaline Water and Longevity: A Murine Study. Evidence-based complementary and alternative medicine : eCAM, 2016, 3084126. https://doi.org/10.1155/2016/30841262. Chan, Y. M., Shariff, Z. M., Chin, Y. S., Ghazali, S. S., Lee, P. Y., & Chan, K. S. (2022). Associations of alkaline water with metabolic risks, sleep quality, muscle strength: A cross-sectional study among postmenopausal women. PloS one, 17(10), e0275640. https://doi.org/10.1371/journal.pone.0275640
शहद वास्तव में एक अत्यंत लाभकारी प्राकृतिक पदार्थ ह। एकरा विभिन्न किसिम आ स्वास्थ्य लाभ के कारण, ई बहुत लोकप्रिय बा।यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु:1. पोषक तत्व: शहद में प्रोटीन, विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट होखेला, जवना से ई स्वस्थ भोजन के रूप में देखा जाला। एकरा में जीरो फैट और थोड़े मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, और कैलोरी होखेला।2. एंटीऑक्सीडेंट: शहद में फ्लेवोनॉइड और फिनोलिक एसिड जइसन एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होखेला, जे उमर बढ़े के प्रक्रिया, डायबिटीज और दिल के बेमारी से बचाव में मदद करेला।3. एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होखेला, जेकरा से डायबिटीज, अल्सर, और जरे जइसन समस्या के ठीक करे में मदद मिलेला।4. खांसी के इलाज: शोध के अनुसार, शहद खांसी के सिरप से बेहतर होखेला। ई खांसी दबावे और नींद के गुणवत्ता बढ़ावे में मदद करेला, खासकर बच्चा और बड़ दुनो में।5. कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर: शहद खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर के कम क के और शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बढ़ा के ब्लड प्रेशर के कम करे में मदद करेला।6. ध्यान देवे वाली बात: शहद 1 साल से कम उमर के बच्चा के ना देवे के चाही, काहेंकि एकरा से बोटुलिज्म हो सकेला।शहद के इन गुणन के कारण ई एक प्राकृतिक और स्वस्थ विकल्प बा, लेकिन हमेशा ध्यान रखे के चाही कि इसे सही मात्रा में और सही तरीके से उपयोग करे के बा।Source:-1. Ajibola A. (2015). Novel Insights into the Health Importance of Natural Honey. The Malaysian journal of medical sciences : MJMS, 22(5), 7–22.https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5295738/2. Samarghandian, S., Farkhondeh, T., & Samini, F. (2017). Honey and Health: A Review of Recent Clinical Research. Pharmacognosy research, 9(2), 121–127. https://doi.org/10.4103/0974-8490.204647
जब भी भूख लगल होखे, सिनेमा देखत होखे, ट्रेक पर जाए के होखे, भा ठंडा लागेला, सबसे पहिले राउर दिमाग में मैगी आवेला। इ सुपर टेस्टी बा आ 2 मिनट में बनावल जा सकिला, जवना के चलते इ हर बेर खाए के सही विकल्प लागेला। लेकिन, हमनी के एकरा साइड इफेक्ट प भी विचार करे के चाहीं।अगर रउआ भी मैगी के प्रेमी बानी आ लगभग रोज मैगी खाता बानी, त इ जरूरी बा कि रउआ एकर संभावित नुकसान के बारे में जाने।मैगी के संभावित नुकसान1. एसिडिटी आ गैस:जब रउआ बहुत जादा मैगी खानी त एकरा में साइट्रिक एसिड के मात्रा जादा होखेला, जवना से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के गतिविधि बढ़ जाला। इ एसिडिटी, पेट फूले आ गैस के कारण बन सकिला।2. मोटापा आ दिल के बेमारी:रोज मैगी खइला से मोटापा हो सकेला आ दिल के बेमारी के खतरा बढ़ सकेला। एकरा में ट्रांस फैट के मात्रा जादा होखेला, जवन कि फैट के सबसे अस्वस्थ रूप बा। इ फैट के पचावल मुश्किल होखेला आ एकरा से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर भी बढ़ जाला।3. सोडियम के उच्च मात्रा:मैगी में प्रिजरवेटिव के रूप में सोडियम के मात्रा ढेर होला, जवन रोजाना के जरूरत के 46% हिस्सा होला। एकरा से हाई ब्लड प्रेशर आ हाइपरनाट्रीमीया हो सकेला, जवन कि शरीर में सोडियम के मात्रा जादा होखला प होखेला।4. मोनो सोडियम ग्लूटामेट (MSG):मैगी में मोनो सोडियम ग्लूटामेट (MSG) के मात्रा ढेर होला, जेकरा के आमतौर पर एजिनोमोटो के नाँव से जानल जाला। इ एगो स्वाद बढ़ावे वाला पदार्थ ह जवन कि रउरा बार-बार मैगी खाए के लालसा बढ़ावेला आ रउरा अस्वस्थ बना देवेला।5. पोषण मूल्य के कमी:मैगी में कवनो पोषण मूल्य नईखे। इ मैदा भा रिफाइंड आटा से बनल होखेला जवना में कवनो रेशा ना होखेला आ एकरा में ट्रांस फैट के मात्रा जादा होखेला, जवन कि शरीर के आसानी से पचावल ना जा सकिला।नतीजारोज मैगी खइला से कई साइड इफेक्ट हो सकेला, जेकरा के ध्यान में रखे के जरुरत बा। जबकि इ कभी-कभी खाए खातिर ठीक हो सकेला, लेकिन एकरा के रोजाना खाए के आदत सेहत खातिर नुकसानदेह हो सकेला। स्वस्थ आ संतुलित भोजन पर ध्यान देके रउआ अपन स्वास्थ्य आ तंदुरुस्ती के बेहतर राख सकिला।Source:-1. Sharma, B. P. (2015). Maggi Muddle and Food Safety: Issues are much Bigger. PACIFIC BUSINESS REVIEW INTERNATIONAL, 8(1).https://www.researchgate.net/publication/301887068_Maggi_Muddle_and_Food_Safety_Issues_are_much_Bigger2. Law, C., & Cornelsen, L. (2022). Persistent consumer response to a nationwide food safety recall in urban India. Q open, 2(2), qoac025. https://doi.org/10.1093/qopen/qoac025
बरसात के मौसम में पानी के खतरा से बचाव खातिर निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दीं:जानलेवा पानी के खतरा: बरसात के मौसम में जमा पानी में कई गो घातक वायरस, बैक्टीरिया आ परजीवी हो सकेला, जे जानलेवा हो सकेला।“ब्रेन ईटिंग अमीबा” के खतरा: केरल में हाल के दिनों में “नेग्लेरिया फाउलेरी” नाम के अमीबा के संक्रमण से बच्चा लोग के मौत भइल बा। ई अमीबा “अमीबिक मेनिन्गोएन्सेफेलाइटिस” के कारण बनेला, जे दिमाग में संक्रमण करे ला।अमीबा के बढ़त: नेग्लेरिया फाउलेरी गरम पानी के स्रोत जैसे पोखरा, नदी, हॉटस्प्रिंग आ स्विमिंग पूल में बढ़ेला।संक्रमण के तरीका: ई अमीबा राउर नाक से संक्रमित पानी के माध्यम से राउर शरीर में प्रवेश करेला आ नाक के घ्राण नस के माध्यम से दिमाग में पहुंच जाला।संक्रमण के लक्षण: बोखार, सिरदर्द, उल्टी, दौरा, गर्दन अकड़ल, आ मतिभ्रम होखेला।बचाव के उपाय:गर्मी के समय नदी, पोखरा, आ स्विमिंग पूल में मत जाइं।पानी में जाइब त हाथ से नाक बंद करीं भा नाक के क्लिप के इस्तेमाल करीं।तैरते समय माथा पानी से ऊपर राखे के कोशिश करीं।पानी के तलछट से दूर रहीं।साइनसाइटिस होखे पर पानी के 1 मिनट तक गरम क के ठंडा होखे दीं, फिर साइनस के रिंस करीं।इलाज के जानकारी: फिलहाल, इस संक्रमण के कवनो खास इलाज ना बा, लेकिन डाक्टर लोग एम्फोटेरिसिन बी, एजिथ्रोमाइसिन, फ्लूकोनाजोल, आ अन्य दवाइयन के संयोजन से इलाज करेलन।सरकारी सलाह: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के दिशा-निर्देश के पालन करे के सलाह दीहल बा।Source:-1.https://www.mdpi.com/1660-4601/20/4/30212. https://www.cdc.gov/naegleria/about/index.html3. https://www.cdc.gov/naegleria/causes/index.html
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M.Sc. Nutrition, Certified Lactation Consultant
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