जब बात अंतरंगता की आती है, तो लगभग हर जोड़े के मन में एक सवाल उठता है,सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं? कुछ लोग सोचते हैं कि “ज्यादा देर तक टिकना” ही असली मर्दानगी है, जबकि कुछ फर्स्ट टाइम सेक्स में ही असहज महसूस करते हैं और सोचते हैं, क्या मेरा टाइम सही है? असल में, कोई तय समय नहीं होता जो सुख को परिभाषित करे। प्यार, समझ और भावनात्मक जुड़ाव ही सेक्स को सुखद बनाते हैं। लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि भारत मेंaverage sex time in India कितना है और अगर आप चाहें तोबिना दवाई के सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं।यह लेख बताता है कि पुरुषों और महिलाओं के लिए सामान्य समय क्या है,तुरंत सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं, और सेक्स को आरामदायक व आनंददायक कैसे बनाया जा सकता है।भारत में औसत सेक्स टाइमभारत में अधिकांश पुरुषों का औसत सेक्स टाइम5 से 6 मिनट के बीच होता है। कई शोधों के अनुसार,average sex time of men in India लगभग3 से 5 मिनट है। जबकि महिलाओं को पूरी तरह संतुष्टि पाने में12 से 15 मिनट तक का समय लग सकता है।इसका मतलब यह नहीं कि कम समय गलत है। महत्वपूर्ण यह है कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे से जुड़ें और अनुभव सुखद हो।फर्स्ट टाइम सेक्स का अनुभवकई लोग पूछते हैंफर्स्ट टाइम सेक्स में क्या होता है? पहली बार सेक्स करते समय हल्का तनाव, उत्साह या डर होना बिल्कुल सामान्य है। कई महिलाओं कोसेक्स करते टाइम दर्द होना जैसी समस्या हो सकती है क्योंकि शरीर पूरी तरह रिलैक्स नहीं होता या लुब्रिकेशन कम होता है। फर्स्ट टाइम सेक्स में जल्दबाज़ी ना करें, पर्याप्त फोरप्ले और संवाद से अनुभव सुखद बनता है। अगर आप शैक्षणिक जानकारी चाहते हैं, तोफर्स्ट टाइम सेक्स वीडियो जैसी सामग्री देखने से पहले भरोसेमंद स्रोत चुनें।सेक्स टाइम को प्रभावित करने वाले मुख्य कारणशारीरिक स्वास्थ्य – हृदय, रक्त प्रवाह और हार्मोन का संतुलन सेक्स टाइम पर असर डालता है।तनाव और मानसिक स्थिति – चिंता या प्रदर्शन का डर जल्दी स्खलन (Premature Ejaculation) का कारण बनता है।जीवनशैली और आदतें – धूम्रपान, शराब, या नींद की कमी टाइमिंग घटाती है।आहार और पोषण – सही भोजन लेने से सहनशक्ति और ऊर्जा दोनों बढ़ती हैं।सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएंअगर आपको लगता है कि स्खलन जल्दी हो जाता है, तो कुछ उपाय तुरंत राहत दे सकते हैं:Start-Stop Technique अपनाएं — चरम से पहले रुकें और दोबारा शुरू करें।Squeeze Technique से लिंग के सिर पर हल्का दबाव डालें ताकि स्खलन रोका जा सके।गहरी सांस लें और रिलैक्स रहें, इससे शरीर का नियंत्रण बढ़ता है।यह सभी उपाय “तुरंत सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं” के लिए असरदार हैं।बिना दवाई के सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएंहर कोई दवा या टेबलेट पर निर्भर नहीं रहना चाहता। ऐसे मेंबिना दवाई के सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं के ये आसान उपाय अपनाएं:रोजाना योग और व्यायाम करें — जैसे किगल एक्सरसाइज और रनिंग।फोरप्ले को लंबा करें, इससे उत्तेजना संतुलित रहती है।संवाद बनाए रखें — पार्टनर से खुलकर बात करना तनाव कम करता है।मोबाइल या टीवी जैसी ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें।तनाव कम करें और आत्मविश्वास बढ़ाएंयोग, ध्यान और हल्की सैर करने से मानसिक शांति बढ़ती है।सेक्स को “प्रदर्शन” की बजाय “अनुभव” की तरह लें।फोरप्ले पर ध्यान देंलॉन्ग टाइम सेक्स टेबलेट की जानकारीबाजार में कईलॉन्ग टाइम सेक्स टेबलेट या क्रीम्स मिलती हैं जो दावा करती हैं कि ये सेक्स टाइम बढ़ा देंगी। लेकिन याद रखें की इनका असर अस्थायी होता है और कुछ उत्पादों में साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसलिए किसी भी दवा या टेबलेट को डॉक्टर की सलाह के बिना न लें। कई बार फोरप्ले की कमी के कारण महिलाएं पूरी तरह उत्तेजित नहीं हो पातीं, जिससेसेक्स करते टाइम दर्द होना या असहजता महसूस हो सकती है। इसलिए धीरे-धीरे शुरुआत करें और एक-दूसरे को समझने का समय दें।सेक्स टाइम और उम्र का रिश्ता (Average Sex Time in India by Age)आयु वर्गऔसत समय (मिनट)18–30 वर्ष5–7 मिनट31–45 वर्ष4–6 मिनट46–60 वर्ष3–5 मिनट60 वर्ष से ऊपर2–4 मिनटजवानी में हार्मोन अधिक सक्रिय होते हैं, लेकिन उम्र के साथ सेक्स टाइम कम हो सकता है। हालांकि, भावनात्मक जुड़ाव उम्र के साथ गहरा होता जाता है।सेक्स टाइम बढ़ाने वाला खाना (Foods That Improve Sex Time)आपका खाना आपकी कामुक ऊर्जा और सहनशक्ति दोनों तय करता है।जिंक से भरपूर भोजन: कद्दू के बीज, बादाम, और अंडे।मैग्नीशियम युक्त चीजें: पालक, ओट्स और सूखे मेवे।ओमेगा-3 फैटी एसिड: मछली, अलसी, और अखरोट।ये सभीसेक्स टाइम बढ़ाने वाला खाना माने जाते हैं।जब डॉक्टर से मिलना जरूरी होअगर हर बार 2 मिनट से पहले स्खलन होता है, या सेक्स के दौरान दर्द, चिंता या इच्छा की कमी है तो डॉक्टर से सलाह लें।यह जल्दी स्खलन (PE), इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या मानसिक तनाव का संकेत हो सकता है।सेक्स टाइम से जुड़ी आम गलतफहमियांमिथक 1: जितना लंबा सेक्स, उतना ज्यादा आनंद।सच्चाई: समय नहीं, जुड़ाव और आराम ही असली सुख देते हैं।मिथक 2: सिर्फ पुरुषों को टाइमिंग की चिंता होती है।सच्चाई: सेक्स तब बेहतरीन होता है जब दोनों समान रूप से सहज और खुश हों।मिथक 3: सेक्स 30 मिनट तक चलना चाहिए।सच्चाई:average sex time in India सिर्फ5 से 6 मिनट होता है — और यह पूरी तरह सामान्य है।निष्कर्षसेक्स टाइम किसी घड़ी या माप का खेल नहीं है। सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं का सही उत्तर है- प्यार, समझ और आराम से जुड़ा अनुभव। अगर आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं,सेक्स टाइम बढ़ाने वाला खाना खाते हैं, और पार्टनर से खुलकर बात करते हैं, तो आपका अनुभव खुद-ब-खुद बेहतर हो जाएगा। चाहेफर्स्ट टाइम सेक्स हो या सालों पुराना रिश्ता, संतुष्टि समय में नहीं, बल्कि साथ में महसूस किए गए भरोसे में होती है।अक्सर पूछे जाने वाले सवाल1. भारत में औसत सेक्स टाइम कितना होता है?भारत में औसत सेक्स टाइम5 से 6 मिनट के बीच होता है।2. सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं?योग, फोरप्ले, और सही भोजन से आपबिना दवाई के सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं सीख सकते हैं।3. तुरंत सेक्स टाइम कैसे बढ़ाएं?Start-Stop याSqueeze Technique अपनाएं और शांत रहें।4. फर्स्ट टाइम सेक्स करते समय दर्द क्यों होता है?शरीर पूरी तरह रिलैक्स न होने या लुब्रिकेशन की कमी सेसेक्स करते टाइम दर्द होना सामान्य है।5. सेक्स टाइम बढ़ाने वाला खाना कौन-सा है?बादाम, मछली, अखरोट, और कद्दू के बीज स्टैमिना बढ़ाते हैं।6. क्या लॉन्ग टाइम सेक्स टेबलेट लेना सही है?बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भीलॉन्ग टाइम सेक्स टेबलेट न लें।7. सेक्स फर्स्ट टाइम में क्या ध्यान रखना चाहिए?जल्दबाजी न करें, संवाद और आराम पर ध्यान दें।
भारत में असुरक्षित गर्भपात (Unsafe abortions) एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण हर साल कई माताओं की जान चली जाती है। इस खतरे से बचने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है प्रभावीगर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग — जैसे किमाला डी गोली।माला डी गोली का उपयोग गर्भनिरोधक के साथ-साथ अनियमित मासिक धर्म को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है। इसमें दो मुख्य हार्मोन होते हैं —Ethinyl Estradiol औरLevonorgestrel, जो गर्भधारण को रोकने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।माला डी गोली क्या है?माला डी गोली एक संयुक्त (Combined) ओरल गर्भनिरोधक गोली है जिसमेंEthinyl Estradiol (एस्ट्रोजन) औरLevonorgestrel (प्रोजेस्टिन) नामक दो हार्मोन होते हैं।ये हार्मोन शरीर में बनने वाले प्राकृतिक हार्मोनों की तरह काम करते हैं, जिससे मासिक धर्म नियमित रहता है और गर्भधारण की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है।Mala D को लेकर सवाल हैं? भरोसेमंद स्रोतों से सही जानकारी पाएं Ask Medwiki पर।मुख्य तथ्य:निर्माता: राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम (India Government supply)उपलब्धता: अधिकतर मेडिकल स्टोर पर ओवर-द-काउंटर (OTC)पैक: 28 गोलियों का पैक — 21 हार्मोन वाली और 7 आयरन (placebo) गोलियांडॉक्टर इसे गर्भनिरोध के साथ-साथहार्मोनल असंतुलन,अनियमित पीरियड्स,PCOS औरएक्ने (acne) जैसी समस्याओं के इलाज में भी उपयोग करते हैं।माला डी कैसे काम करती है?गर्भधारण सामान्य रूप से तब होता है जब अंडाशय से अंडा निकलता है और शुक्राणु से मिलकर गर्भ बनता है।माला डी गोली इस प्रक्रिया को तीन स्तरों पर रोकती है:ओव्यूलेशन को रोकती है —यह हार्मोनGonadotropin के स्राव को रोकती है, जिससे अंडा निकलना बंद हो जाता है।सर्वाइकल म्यूकस को गाढ़ा करती है —ताकि शुक्राणु गर्भाशय में प्रवेश न कर सकें।गर्भाशय की लाइनिंग को बदलती है —जिससे अगर अंडा निषेचित भी हो जाए तो वह गर्भाशय में चिपक नहीं पाता।इस प्रकार यह गोली गर्भधारण को रोकने का एक बेहद असरदार और सुरक्षित तरीका है।माला डी गोली खाने का तरीका (How to Take Mala D Tablet)माला डी गोली खाने का तरीका बहुत सरल है —रोज़ एक गोलीएक ही समय पर लें।इसे खाने के बाद या पहले कभी भी लिया जा सकता है।गोली को पानी के साथ निगलें, चबाएं नहीं।कोशिश करें कि इसे रात के समय लें ताकि याद रखना आसान हो।एक पैक में28 गोलियां होती हैं —21 हार्मोन वाली गोलियां (पीली या गुलाबी रंग की)7 आयरन (भूरी) गोलियां, जो केवल रूटीन बनाए रखने के लिए होती हैं।21 हार्मोन वाली गोलियां खत्म होने के बाद,2 से 4 दिनों के भीतर पीरियड्स आना शुरू हो जाते हैं। उसके बाद भी 7 भूरी गोलियां पूरी करें और फिर बिना रुकावट नया पैक शुरू करें।माला डी खाने के कितने दिन बाद पीरियड आता है?आमतौर पर2 से 4 दिनों के भीतर, लेकिन कुछ महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण थोड़ा विलंब हो सकता है, जो सामान्य है।अगर गोली लेना भूल जाएं (Missed Dose)अगर1 गोली छूट जाए — याद आते ही तुरंत लें, चाहें उसी दिन दो गोलियां लेनी पड़ें।अगर2 या अधिक गोलियां छूट जाएं — बाकी गोली जारी रखें और अगले 7 दिनों तककंडोम जैसे बैकअप गर्भनिरोधक का उपयोग करें।कभी भी एक साथ कई गोलियां “कवर करने” की कोशिश न करें।माला डी गोली के फायदे (Benefits of Mala D Tablet)गर्भधारण से सुरक्षा — नियमित रूप से लेने पर यह 99% तक प्रभावी है।पीरियड्स को नियमित बनाती है — मासिक धर्म चक्र संतुलित रहता है।हार्मोनल असंतुलन में राहत देती है।मुंहासे और पीसीओएस के लक्षण कम करती है।मासिक दर्द और ब्लीडिंग को कम करती है।माला डी गोली के Side Effectsहर दवा की तरह,माला डी गोली के भी कुछ हल्के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो शरीर के अनुकूल होने पर कम हो जाते हैं।सामान्य साइड इफेक्ट्स:सिरदर्द या चक्करमतली या उल्टीस्तनों में दर्द या सूजनमूड स्विंग्सहल्का वजन बढ़नागंभीर साइड इफेक्ट्स (डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें):सीने में दर्द या सांस की तकलीफपैरों में सूजन (ब्लड क्लॉट्स का संकेत)तेज सिरदर्द या धुंधली दृष्टियदि कोई गंभीर लक्षण दिखें, तो गोली तुरंत बंद करें और डॉक्टर से सलाह लें।माला डी और माला एन गोली में अंतर (Mala D vs Mala N Difference)अक्सर लोग पूछते हैं –माला डी और माला एन गोली में क्या फर्क है?दोनों गर्भनिरोधक गोलियां हैं, लेकिन उनमें मौजूदप्रोजेस्टिन हार्मोन अलग होता है।माला डी गोली मेंLevonorgestrel होता है।माला एन गोली मेंNorgestrel होता है।दोनों ही गर्भनिरोधक के लिए समान रूप से असरदार हैं, फर्क सिर्फ इस बात में है कि आपका शरीर किस हार्मोन को बेहतर तरीके से सहन करता है।कई महिलाओं कोमाला डी गोली ज्यादा सूट करती है, जबकि कुछ के लिएमाला एन गोली बेहतर होती है।डॉक्टर आपकी सेहत और हार्मोन लेवल देखकर तय करते हैं कि कौन सी गोली आपके लिए सही है।Mala N गोली कब और कैसे लें (Mala N Tablet Kaise Use Kare)माला एन गोली भीमाला डी गोली की तरह ही ली जाती है —हर दिन एक गोली, एक ही समय पर।21 हार्मोन वाली गोलियों के बाद 7 प्लेसबो गोलियां ली जाती हैं।बीच में किसी भी दिन का गैप नहीं होना चाहिए। इससे गर्भनिरोधक प्रभाव बना रहता है।Mala N गोली और अनियमित पीरियड्स (Mala N Tablet for Irregular Periods)डॉक्टर कभी-कभीमाला एन गोली को अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने के लिए भी देते हैं। यह हार्मोन को स्थिर करती है और रक्तस्राव को नियंत्रित करती है।लेकिन इसे बिना डॉक्टर की सलाह के कभी न लें, क्योंकि गलत उपयोग से स्पॉटिंग या पीरियड्स में गड़बड़ी हो सकती है।माला डी गोली की कीमत (Mala D Tablet Price)माला डी गर्भनिरोधक गोली price बहुत ही सस्ती है, आमतौर पर 28 गोलियों का पैक ₹20 से ₹35 के बीच उपलब्ध होता है।यह आसानी से किसी भी मेडिकल स्टोर या सरकारी अस्पताल से मिल जाती है।महत्वपूर्ण बातेंमाला डी गोली पहले से बने गर्भ को खत्म नहीं करती, यह केवल रोकथाम के लिए है।गोली को डॉक्टर की सलाह अनुसार लें और नियमित रूप से समय पर लें।शराब या धूम्रपान से बचें, क्योंकि यह गोली के असर को कम कर सकते हैं।यौन संचारित रोगों (STIs) से बचाव के लिए कंडोम का उपयोग करें।निष्कर्षमाला डी गोली एक सुरक्षित, सस्ती और असरदार गर्भनिरोधक है।यह न केवल अनियोजित गर्भ से बचाव करती है बल्किपीरियड्स को नियमित करने औरहार्मोनल संतुलन बनाए रखने में भी मदद करती है।इसे नियमित समय पर लेना बहुत जरूरी है ताकि इसका असर पूरा हो सके।अगर किसी भी तरह का असामान्य लक्षण या साइड इफेक्ट दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न1. माला डी गोली खाने का तरीका क्या है?रोज़ एक गोली एक ही समय पर लें, चाहे भोजन से पहले या बाद में। पानी के साथ निगलें, चबाएं नहीं।2. माला डी गर्भनिरोधक गोली खाने का तरीका क्या है?21 हार्मोन वाली और 7 आयरन गोलियां क्रम से लें, फिर बिना गैप के नया पैक शुरू करें।3. माला डी खाने के कितने दिन बाद पीरियड आता है?आमतौर पर 2 से 4 दिनों में पीरियड आ जाता है।4. माला डी गोली के फायदे क्या हैं?गर्भधारण से बचाव, पीरियड्स को नियमित करना, हार्मोनल संतुलन बनाए रखना और एक्ने में राहत।5. माला डी गोली की कीमत कितनी है?माला डी गर्भनिरोधक गोली price ₹20 से ₹35 के बीच होती है, जो आसानी से मेडिकल स्टोर पर मिलती है।6. माला डी और माला एन गोली में क्या फर्क है?माला डी मेंLevonorgestrel और माला एन मेंNorgestrel होता है। दोनों समान रूप से प्रभावी हैं।7. माला डी खाने से साइड इफेक्ट कब तक रहते हैं?आमतौर पर 1–2 हफ्तों तक हल्के लक्षण होते हैं, जो बाद में ठीक हो जाते हैं।Source:- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK539737/
Male genitals में खुजली अक्सर त्वचा पर जलन, इंफेक्शन (जैसे फंगल इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन), या एलर्जी के कारण हो सकती है। पसीना, गंदगी या टाइट कपड़े भी itching बढ़ा सकते हैं।क्या पुरुषों की प्राइवेट पार्ट में खुजली को लेकर अब भी आपके मन में सवाल हैं? Ask Medwiki पर पाएं विश्वसनीय स्रोतों से सही जानकारी।Male genitals में खुजली कम करने के उपायजिस जगह पर itching या खुजली हो रही है, उस जगह को भी अच्छे से धोयें। अगर आप uncircumcised हैं, तो धीरे से foreskin को पीछे खींच कर नीचे की जगह को भी धोयें। इससे itching या खुजली करने वाले bacteria दूर हो जाएंगे।Genitals में moisture होने से itching और इन्फेक्शन दोनों ही बढ़ सकते हैं। इसलिए Private part को धोकर, उसे अच्छे से dry होने दें। आप एक soft towel की मदद से उस area को dry कर सकते हैं।गर्मी के दौरान, आप अपने genitals पर medicated cornstarch powder का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। क्यूंकि यह extra moisture absorb करके area को dry रखता है।Tight underwear आपकी skin को irritate कर सकता है और खुजली को ज़्यादा बढ़ा सकता है। इसलिए हमेशा loose-fitted cotton underwear ही पहनें। क्यूँकि यह आपकी त्वचा को breathe करने देता है। अपना underwear हर दिन बदलें और यह भी ध्यान में रखें कि वह हमेशा dry और clean रहे।ध्यान रखें कि अपने underwear को wash करते वक्त, एक gentle, unscented detergent का ही इस्तेमाल करें। Strong fragrance वाले soaps और detergents त्वचा को irritate कर सकते हैं।अपने genitals को साफ़ करने के लिए एक mild soap का ही इस्तेमाल करें। इससे आपकी skin irritate नहीं होगी और itching में भी आराम मिलेगा।कुछ चीज़ें खुजली को बढ़ा सकती हैं। Bubble baths, scented soaps, या essential oils का इस्तेमाल अपने private area पर न करें। यह आपकी त्वचा को irritate कर सकते हैं। Wet wipes का इस्तेमाल भी न करें क्यूँकि यह genitals में मौजूद healthy bacteria को disturb कर सकते हैं।इन simple steps को follow करके, आप अपने private area की खुजली को कम सकते हैं। लेकिन अगर itching फिर भी ठीक नहीं होती या और बढ़ जाती है, तो doctor की सलाह ज़रूर लें।Source:- 1. https://www.nhsinform.scot/illnesses-and-conditions/sexual-and-reproductive/managing-genital-symptoms/2. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/12324-sexual-health-genital-itching3. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/31129821/4. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5995624/5. https://www.webmd.com/sexual-conditions/sexual-health-genital-itching
एक बढ़ा हुआ enlarged prostate, या benign prostatic hyperplasia (BPH), तब होता है जब prostate gland बढ़कर urethra पर pressure डालता है। इसके कारण bladder को पूरी तरह से ख़ाली करने में मुश्किल हो सकती है। Aging बढ़े हुए prostate का main कारण होता है।लेकिन कुछ simple tips की मदद से बढ़ी हुई पौरुष ग्रंथि (enlarged prostate) ठीक किया जा सकता है!Exercise आपकी overall सेहत के लिए अच्छी होती है और बढ़ी हुई पौरुष ग्रंथि (prostate health) को ठीक करने में भी मददगार हो सकती है। Exercise blood flow को बेहतर करती है और सूजन को कम करती है। इससे बढ़े हुए prostate को भी कम करने में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान रहें कि आप cycling जैसी exercise ना करें क्योंकि यह आपके prostate पर pressure डाल सकती है।Kegel exercises bladder के आस-पास की माँसपेशियों को मज़बूत करने में मदद करती हैं। इस exercise को करने के लिए आप उन माँसपेशियों को कुछ seconds के लिए दबाकर रखें जो आपके urine flow को control करती हैं। और फिर उन्हें release कर दें। इसे कई बार repeat करें। ये exercise urine dribbling को कम करने और bladder को अच्छे से खाली करने में मदद कर सकती हैं।Bathroom का इस्तेमाल करते वक्त time लें। Relaxed रहें और bladder को पूरी तरह से ख़ाली होने दें। जलदबाजी करने से urine bladder में ही रह सकता है, जो बढ़े हुए prostate, infections या पथरी का कारण भी बन सकता है।Coffee urine production को बढ़ाता है और alcohol diuretic होता है। इसलिए ये दोनों ही bladder को irritate कर सकते हैं और आपके enlarged prostate की समस्या को भी बढ़ा सकते हैं। इन्हें कम करना आपके बढ़े हुए prostate के लक्षणों को manage करने में मदद करेगा और bladder problems को भी prevent करेगा।टमाटर जैसी चीज़ों में मौजूद lycopene अपनी antioxidant properties के लिए जाना जाता है। ये inflammation को कम करने और urinary flow improve करने में मदद कर सकता हैं। इसलिए आप doctor से सलाह लेकर lycopene supplements अपनी diet में शामिल कर सकते हैं।इन तरीकों को आज़माये और enlarged prostate से छुटकारा पाएं।Source:- 1. https://www.nhs.uk/conditions/prostate-enlargement/treatment/2. https://www.nhs.uk/conditions/prostate-enlargement/3. https://www.niddk.nih.gov/health-information/urologic-diseases/prostate-problems/enlarged-prostate-benign-prostatic-hyperplasia4. https://www.webmd.com/men/enlarged-prostate-remedies5. https://www.webmd.com/men/treatments-enlarged-prostate-bph
Infertility, males और females दोनों को प्रभावित करता है, जिसके अलग अलग कारण होते हैं जैसे उम्र, lifestyle factors और कुछ medical conditions. आइए आज male infertility से संबंधित कुछ facts पर बात करते हैं।एक male के लिए अपने partner को pregnant होने में मदद करने के लिए, कुछ चीजें महत्वपूर्ण होती हैं, जैसेHealthy sperms का production: यह बहुत ज़रूरी है कि puberty के समय ही male के reproductive organs सही से बन जाएँ। उनका कम से कम एक testicle सही ढंग से काम करना चाहिए, और sperm production को maintain करने के लिए ज़रूरी है की body में testesterone और बाकी सभी hormones का production बना रहे। 2. Sperms का semen में जाना: एक बार जब sperms testicles में बन जाते हैं, तो कुछ tubes की मदद से वह semen में मिल जाते हैं, जो कि फिर penis से बाहर ejaculate हो जाते हैं। 3. Semen में पर्याप्त sperms का होना: यदि आपके semen में sperms की संख्या कम है, तो इस बात की संभावना कम हो जाती है कि आपका एक भी sperm आपके partner के egg को fertilize करेगा।एक milliliter semen में अगर 15 million से काम स्पेर्म्स होते हैं तो उसे कम sperm count माना जाता है। 4. Sperms का functional होना: यदि आपके sperms का movement सामान्य नहीं है, तो sperms आपके partner के egg तक पहुंचने और उसे fertilize करने में सक्षम नहीं हो सकता है।याद रखें, यदि इनमें से कोई भी step पर कोई issue होता है, तो यह पुरुष की fertility को गलत तरह से प्रभावित कर सकता है।Infertility का इलाज़ possible है। यदि आप और आपका partner pregnant होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें, treatment options का पता लगाएं, और अपनी parents बनने की संभावना बढ़ाएं।Source:-https://www.nichd.nih.gov/health/topics/infertility/conditioninfo/causes/causes-female
World Health Organization के अनुसार, 2021 में, दुनिया भर में 1 billion से भी ज्यादा महिलाएँ ने गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल किया। ये गर्भनिरोधक, महिलाओं को गर्भवती होने से बचाने में मदद करते हैं। कई तरीकों से गर्भधारण को रोका जा सकता है जैसे कुछ उपकरणों का उपयोग करके, दवाइयों से या सर्जरी करवा कर। इन सभी से गर्भधारण से बचने में मदद मिलती है। गर्भनिरोधक कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सभी गर्भनिरोधक हर स्थिति में उपयोग नहीं किए जा सकते। कुछ गर्भनिरोधक temporary होते हैं जबकि कुछ permanent होते हैं।कौन सा गर्भनिरोधक सबसे सही काम करेगा यह महिला की संपूर्ण स्वास्थ्य, उम्र, sexual activity की frequency, number of sexual partners, भविष्य में बच्चे पैदा करने की इच्छा और कुछ बीमारियों से संबंधित पारिवारिक इतिहास (family History) पर निर्भर करता है।अब भी contraceptive methods को लेकर सवाल हैं? Ask Medwiki पर पाएं verified sources से भरोसेमंद जवाब।महिलाओं से जुड़े 5 आम गर्भनिरोधक और उनके side effects1. मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां (OCPs):OCPs में estrogen और progesterone जैसे हार्मोन होते हैं जो अंडाणु को जारी होने से रोकते हैं। यह गर्भाशय ग्रीवा के mucus को भी गाढ़ा कर देते हैं, जिससे शुक्राणु के लिए अंडाणु तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।Side effects: उल्टी आना, सिरदर्द, स्तन में कोमलता, रक्तस्राव और मूड परिवर्तन।2. पैच (Ortho Evra):ये गर्भनिरोधक पैच प्लास्टिक से बने होते हैं। ये एक पतला सा चौकोर टुकड़ा होता है जो एक बैंडेज की तरह दिखता है। OCPs की तरह, इसमें भी estrogen और progesterone जैसे हार्मोन होते हैं। इसे 3 हफ्तों तक हर हफ्ते बदला जाता है, और फिर एक हफ्ते के लिए इसे नहीं लगाया जाता है।Side effects: उल्टी आना, सिरदर्द, स्तन में कोमलता, रक्तस्राव, मूड परिवर्तन और पैच वाली जगह पर त्वचा में जलन।3. योनि रिंग (NuvaRing):इस प्रक्रिया में एक लचीली रिंग को योनि (vagina) में डाला जाता है जो गर्भधारण को रोकने के लिए हार्मोन रिलीज करती है। इसे 3 सप्ताह तक लगातार पहना जाता है और फिर 1 सप्ताह के लिए हटा दिया जाता है। इसके बाद फिर से एक नई रिंग डाली जाती है।Side effects: उल्टी आना, सिरदर्द, स्तन में कोमलता, रक्तस्राव, मूड परिवर्तन, योनि में जलन या योनि से कुछ डिस्चार्ज।4. अंतर्गर्भाशयी उपकरण (IUDs):इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक छोटा, T-आकार का उपकरण गर्भाशय में डालते हैं। IUDs हार्मोनल (प्रोजेस्टिन रिलीज करने वाले) या गैर-हार्मोनल (तांबा) के हो सकते हैं।Side effects: अनियमित रक्तस्राव, सिरदर्द, मूड परिवर्तन और मासिक धर्म के समय अधिक दर्द और भारी रक्तस्राव।5. महिला नसबंदी:महिला नसबंदी एक ऐसी सर्जरी है जिसमें महिला की दोनों फैलोपियन ट्यूब्स को हटा दिया जाता है या ब्लॉक कर दिया जाता है। फैलोपियन ट्यूब वो होती है जहां पर फर्टिलाइजेशन होता है। यह एक तरह का स्थायी गर्भनिरोधक तरीका है।Side effects: दर्द, संक्रमण और कभी-कभी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी।महिलाओं के पास विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोधक तरीकों को चुनने के विकल्प होते हैं, और सभी के अपने अलग फायदे, नुकसान और साइड इफेक्ट्स होते हैं।सबसे सही गर्भनिरोधक तरीका चुनने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य करें।Source:- 1. https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/family-planning-contraception 2. https://www.health.harvard.edu/birth-control/methods/type/combined-pill
Female infertility से related 4 facts:महिलाओं में infertility का सबसे आम कारणOvulate ना कर पाना, जो कि infertility से जूझ रही लगभग 40% महिलाओं में पाया जाता है। कुछ Ovarian या gynaecological conditions जैसे कि Primary Ovarian Insufficiency (POI) या Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) इस condition के लिए responsible होते हैं।Fallopian Tube या Uterus में abnormal tissues का होना। अगर Fallopian tube blocked हो तो egg oavries से uterus तक नहीं पहुँच पाता और sperms fertilization के लिए egg तक नहीं पहुंच पाते हैं। Uterus के मामले में, ये blockages implantation में बाधा डालती हैं और infertility का कारण बनती हैं।Polycystic Ovary Syndrome एक सबसे आम कारण है female infertility का। यह एक ऐसी condition है जिसमें महिला की ovaries सामान्य से ज़्यादा Androgens बनाती हैं जो कि ovarian follicles के development और ovulation के दौरान egg को release होने में बाधा डालते हैं जो कि infertility का कारण बनते हैं।Autoimmune disorders, जैसे कि lupus, Hashimoto's और कुछ प्रकार के thyroiditis, or rheumatoid arthritis,infertility की वजह बन सकते हैं। Autoimmune disorders की वजह से शरीर की immune system शरीर के normal tissues को attack करने लगता है। यह भी माना जाता है की ये uterus और placenta में सूजन पैदा करते हैं।Infertility का इलाज़ possible है। यदि आप और आपका partner pregnant होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें, treatment options का पता लगाएं, और अपनी parents बनने की संभावना बढ़ाएं।Source:- https://www.nichd.nih.gov/health/topics/infertility/conditioninfo/causes/causes-female
बहुत से लोगों को infertility का सामना करना पड़ता है। लेकिन देखा गया है कि इस situation से जुड़े बहुत से myths और misconceptions लोगों के दिमाग में रहते हैं।5 सबसे common myths और misconceptions पर आज चर्चा करते हैं।Myth 1: अगर आपका पहले एक बच्चा है तो आप infertile हो ही नहीं सकतेकई लोग मानते हैं कि एक बार जब कोई couple बच्चे को जन्म दे देता है, तो दूसरी बार उस couple को pregnant होने में कोई परेशानी हो ही नहीं सकती। यह एक myth है।Secondary Infertility, एक बार बच्चा पैदा करने के बाद, दोबारा pregnant होने में मुश्किल होना, एक आम समस्या है। Age, Lifestyle, Sexually transmitted disorders, abortions से जुडी समस्या, menstruation या delivery के समय पर unhygienic conditions जैसी कुछ चीज़ें secondary infertility का कारण बन सकते हैं।Myth 2: उम्र केवल महिलाओं की fertility पर असर डालती है, पुरुषों पर नहींआजकल के समय में लोग अक्सर देरी से माता-पिता बन रहे हैं, क्योंकि वह अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं, अपना करियर बनाना चाहते हैं या बस अपने जीवन का पहले अच्छे से आनंद लेना चाहते हैं।हम अक्सर बढ़ती उम्र के साथ एक महिला की infertility के बारे में बात करते हैं लेकिन यह समझ लेना बहुत ज़रूरी है कि एक पुरुष (male) की उम्र का भी एक महत्वपूर्ण role होता है। जैसे-जैसे पुरुष बढ़ते हैं, उनके sperms की quality और count दोनों में ही गिरावट आ सकती है। इससे pregnancy मुश्किल हो सकती है और बच्चे के लिए भी कुछ health conditions का खतरा बढ़ सकता है।Myth 3: हर दिन sex करने से pregnancy के chances बढ़ जाते हैहमारे बड़े बुजुर्गों का मानना है कि ज्यादा बार sex करने से pregnancy के chances बढ़ जाते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है। एक महिला के menstrual cycle के दौरान, "fertile window “ नाम का एक specific समय होती है। इस window में आम तौर पर ovulation से पहले के छह दिन और ovulation day शामिल होते हैं। Researches से पता चला है कि fertile window के दौरान sex करने से pregnancy के chances काफी बढ़ जाते है।समय के साथ साथ, sperms की health भी काफी महत्वपूर्ण role play करती है। बार-बार ejaculate करने से sperm count और concentration कम हो सकता है जो fertility को negatively impact करता है।Myth 4: Sex के बाद अपने पैरों को ऊपर करके लेटना या खड़े होने से बचना, pregnancy के chances में सुधार लाता हैकई महिलाओं का मानना है कि pregnant होने के लिए sex के तुरंत बाद उन्हें पैरों को ऊपर उठाकर लेट जाना चाहिए। उनका मानना है कि इस तरह से sperms शरीर के अंदर ही रहते हैं और उन्हें egg तक पहुंचने में मदद मिलती है। हालांकि, यह सच नहीं है। Sex के बाद चाहे महिला किसी भी स्थिति में हो, Sperms egg तक जल्दी ही पहुँच जाते है। Sperms कैसे travel करेंगे इसमें gravity का कोई role नहीं है। Healthy sperms अपने आप egg तक पहुंच जाता है। तो, sex के बाद लेटने से pregnancy के chances पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।Myth 5: लंबे समय तक Oral Contraceptives लेने से infertility हो सकती हैकई महिलाओं को यह चिंता होती है कि लंबे समय तक oral contraceptives लेने से बाद उन्हें pregnant होने में मुश्किल होगी। हालांकि यह सच है कि oral contraceptives की वजह से pregnancy को रोका जा सकता है ल्र्किन इनकी वजह से fertility पर कोई गलत असर नहीं पड़ता है। सच्चाई यह है कि ज्यादातर महिलायें oral contraceptives लेना बंद करने के तुरंत बाद ही pregnant हो सकती हैं।ज़रुरत पड़ने पर अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।Source: https://www.msjonline.org/index.php/ijrms/article/view/12149/7969









