Irritable Bowel Syndrome दुनिया भर में सभसे प्रचलित पेट के बिकार हवे।एकर संकेत आ लक्षण के बारे में बतावल गइल बा आ पुरान प्रकृति, हल्का से गंभीर तक के होला, पेट में दर्द, कब्ज, दस्त अवुरी मल के रूप में बदलाव Irritable bowel syndrome के कुछ विशेषता ह Irritable Bowel Syndrome के लक्षण :Irritable Bowel Syndrome के लक्षण में पेट अवुरी आंत के बाहर दुनो प्रकार के शिकायत शामिल बा, कुछ आम लच्छन सभ में शामिल बाड़ें:पुरान पेट दर्द : पेट में अलग-अलग तीव्रता के ऐंठन के एहसास जवन समय के संगे अवुरी बढ़ जाला। दर्द आमतौर प पेट के निचला हिस्सा में होखेला, जवन कि अक्सर निचला बायां हिस्सा में महसूस होखेला।आंत के आदत में बदलाव : आंत के आदत में बदलाव जईसे मल में मात्रा, आवृत्ति अवुरी स्थिरता में बदलाव।दस्त : बार-बार ढीला गति, छोट से मध्यम मात्रा के, मरीज के शौच करे के भी तात्कालिकता महसूस होखेला अवुरी मल के संगे-संगे म्यूकोसल डिस्चार्ज के शिकायत होखेला।कब्ज : मरीज अक्सर कड़ा मल से पीड़ित होखेले अवुरी मलाशय के अधूरा खाली होखे के एहसास होखेला। भले ही मलाशय पूरा तरीका से खाली होखे, जेकरा चलते बाथरूम में लंबा समय बितावे के पड़े ला।gi के अउरी लच्छन: कुछ आम लच्छन सभ में गैस्ट्रो-एसोफेजियल रिफ्लक्स, जल्दी भरल महसूस कइल, मतली, पेट पेट फूलल, बहुत ढेर गैस के उत्पादन आ गैर-हृदय संबंधी छाती में दर्द सामिल बा। मरीज के पेट फूले के शिकायत भी अक्सर होखेला।आंत के बाहर के लक्षण: एह में यौन कामकाज में कमी आ पेशाब के उत्पादन में बढ़ोतरी आ पेशाब करे के तात्कालिकता शामिल बा। मरीज के उच्च रक्तचाप अवुरी दमा भी हो सकता।का तनाव आ चिंता Irritable Bowel Syndrome के कारण बा?तनाव अवुरी चिंता से सीधा Irritable Bowel Syndrome (IBS) ना होखेला, लेकिन एकरा से निश्चित रूप से लक्षण के आवृत्ति अवुरी गंभीरता बढ़ सकता।ई साबित भइल बा कि मनोवैज्ञानिक चिकित्सा, अवुरी आराम/ तनाव कम करे के तकनीक कुछ लोग में Irritable Bowel Syndrome (IBS) के लक्षण से राहत देवे में मदद कर सके ला।Source:-1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4154827/
नवरात्रि के पावन परब शुरू हो गइल बा, आ रउरा सभे में से बहुत लोग व्रत में लागल होई। लेकिन का रउवा कबो सोचले बानी कि हमनी के नवरात्रि के समय व्रत काहे?असल में एह व्रत के वैज्ञानिक आ आध्यात्मिक संबंध बा। हमनी के पुरखा लोग नवरात्रि में उपवास के अवधारणा बनवले रहे ताकि भक्ति के संगे-संगे हमनी के पाचन तंत्र के तनी ढील दे सकेनी जा अवुरी मन अवुरी शरीर के साफ कर सकीले।त आज हम रउआ के व्रत के सही तरीका बतावत बानी, ताकि रउआ पूरा 9 दिन स्वस्थ आ ऊर्जावान रहीं। वीडियो के अंत तक देखीं, काहे कि जवन गलती हम आखिरी बिंदु में बताइब उ सबके द्वारा कईल गईल बा। त आईं शुरुआत कइल जाव:1. हाइड्रेटेड रहे के चाहीं: व्रत के दौरान पानी, नारियल के पानी, लस्सी चाहे रस पीयल जरूरी बा। इ सभ ना सिर्फ आपके शरीर के हाइड्रेटेड राखेला, बालुक इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलित भी करेला। नारियल के पानी में पोटेशियम होखेला, जवन कि मांसपेशियन के थकान कम करेला अवुरी आपके सक्रिय राखेला। सही हाइड्रेशन से भी आपके मेटाबॉलिज्म सही रहेला।2. सही आहार के पालन करीं: एक प्रकार के अनाज, पानी के चेस्टनट अवुरी राजगीरा जईसन लस मुक्त अनाज के पचावल आसान होखेला अवुरी एकरा से जरूरी पोषण मिलेला। एक प्रकार के अनाज में प्रोटीन अवुरी फाइबर के संगे-संगे रूटिन नाम के फ्लेवोनोइड होखेला, जवन कि दिल के स्वास्थ्य खाती निमन होखेला। इ अनाज पाचन के अनुकूल होखेला अवुरी दिन भर ऊर्जा के बरकरार राखेला।3. स्वस्थ वसा लेवे के चाहीं: घी, पनीर अवुरी दही जईसन स्वस्थ वसा आपके शरीर के लंबा समय तक ऊर्जा देवेला अवुरी मेटाबॉलिज्म के समर्थन करेला। घी में ब्यूटाइरिक एसिड होखेला जवन कि पेट के आस्तर के ठीक करे में मदद करेला। इ वसा आपके भूख के काबू में राखेला अवुरी शरीर के जरूरी पोषण देवेला।4. उपवास के समय हल्का खाए के चाहीं उपवास के समय फल आ भुनाइल मखाना जइसन हल्का नाश्ता ले लीं। फल में प्राकृतिक चीनी अवुरी फाइबर होखेला, जवना के चलते पाचन आसान हो जाला। कमल के बीज में एंटीऑक्सीडेंट अवुरी मैग्नीशियम होखेला, जवन कि शरीर के पोषण देवेला। तले वाला खाना से परहेज करीं काहे कि एहसे पाचन के गति धीमा हो सकेला आ पेट में भारीपन हो सकेला.उपवास सभका खातिर ना होला, जइसे कि गर्भवती महिला, स्तनपान करावे वाली माँ, लइका, किशोर, या दिल के समस्या वाला लोग, टीबी, भा कवनो दोसर मेडिकल स्थिति वाला लोग. काहे कि स्वास्थ्य पहिले, ना?त ई नवरात्रि राउर व्रत के स्मार्ट तरीका से मैनेज करीं आ राउर तन-आत्मा के साफ-सुथरा राखीं।माँ दुर्गा रउआ के आपन ताकत आ आशीर्वाद देस, आ राउर व्रत सफल होखे।जय माता दी!
आज हर जगह लोग इहे सवाल पूछ रहल बा कि “खाना के तेल के दोबारा इस्तेमाल कईला से का नुकसान बा?”भारतीय लोग के तेल के इस्तेमाल से खाना बनावे के बहुत शौक बा।आ अगर कवनो खास मौका होखे त भारत भा भारतीय त्योहारो बिना पूरा आ पकोडा बनवले पूरा ना होखे जवन निश्चित रूप से डीप फ्राइड होखे.लेकिन देखल गईल बा कि हमनी के अक्सर अपना खाना बनावे में एकही तेल के बार-बार इस्तेमाल करेनी जा, ताकि लागत में बचत होखे अवुरी तेल के बर्बादी भी कम से कम होखे। खाली हमनी के घर में ना, सड़क के किनारे खाना के स्टॉल, होटल अवुरी रेस्टोरेंट में हर जगह तेल के दोबारा इस्तेमाल होखता। लेकिन, एकही खाना बनावे के तेल के बार-बार दोबारा इस्तेमाल कईला के दुष्प्रभाव के बारे में केहु कबो ना बोलेला।आज समझल जाव जब खाना बनावे के तेल के बार-बार दोबारा इस्तेमाल हो रहल बा त का होला!खाद्य तेल के बार-बार इस्तेमाल आ तलला से टोटल पोलर कम्पोउंड (TPC) बने ला जेवना से ई मनुष्य के खपत खातिर अयोग्य हो जाला। खाना बनावे के तेल के पोषण संबंधी गुण प भी बहुत असर पड़ेला, काहेंकी एकरा के बार-बार दोबारा गरम कईल जाला।खाना बनावे के तेल के दोबारा इस्तेमाल से हमनी के स्वास्थ्य प कईसन असर पड़ेला?कई गो अध्ययन सभ से साबित भइल बा कि खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम कइल जा सके ला:विषाक्त पदार्थ छोड़ल जवन हानिकारक होखे एकरा में ट्रांस- फैट के मात्रा बढ़ जाला अब ताजा ना रहीं आ एहसे स्वाद भा गंध खराब हो सकेला कुछ बहुत हानिकारक प्रतिक्रिया पैदा करींतेल के दोबारा गरम कईल लोग के स्वास्थ्य खाती बहुत नुकसानदेह हो सकता। तेल के दोबारा गरम कईल लोग के स्वास्थ्य खाती बहुत नुकसानदेह हो सकता। एकर बहुत गंभीर नुकसानदेह असर हो सकता।खाना बनावे खातिर तेल के इस्तेमाल में हमनी के कवन सावधानी बरती सकेनी जा?तेल के दोबारा गरम करत घरी नुकसानदेह प्रभाव के कम करे के कुछ उपाय कईल गईल बा।तेल के ढेर समय तक गरम ना करे के चाहीं , डीप फ्राइंग से पहिले खाद्य पदार्थ में नमक ना डाले तेल में खाद्य कण जमा होखे से बचे के चाहीं ताकि दूषितता कम से कम होखे।हालांकि, हमेशा बेहतर होखेला कि खाद्य तेल के दोबारा इस्तेमाल के कड़ाई से नियंत्रित कईल जाए, ताकि हमनी के खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम होखे के नुकसान से बचावे में मदद मिल सके।Source:-1https://www.researchgate.net/publication/336800574_The_Effect_of_Repeatedly_Cooking_Oils_on_Health_and_Wealth_of_a_Country_A_Short_Communication 2. https://fssai.gov.in/upload/media/FSSAI_NEws_Oil_Insider_30_09_2019.pdf
आज हमनी के साइकिल चलावे के स्वास्थ्य लाभ के बारे में बात करब जा। का रउवा जानत बानी कि सिर्फ साइकिल चलावे से दिल के बेमारी के खतरा 50% कम हो जाला?साइकिल चलावे के स्वास्थ्य खातिर अउरी कई गो फायदा बा। शुरुआत कइल जाव:हृदय के स्वास्थ्य के समर्थन करेला: साइकिल चलावे में शरीर में जादा ऑक्सीजन के जरूरत होखेला, जवना के चलते दिल के जादा खून पंप करे के पड़ेला। अयीसन कईला से दिल के मांसपेशी मजबूत हो जाले अवुरी खून के संचार भी निमन रहेला, जवन कि समग्र रूप से दिल के स्वास्थ्य खाती बहुत निमन बा। माने कि दिल से जुड़ल समस्या जइसे कि स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर आदि के संभावना कम हो जाला।वजन घटावे: मात्र एक घंटा साइकिल चलावे से लगभग 600 कैलोरी बर्न हो सकता। साइकिल चलावे के दौरान शरीर के ऊर्जा के जरूरत होखेला, जवन कि कैलोरी मिलेला अवुरी एकरा संगे-संगे शरीर के चर्बी भी कम होखे लागेला, जवन कि वजन घटावे में मदद करेला।मूड में सुधार करेला: साइकिल चलावे से शरीर में एंडोर्फिन यानी फीलिंग-गुड हार्मोन निकलेला, अवुरी तनाव के हार्मोन भी कम होखेला, जवन कि तनाव के कम करेला अवुरी मानसिक स्वास्थ्य के भी निमन राखेला।मांसपेशी के मजबूत करेला: साइकिल चलावे से पैर के सभ मांसपेशी मजबूत हो जाला, चाहे उ जांघ होखे, ओकर लचीलापन बढ़ जाला अवुरी ओकरा में मौजूद चर्बी भी कम होखे लागेला, जवना के चलते पैर Toned देखाई देवेलाजोड़ के स्वास्थ्य खाती निमन: साइकिल चलावे से जोड़ प ओतना असर ना पड़ेला, जेतना कि दौड़ला से होखेला, जवना के चलते घुटना अवुरी कमर के चाल चिकना हो जाला। आ जवना लोग के जोड़ के समस्या बा ऊ लोग साइकिल चलावे के काम भी आसानी से कर सकेला.त रउरा का इंतजार करत बानी? आज से साइकिल चलावल शुरू करीं, अवुरी स्वस्थ शरीर अवुरी दिमाग के संगे-संगे अपना शरीर के फिट राखी।Source:- 1. https://www.health.harvard.edu/blog/biking-and-sex-avoid-the-vicious-cycle-201209145290 2. https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/cycling-health-benefits
पेट के चर्बी कम कईल आज लगभग सभके सबसे बड़ चिंता के विषय बा।एह वीडियो में हमनी के पेट के चर्बी कम करे के कुछ आसान तरीका साझा करब जा, जवन कि युवा उमिर में, गर्भावस्था के बाद अवुरी C-section के बाद भी पेट के चर्बी कम करे खाती फायदेमंद हो सकता।पेट के चर्बी कम कईल कब चिंता के विषय हो जाला? युवा वयस्क के रूप में महिला में औसतन पेट में चर्बी पुरुष के मुक़ाबले कम होखेला।menopause के संगे इ बदल जाला।अधबूढ़ महिला में चर्बी शरीर के ऊपरी हिस्सा में जादा संग्रहित होखेला : कूल्ह अवुरी जांघ के ऊपर। हो सकता कि आपके वजन में कवनो वास्तविक बढ़ोतरी ना देखाई दिही, लेकिन आपके कमर के रेखा इंच-इंच बढ़ सकत रहे। पेट के चर्बी से कुछ पुरान बेमारी हो सकेला जइसे कि: हृदय रोग के बेमारी, डिमेंशिया के बेमारी, दमा के बेमारी, स्तन कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसरपेट के चर्बी कम करे के सरल तरीका आप अपना जन्म के वजन चाहे अपना जीन में बदलाव नईखी क सकत, अवुरी menopause के रोक नईखी सकत। लेकिन फिर भी कई तरीका बा जवना से पेट में चर्बी के जमाव कम से कम हो सकता। एगो नीमन खबर इ बा कि आहार अवुरी व्यायाम दुनो कारक बहुत निमन प्रतिक्रिया देवेला, काहेंकी कूल्ह अवुरी जांघ प मौजूद चर्बी के मुक़ाबले पेट के चर्बी के फैटी एसिड में जादे आसानी से मेटाबोलाइज हो जाला।4 प्रभावी तरीका पेट के चर्बी कम करे खातिर अपना दिनचर्या में शामिल करीं:व्यायाम :व्यायाम से आपके कमर के परिधि कम होखे में मदद मिलेला। भले ही आपके वजन ना कम होखे, लेकिन पेट के चर्बी कम हो जाला अवुरी मांसपेशी के द्रव्यमान बढ़ जाला। अधिकांश दिन में कम से कम 30 मिनट के व्यायाम आकस्मिक गति से करीं, जईसे कि तेज पैदल चलल चाहे साइकिल चलावे के। रउआँ एह छोट-छोट टिप्स से भी अपना दिनचर्या में गति जोड़ सकत बानी: गंतव्य से दूर आपन गाड़ी खड़ा करीं आ बाकी रास्ता पैदल चलीं, लिफ्ट के जगह सीढ़ी ले लीं, आ खड़ा होके/ चल के फोन पर बात करीं।सही खाईं :हमेशा संतुलित आहार पसंद करीं जवन कि आपके स्वस्थ वजन हासिल करे अवुरी बनावे राखे में मदद करे। फल आ सब्जी, दाल, नट्स आ बीज के सेवन पर अधिका ध्यान दीं, पेट में चर्बी जमा होखे के प्रोत्साहित करे वाला खाद्य पदार्थ से परहेज करीं, खास तौर प चीनी मिलावल खाद्य अवुरी पेय पदार्थ से परहेज करीं।धूम्रपान मत करीं : धूम्रपान आपके पेट में चर्बी के भंडारण के जिम्मेदार होखेला।अइसन आदत में कबो ना लिप्त रहींजरूरत के मुताबिक ही नींद ली: 5 घंटा से कम भा 8 घंटा से जादा सुतला प दुनो पेट के चर्बी जमा होखे खाती जिम्मेदार होखेला। पेट के चर्बी कम करे खातिर लगभग 6 से 8 घंटा तक सुते के चाही। जल्दी से ठीक करे के काम भुला जा। कॉस्मेटिक फैट हटावे खातिर Liposuction पेट के दीवार के भीतर ना पहुंचेला। का रास्ता आगे बढ़ल आसान नइखे लउकतSource:-1. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24635424/ 2. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17384661/
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खाना बनावे के तेल के दोबारा गरम करे के बुरा असर!
Mrs. Prerna Trivedi
M.Sc. Nutrition, Certified Lactation Consultant
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Dr. Beauty Gupta
Doctor of Pharmacy
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