आयुर्वेद के हिसाब से त्वचा के प्रकार!
- आयुर्वेद में मनुष्य आ इनहन के त्वचा के 3 दोष के आधार पर वर्गीकरण कइल गइल बा; वात, पिता अउर कफा। हर ब्यक्ति के ऊतक सभ के परत एकही होला, फिर भी ई गुण सभ में अलग-अलग हो सके लें जइसे कि: रंग, मोटाई, ताकत इत्यादि।
1. रूखी त्वचा (वाता) : इ बहुत नाजुक, पातर त्वचा होखेला, जवना में छोट-छोट छिद्र अवुरी ठंडा तापमान होखेला। इ हमेशा छूवे प सूखल अवुरी टाइट होखेला अवुरी धूप के रोशनी के चलते आसानी से तन हो जाला जवना के चलते त्वचा के लाल होखे के बजाय तन जरे निहन देखाई देवेला।
तनाव पैदा करे वाला कवनो कारक के चलते ए प्रकार के त्वचा में समय से पहिले झुर्री, डार्क सर्कल, कम चमक, सूखल, परतदार अवुरी धब्बादार त्वचा अवुरी होंठ में दरार हो सकता।
2. संवेदनशील त्वचा(पिट्टा): एकर रूप ज्यादातर मुलायम अवुरी चमकदार होखेला अवुरी स्पर्श कईला प गर्म होखेला। ई अक्सर गुलाबी आ चमकदार रंग में होला। बाकिर इनहन में तेल वाला इलाका, दाग आ टी-जोन में बड़हन छिद्र होला।
जब अयीसन त्वचा के सामना तनाव से होखेला त इ देखाई दे सकता: एलर्जी के प्रतिक्रिया, लाली, जादे तेल वाला, बड़ छिद्र अवुरी टी-जोन प ब्लैकहेड्स सफेदी अवुरी पिंपल्स।
3. तेल वाला त्वचा(कफा): कफा त्वचा के विशेषता होखेला कि इ स्पर्श कईला प मोट, मुलायम अवुरी ठंडा होखेला अवुरी अधिकांश समय नम अवुरी तेलदार रहेला। इनहन के छिद्र बड़ होला आ रंग पीयर होला जे आसानी से चमड़ा हो सके ला बाकी इनहन में धीरे-धीरे उमिर बढ़े के लच्छन देखे के मिले ला।
तनाव में इ त्वचा जाम हो सकता, जादा तेल हो सकता जवना से त्वचा अवुरी चमकदार हो सकता, अवुरी छिद्र बड़ हो सकता, जवना से करिया दाग, मुँहासा अवुरी झुर्री पैदा हो सकता।
Source:-The Skin Types of Ayurveda. (2024, March 19). The Skin Types of Ayurveda. https://aromaticstudies.com/the-skin-types-of-ayurveda/
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