अधिक सोने से वजन कम करें!
- ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, ग्लूकोज असहिष्णुता और इंसुलिन प्रतिरोध: खराब नींद से इन मामलों में वृद्धि हो सकती है, जिससे वजन बढ़ सकता है और मोटापा बढ़ सकता है।
- भूख नियंत्रण: नींद कमी से भूख का नियंत्रण प्रभावित हो सकता है, जिससे अधिक कैलोरी की खपत होती है और उच्च कैलोरी, उच्च कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दी जाती है।
- मेटाबॉलिज्म: नींद की कमी से शरीर का मेटाबॉलिज्म कम हो सकता है, जिससे वसा जलाने और अतिरिक्त ऊर्जा संग्रहित करने की क्षमता धीमी हो जाती है।
- शारीरिक गतिविधि: नींद की कमी से थकान महसूस होने से व्यायाम हतोत्साहित हो सकता है और चोटों का खतरा बढ़ सकता है।
- हार्मोनल संतुलन: नींद कमी से लेप्टिन और घ्रेलिन जैसे हार्मोन का संतुलन प्रभावित हो सकता है, जो भूख और तृप्ति की भावनाओं को नियंत्रित करते हैं।
- संतुलित तंत्रिका संवहन: नींद की कमी से sympathetic nervous system को बदल सकती है, जिससे कोर्टिसोल का उत्पादन बढ़ सकता है, जो फैट स्टोरेज को बढ़ा सकता है।
Source:-Cooper, C. B., Neufeld, E. V., Dolezal, B. A., & Martin, J. L. (2018). Sleep deprivation and obesity in adults: a brief narrative review. BMJ open sport & exercise medicine, 4(1), e000392. https://doi.org/10.1136/bmjsem-2018-000392
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