कुछ लोगों के लिए एलर्जी का मौसम धीरे-धीरे आता है, जबकि दूसरों के लिए यह अचानक मुश्किलें खड़ी कर देता है। एक दिन हवा बिल्कुल सामान्य लगती है और अगले दिन लगातार छींकें, watery आँखें और सुबह-भर रहने वाली थकान परेशान करने लगती है। जब ये लक्षण रोजमर्रा के कामों में बाधा बनते हैं, तो बहुत-से लोग ऐसे भरोसेमंद दवाओं की ओर रुख करते हैं जो वर्षों से उपयोग में रही हैं।इन्हीं में से एक हैक्लोरफेनिरामिन मैलिएट टैबलेट, जो एक लोकप्रिय और पारंपरिक एंटीहिस्टामिन दवा है।इस ब्लॉग में जानेंगे कि यह दवा कैसे काम करती है, इसे क्यों उपयोगी माना जाता है, किन लोगों को डॉक्टर से पूछकर इसका उपयोग करने पर विचार करना चाहिए और इसे लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। यहाँ उद्देश्य है - बिना तकनीकी भाषा में जाए साधारण तरीके से जानकारी देना, ताकि एलर्जी से परेशान कोई भी व्यक्ति डॉक्टर की सलाह लेकर सही निर्णय कर सके।क्लोरफेनिरामिन मैलिएट टैबलेट को लोकप्रिय एंटीहिस्टामिन क्यों माना जाता है?यह दवा लंबे समय से एलर्जी के आम लक्षणों को कम करने में इस्तेमाल की जा रही है। यहFirst-GenerationAntihistamine समूह की दवा है। ये दवाएँ शरीर में एलर्जी पैदा करने वाले कारणों—जैसे धूल, परागकण (pollen), पालतू जानवरों के बाल या कुछ खाद्य पदार्थ - से होने वाली प्रतिक्रियाओं को शांत करती हैं।जब शरीर किसी चीज़ को irritant समझता है, तोहिस्टामिन नाम का रसायन निकालता है। यही हिस्टामिन खुजली, watery आँखें, नाक बंद होना और छींक जैसे लक्षण पैदा करता है। क्लोरफेनिरामिन मैलिएट टैबलेटहिस्टामिन के असर को रोककर इन लक्षणों को कम करती है, जिससे व्यक्ति को राहत मिलती है और साँस लेना सहज लगता है। आज भले ही दूसरी पीढ़ी की (non-sedating) दवाएँ भी उपलब्ध हैं, लेकिन कई लोग इस पारम्परिक दवा को तेज़ राहत के लिए अभी भी पसंद करते हैं। इसकी एक और खासियत है -कम कीमत औरआसानी से उपलब्ध होना। वर्षों से बाजार में होने की वजह से यह लगभग हर दवा दुकान पर मिल जाती है।किन स्थितियों में इसका उपयोग किया जाता है?यह दवा अक्सर इन समस्याओं में इस्तेमाल की जाती है:एलर्जिक राइनाइटिसआँखों में खुजली और पानी आनाहल्की त्वचा एलर्जी संबंधी प्रतिक्रियाएँहल्के सर्दी जैसे लक्षण जिनमें हिस्टामिन की भूमिका होती हैहालाँकि यह दवा इन समस्याओं में मदद कर सकती है, लेकिन यह ब्लॉग किसी भी स्थिति में स्वयं दवा शुरू करने की सलाह नहीं देता। लगातार बने रहने वाले या गंभीर लक्षणों में डॉक्टर की जांच ज़रूरी है।दवा शरीर के अंदर कैसे काम करती है?एलर्जी की प्रक्रिया शरीर में काफी जटिल होती है। जब कोई एलर्जन शरीर में प्रवेश करता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली उसे हानिकारक मान लेती है और हिस्टामिन छोड़ती है। इससे नाक और आँखों के नाज़ुक हिस्सों में सूजन और irritation होता है।क्लोरफेनिरामिन मैलिएट टैबलेटहिस्टामिन को उसके receptor से जुड़ने नहीं देती, जिससे एलर्जी की प्रतिक्रिया कम हो जाती है और सूजन, खुजली व जलन में राहत मिलती है।इस दवा से कुछ लोगों को नींद भी आ सकती है क्योंकि यह दिमाग के उन हिस्सों को प्रभावित करती है जो सतर्कता (alertness) नियंत्रित करते हैं।रात में एलर्जी बढ़ने पर यह कुछ लोगों के लिए मददगार साबित होती है, लेकिन दिन में काम या पढ़ाई करने वाले लोग इसे लेने में सावधानी बरतना चाहते हैं। इसी वजह से नियमित उपयोग से पहले डॉक्टर से सलाह लेना सही विकल्प है।दवा का जिम्मेदारी से उपयोग—कुछ ज़रूरी बातेंभले ही यह ओवर-द-काउंटर कई जगह मिल जाती हो, फिर भी यह एक दवा है और सावधानी ज़रूरी है।कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:इसेशराब के साथ न लें, क्योंकि नींद और चक्कर बढ़ सकते हैंडोज़ का ध्यान रखें, मनमानी मात्रा न लेंगर्भावस्था या स्तनपान में हों तो पहले डॉक्टर से पूछेंदवा लेने के बाद जब तक असर समझ न आए,ड्राइविंग या मशीनें चलाने से बचेंयदि आपको ग्लूकोमा, थायरॉयड, हृदय संबंधी समस्या या साँस की बीमारी है, तो डॉक्टर से परामर्श करेंहर व्यक्ति की प्रतिक्रिया अलग होती है। किसी को यह दवा आसानी से सूट कर जाती है, तो किसी को इसका असर ज़्यादा तेज़ लग सकता है।फायदे और सीमाएँफायदे:छींक, खुजली और watery आँखों से राहतहल्की त्वचा एलर्जी में मददरात में एलर्जी बढ़ने पर नींद लाने में सहायतासीमाएँ:First-Generation दवाएँ नींद ला सकती हैंअसर कुछ घंटों तक ही रहता है, इसलिए दिन में कई बार लेने की जरूरत पड़ सकती हैकुछ लोगों को मुँह सूखना, हल्की चक्कर या पेट में असहजता महसूस हो सकती हैअगर आप अन्य दवाएँ ले रहे हैं, तो डॉक्टर को ज़रूर बताएं क्योंकि कुछ दवाओं के साथ मिलाने पर नींद या चक्कर बढ़ सकते हैं।क्यों बहुत-से लोग अब भी इस दवा पर भरोसा करते हैं?इतने नए-नए एंटीहिस्टामिन आने के बावजूद यह दवा अपनी पहचान बनाए हुए है।कारण:इसका उपयोग दशकों से होता आ रहा हैसही तरीके से लेने पर इसका सुरक्षा प्रोफ़ाइल अच्छी तरह जाना-पहचाना हैयह कई रूपों में उपलब्ध है—टैबलेट, सिरप, और सर्दी-खाँसी वाली कॉम्बिनेशन दवाओं मेंएलर्जी के लक्षण आज भी वही हैं, इसलिए जो दवा पहले कारगर थी, आज भी लाभ देती हैइस दवा को लेने से पहले क्या सोचेंदवा लेने से पहले अपने लक्षणों पर ध्यान दें:क्या ये मौसमी हैं?क्या किसी खास चीज़ के संपर्क में आने पर बढ़ जाते हैं?क्या वे हल्के, मध्यम या गंभीर हैं?लगातार बने रहने वाले लक्षणों में डॉक्टर की जाँच बेहद ज़रूरी है क्योंकि कई बीमारियाँ एलर्जी जैसी लगती हैं लेकिन होती कुछ और हैं।यदि आप पहले सेcough syrup, painkiller, antidepressant या sedative दवाएँ ले रहे हैं, तो डॉक्टर को बताएं। कई sedating दवाएँ साथ लेने से नींद या चक्कर ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ सकते हैं।निष्कर्षक्लोरफेनिरामिन मैलिएट टैबलेट लंबे समय से एलर्जी के लिए विश्वसनीय विकल्प मानी जाती है। यह छींक, खुजली, watery आँखें और हल्के त्वचा एलर्जी लक्षणों को कम करने में मदद करती है। इसकी लंबी उपयोग-इतिहास, कम कीमत और आसान उपलब्धता इसे बहुत-से लोगों की पसंद बनाती है।लेकिन हर दवा की तरह इसे भी जिम्मेदारी से और डॉक्टर की सलाह के साथ इस्तेमाल करना बेहतर है, खासकर यदि आपको पुरानी स्वास्थ्य समस्याएँ हैं या अन्य दवाएँ चल रही हैं।एलर्जी परेशान करती है, लेकिन सही जानकारी और सही कदमों के साथ इसे आसानी से संभाला जा सकता है।Medwiki के साथ जुड़े रहें!अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न1. इस दवा का मुख्य उद्देश्य क्या है?एलर्जी के लक्षण जैसे छींक, नाक में खुजली, watery आँखें और itching को कम करना।2. क्या यह दवा नींद लाती है?हाँ, कुछ लोगों में यह दवा नींद या सुस्ती ला सकती है।3. क्या इसे अन्य एलर्जी दवाओं के साथ ले सकते हैं?अन्य antihistamine या sedative दवाओं के साथ मिलाने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है।4. इसका असर कितनी देर तक रहता है?आमतौर पर कुछ घंटों तक। कई बार दिन में दुबारा लेना पड़ सकता है।5. क्या यह बच्चों के लिए सुरक्षित है?हाँ, लेकिन केवल डॉक्टर की सलाह और सही डोज़ के साथ।6. क्या गर्भवती महिलाएँ यह दवा ले सकती हैं?गर्भावस्था, स्तनपान या गर्भधारण की योजना के दौरान डॉक्टर से पूछना आवश्यक है।7. इस दवा के साथ किन चीज़ों से बचना चाहिए?शराब, ड्राइविंग और मशीनें चलाने से तब तक बचें जब तक दवा का असर समझ न आए।Disclaimerयह ब्लॉग केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह चिकित्सा सलाह नहीं है। किसी भी दवा को शुरू करने या बदलने से पहले हमेशा योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लें।
जब blood pressure 90/60 mmHg या इससे कम हो जाता है, तो उसे low blood pressure कहते है।Low blood pressure के कारण चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना या कभी-कभी बेहोशी जैसी problems हो सकती हैं। लेकिन, कुछ आसान उपायों से इसे control किया जा सकता है। आइए, जानते हैं कैसे:1. खाने में नमक थोड़ा ज्यादा add करेंनमक में sodium पाया जाता है, जो शरीर में hydration बनाए रखने में मदद करता है और blood pressure को बढ़ाने में helpful होता है। जब शरीर में sodium की मात्रा कम हो जाती है, तब blood pressure भी गिर सकता है।इसलिए, अगर आपका blood pressure कम रहता है, तो आप अपने खाने में थोड़ा ज़्यादा नमक add कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले doctor से सलाह जरूर लें।2. शरीर को Hydrated रखेंशरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी होना बहुत जरूरी है, क्योंकि पानी से ही blood pressure balanced रहता है। जब आप कम पानी पीते हैं, तो शरीर में blood flow धीमा हो जाता है और इससे blood pressure भी कम हो सकता है।खासकर गर्मी के दिनों में या ज्यादा पसीना आने पर शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और चक्कर आने की समस्या बढ़ सकती है।इसलिए, अगर आपका blood pressure कम रहता है, तो दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। नारियल पानी, फलों का रस और सूप भी शरीर को hydrate रखने के अच्छे options हैं।3. शराब का सेवन कम करेंशराब शरीर को dehydrate कर सकती है, यानी यह शरीर से ज्यादा पानी निकाल देती है। जब शरीर में पानी की मात्रा कम होती है, तो शरीर में blood की volume कम हो जाती है, जिससे blood pressure नीचे गिर सकता है।शराब blood vessels को चौड़ा कर देती है। लेकिन अगर आपको low blood pressure की समस्या है, तो शराब पीने से शरीर में blood flow धीमा हो जाता है, जिसकी वजह से आपको चक्कर भी आ सकता है। इसलिए शराब पीने से बचें।4. एक बार में ज्यादा खाने की बजाय छोटे-छोटे Meals लेंकई लोगों को खाने के बाद अचानक blood pressure गिरने की समस्या होती है, जिसे Postprandial Hypotension कहा जाता है। जब आप एक साथ ज़्यादा खा लेते हैं, तो digestion के लिए ज्यादा मात्रा में खून पेट की ओर चला जाता है, जिससे शरीर के बाकी हिस्सों में blood flow कम हो जाता है और blood pressure भी कम होने लगता है।इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीक़ा है कि आप दिनभर में छोटे-छोटे meals लें और ज्यादा carbohydrate वाली चीज़ें ख़ाने से बचें। हल्के-फुल्के snacks, protein rich diet और fiber से भरपूर भोजन आपके शरीर को अच्छे से energy देगा और blood pressure को balanced रखने में मदद करेगा।5. Compression Socks पहनेंCompression socks पैरों पर हल्का दबाव डालते हैं और blood pressure को बेहतर बनाते हैं। आमतौर पर, जब आप ज्यादा देर तक खड़े रहते हैं, तो खून पैरों में जमा हो सकता है और इससे blood pressure गिर सकता है।Compression socks पैरों में blood को जमा होने से रोकते हैं और उसे heart तक वापस भेजने में मदद करते हैं। इससे चक्कर आना या अचानक कमजोरी महसूस होने की समस्या कम हो सकती है।इन छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर आप अपने blood pressure को बेहतर तरीके से control कर सकते हैं।Source:- 1. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK499961/2. https://www.nhlbi.nih.gov/health/low-blood-pressure3. https://health.clevelandclinic.org/what-to-do-if-blood-pressure-is-to-low4. https://www.webmd.com/heart/ss/slideshow-guide-low-blood-pressure5. https://www.webmd.com/heart/understanding-low-blood-pressure-basics
Genital herpes, herpes simplex virus (HSV) के वजह से होता है, और यह गुप्ताँग पर दर्दनाक घाव और छालों का कारण बन सकता है।Genital herpes को लेकर अब भी सवाल हैं? Ask Medwiki पर पाएं भरोसेमंद और verified sources से सही जानकारी।Genital herpes को ठीक करने के 6 आसान तरीके!1. गुप्ताँग को साफ़ रखेंघाँव और छालों वाली जगह को सादे पानी से धोना infections को रोकने में मदद करता है और खुजली को भी कम करता है। यह आसान तरीका गुप्ताँग से bacteria को दूर करता है और छालों को और ख़राब होने से रोकता है।2. Petroleum Jelly या Painkilling Cream का इस्तेमाल करेंआप petroleum jelly, जैसे Vaseline को छालों पर लगा सकते हैं। यह skin को moist रखता है और छालों को सूखने से भी रोकता है। अगर आपको बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है, तो आप pain-relieving cream try कर सकते हैं। इसमें lidocaine होता है जो गुप्ताँग को सुन्न करके, आपका दर्द कम करता है।3. पेशाब करते समय पानी डालेंअगर आपको genital herpes है, तो पेशाब करना painful हो सकता है, लेकिन इसे आसान बनाने का एक तरीका है। जब आप पेशाब कर रहे हो, तो अपने genitals पर पानी डालें। पानी urine को dilute करता है, जिससे पेशाब करते समय दर्द कम होता है।4. शहद (Honey) का इस्तेमाल करेंशहद में antiviral properties होती हैं जो गुप्ताँग के छालों को जल्दी ठीक करने में मदद करती हैं। यह inflammation को कम करके healing process को fast करता है। शहद को गुप्ताँग में लगाने से दर्द और जलन में राहत मिलती है और घाव भी जल्दी भरते हैं।5. Zinc Supplements लेंZinc एक mineral है जिसमें antiviral properties होती हैं, इसका मतलब है कि यह herpes virus को fight करने में मदद करता है। Zinc supplements लेने से आपका immune system improve होता है और यह virus को फैलने से रोकने में भी मदद करता है।6. लहसुन (Garlic) का इस्तेमाल करेंलहसुन एक और natural remedy है जो genital herpes को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसमें allicin नाम का एक compound जो genital herpes के लक्षणों को कम करता है और छालों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। लहसुन का तेल लगाने से HSV infection कम होता है और दर्द में राहत मिलती है।इन steps को follow करके, आप genital herpes के symptoms को manage कर सकते हैं।Source:-1. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5177552/2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK525769/3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK396233/4. https://www.webmd.com/genital-herpes/guide-chapter-genital-herpes-treatment5. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/genital-herpes
गिलेन-बारे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है। यह आपकी नसों को नुकसान पहुंचा सकती है। इस बीमारी के कारण हाथ-पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में कमजोरी, दर्द और सुन्नपन महसूस हो सकता है।गिलेन-बारे सिंड्रोम कब होता है?गिलेन-बारे सिंड्रोम तब होता है जब हमारा इम्यून सिस्टम गलती से हमारी ही नसों पर हमला करने लगता है, जिससे नसों को काफी नुकसान होता है। यह बीमारी आमतौर पर फ्लू और फूड पॉइजनिंग जैसे इन्फेक्शन की वजह से शुरू होती है। कभी-कभी वैक्सीनेशन या सर्जरी के बाद भी इसके शुरू होने की संभावना होती है।अब भी Guillain-Barré Syndrome को लेकर सवाल हैं? Ask Medwiki पर पाएं भरोसेमंद और verified sources से सही जानकारी।गिलेन-बारे सिंड्रोम के लक्षण क्या होते हैं?इस बीमारी के लक्षण सबसे पहले हाथ-पैरों में दिखाई देते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:हाथ-पैरों में दर्द होना।हाथ-पैरों में सुन्नपन या झनझनाहट महसूस होना।मांसपेशियों में कमजोरी महसूस करना।बैलेंस और कोऑर्डिनेशन में दिक्कत होना।ये लक्षण धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकते हैं। गंभीर मामलों में बोलने, चलने, सांस लेने या निगलने में भी दिक्कत हो सकती है।गिलेन-बारे सिंड्रोम का इलाज क्या है?गिलेन-बारे सिंड्रोम के इलाज के लिए निम्नलिखित उपचारों की मदद ली जाती है:आईवी इम्यूनोग्लोबुलिन (IV Immunoglobulin): यह हमारे इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करता है।प्लाज्मा एक्सचेंज: यह खून से टॉक्सिन्स हटाने में मदद करता है।इसके अलावा, लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दर्द कम करने और सांस लेने में मदद की जाती है।गिलेन-बारे सिंड्रोम से जूझ रहे व्यक्ति की ताकत वापस लाने के लिए फिजियोथेरेपी का भी सहारा लिया जाता है। यह तकनीक मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है।इस बीमारी से उबरने में महीनों या साल भर का समय लग सकता है। लेकिन सही इलाज और थेरेपी की मदद से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को गिलेन-बारे सिंड्रोम के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।Source:- 1. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/15838-guillain-barre-syndrome2. https://www.webmd.com/brain/what-is-guillain-barre3. https://www.nhs.uk/conditions/guillain-barre-syndrome/4. https://111.wales.nhs.uk/GuillainBarresyndrome/?locale=en5. https://www.alderhey.nhs.uk/wp-content/uploads/2024/01/GBS-Clinical-Guideline-draft-15.1.24ag.pdf
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए अपनी डाइट में ये चीज़ें ज़रूर शामिल करें:दूध (बिना मलाई वाला):रिसर्च के अनुसार, बिना मलाई वाला दूध पीने से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। यह शरीर में मौजूद अतिरिक्त यूरिक एसिड को पेशाब के जरिए बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम मांसपेशियों और हड्डियों को भी मजबूत बनाते हैं।कॉफी:कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह प्यूरीन को यूरिक एसिड में बदलने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। साथ ही, कॉफी पीने से यूरिक एसिड पेशाब के जरिए जल्दी बाहर निकल जाता है।पानी:पानी पीना यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का सबसे सरल तरीका है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर आप रोज़ 5 से 8 गिलास पानी पिएंगे, तो यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बाहर निकल जाएगा। शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) यूरिक एसिड को बढ़ा सकती है, इसलिए शरीर को हमेशा हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है।मीट और सीफूड्स से परहेज:रेड मीट, शेलफिश, और सार्डिन्स जैसे सीफूड्स में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। प्यूरीन यूरिक एसिड में बदलकर आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए अपनी डाइट में वेगन प्रोटीन जैसे दाल, सोयाबीन और टोफू को शामिल करें।फल और सब्ज़ियां:ज्यादातर फल और सब्ज़ियों में प्यूरीन की मात्रा कम होती है, जैसे सेब, केला, खीरा, पत्ता गोभी, और पालक। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं। ये शरीर के पीएच लेवल को बैलेंस रखते हैं और यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।चावल, पास्ता और अनाज:चावल, पास्ता और सीरियल्स यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इनमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देते हैं और ब्लड शुगर को बैलेंस रखते हैं। अपनी डाइट में ब्राउन राइस और क्विनोआ जैसे होल ग्रेन्स ज़रूर शामिल करें।Source:- 1. https://my.clevelandclinic.org/health/treatments/22548-gout-low-purine-diet2. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/17808-hyperuricemia-high-uric-acid-level3.https://www.ruh.nhs.uk/patients/services/clinical_depts/dietetics/documents/Dietary_Advice_For_Gout.pdf4. https://yourhealth.leicestershospitals.nhs.uk/library/csi/dietetics/2590-diet-and-nutrition-advice-when-you-have-gout/file5. https://www.nhs.uk/conditions/gout/
Bird flu एक ऐसी बीमारी है, जो H5N1 या H7N9 influenza virus के कारण होती है। यह ज़्यादातर पक्षियों में फैलती है, लेकिन जब इंसान infected जानवरों के संपर्क में आता है, तब उसे भी bird flu हो सकता है।Bird Flu कैसे फैलता है?Bird Flu infected जानवरों के शरीर से निकलने वाले liquids जैसे लार (saliva), बलगम (mucus), या मल (feces) के कारण फैलता है।इंसान से इंसान में bird flu के फैलने के chances बहुत ही कम होते हैं, लेकिन impossible नहीं।Bird Flu के लक्षण क्या होते हैं?इसके लक्षण में शामिल हैं:बुखारखांसीगले में खराशमांसपेशियों में दर्दथकानआंखों में जलन या सूजनसांस लेने में दिक्कतकिन लोगों को Bird Flu का ख़तरा ज़्यादा होता हैं?किसान और poultry farm या चिड़िया घर में काम करने वाले लोगों को bird flu का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है!Bird Flu से बचने के क्या तरीक़े हैं?इस बीमारी से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें।जानवरों के साथ काम करने के दौरान, दस्ताने (gloves), masks, और चश्मा (goggles) ज़रूर पहनें।जानवरों को छूने के बाद अच्छे से हाथ धोएं।बीमार जानवरों से दूर रहें।अगर आप लगातार पक्षियों के संपर्क में रहतें हैं, तो अपने जूते घर के बाहर ही उतारें।Flu vaccine ज़रूर लगवाएं।Bird Flu का इलाज़ कैसे करें?Bird flu के लक्षण महसूस होने पर doctor के पास जायें। वह आपको antiviral दवाएँ देंगे जिससे आप जल्द ही ठीक हो जाएँगे। अगर दवाई लेने के बाद भी आपकी तबीयत में कोई सुधार नहीं होता है तो doctor से तुरंत consult करें।इस बीमारी से ख़ुद को safe रखने के लिए, अपना बचाव करें।Source:- 1. https://www.webmd.com/cold-and-flu/what-know-about-bird-flu2. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/22401-bird-flu3. https://www.nhs.uk/conditions/bird-flu/4. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK553072/5. https://111.wales.nhs.uk/encyclopaedia/a/article/avianflu(birdflu)To stay safe from this disease, protect yourself.
सबसे पहले हम समझेंगे कि Piles आख़िर होता क्या है? इसे हिंदी में बवासीर भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गूदा (anus) और मलाशय (rectum) के आसपास की नसें सूज जाती हैं या फिर फूल जाती हैं।इन नसों की सूजन के कारण आसपास की कोशिकाओं (cells) में रक्त प्रवाह (blood flow) बढ़ जाता है जिसके कारण गुदा क्षेत्र (anal area) में दर्द और जलन हो सकती है। इसे ही बवासीर कहतें हैं।बवासीर (Piles) के कई प्रकार भी होते हैं जैसे:आंतरिक बवासीर (Internal Piles): यह गूदा (anus) के अंदर मौजूद होता हैं, जिसे आप ना तो देख सकते हैं और ना ही महसूस कर सकते है। ये ज्यादा दर्द नहीं करता है, लेकिन जब आप स्टूल पास करते हैं तो उसमें खून आ सकता है।बाहरी बवासीर (External Piles): ये गूदा (anus) की बाहरी त्वचा पर मौजूद होते हैं। चलते फिरते वक़्त इनमें बेहद दर्द भी हो सकता है।बाहर निकली हुई बवासीर (Prolapsed Piles): जब आंतरिक बवासीर (internal piles) गूदा (anus) के बाहर आ जाते हैं तो उन्हें बाहर निकली हुई बवासीर या prolapsed piles कहा जाता हैं। यह एक गंभीर मामला है जिसमे आपको दर्द, खुजली और सूजन हो सकती है।खून जमे हुए बवासीर (Thrombosed Piles): ये तब होता है जब बाहरी बवासीर (External Piles) में खून का थक्का जम जाता है। इससे काफी दर्द होता है और गूदा के आस पास का हिस्सा बैंगनी या नीले रंग का भी हो सकता है।बवासीर होने के क्या कारण होते हैं?बवासीर या Piles तब होता हैं जब आपके गूदा (anus) में बहुत ज़्यादा दबाव पड़ता है। ऐसा कई कारणों की वजह से हो सकता है जैसे:स्टूल pass करते समय ज्यादा जोर लगानाभारी सामान उठानाज्यादा वजनी होनागर्भावस्थाकम फाइबर वाली चीज़ें ख़ानाकब्ज या दस्तबवासीर होने की संभावना कब बढ़ जाती है?कुछ ऐसी भी परिस्थितियाँ होती हैं जो आपके बवासीर या piles होने की संभावना को बढ़ा सकती हैं:अगर आपके माता-पिता को बवासीर था, तो यह आपको भी हो सकता हैं।बढ़ती उम्र के साथ, लोग बवासीर से ज़्यादा प्रभावित होते हैं क्योंकि उनकी नसों की ताकत कम हो जाती है।गर्भावस्था के दौरान शरीर के निचले हिस्से पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे piles होने की संभावना भी बढ़ जाती है।अगर आप बहुत देर तक बैठे रहते हैं, तो इससे गूदा (anus) की नसों पर दबाव पड़ता है जिसके कारण आपको piles हो सकता हैं।Source:- 1. https://www.webmd.com/digestive-disorders/ss/slideshow-hemorrhoids2. https://www.webmd.com/digestive-disorders/understanding-hemorrhoids-basics3. https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC3342598/4. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/hemorrhoids5. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/hemorrhoids/definition-facts
आज कल Human metapneumovirus (HMPV) के cases काफी सुनने को मिल रहे हैं और china के साथ साथ अब तो कुछ cases India में भी पाए जा रहे हैं। देखा गया है कि 5 साल से छोटे बच्चों को Human metapneumovirus (HMPV) का ख़तरा ज़्यादा होता है। हलाकि बड़ी उम्र में भी ये infection होने का ख़तरा बना रहता है।HMPV के symptomsHuman metapneumovirus (HMPV) के symptoms लगभग वैसे ही होते हैं जैसे normal खांसी ज़ुखाम के होते हैं। Upper Respiratory Tract में infection होने के symptoms कुछ ऐसे होते हैं : खांसी, नाक बहना, congestion और गले में खराश। जबकि lower respiratory tract में infection होने से कुछ ऐसे symptoms देखने को मिलते हैं: अस्थमा का तेज़ी से बढ़ना, खांसी में गहरी आवाज़ (कुत्ते वाली खांसी) और निमोनिया।HMPV के बारे में अउरी जनकारी चाहीं? हमार भरोसेमंद स्वास्थ्य सहायक Ask Medwiki पर तोहार मदद खातिर तैयार बा।HMPV कैसे फैलता है ?HMPV (Human Metapneumovirus) एक virus है जो किसी infected person के direct contact में आने या infected चीज़ों को छूने से फैलता है। जैसे कि खांसते और छींकते समय निकलने वाली बूंदों के contact में आने से, infected व्यक्ति से हाथ मिलाने, गले लगाने या चूमने से या फिर infected व्यक्ति की छूई हुई चीज़ें छूने से।HMPV का diagnosis:Doctors ज़्यादातर symptoms और health history देख कर HMPV का पता लगाते हैं। कभी कभी swab का इस्तेमाल करके नाक या गले में से sample लेकर उसे lab test के लिए भी भेजा जाता है। लेकिन ये lab test बस तभी किया जाता है अगर symptoms बहुत severe हों।HMPV का treatment:HMPV को prevent या treat करने के लिए अभी तक कोई भी vaccine या दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं। देखा गया है कि इसका इलाज़ ज़्यादातर घर पर ही किया जा सकता है, अगर कभी symptoms काफी बिगड़ जाएँ और hospitalization की ज़रुरत पड़े तो वहां पर आपकी health को अच्छे से monitor किया जा सकता है।अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो तो oxygen mask से आपको support दिया जा सकता है।आपको hydrated रखने के लिए IV से fluids दिए जा सकते हैं।कुछ severe symptoms से आराम दिलाने के लिए steroids दिए जा सकते हैं।HMPV से कैसे बचें?HMPV के खतरे से बचने इन चीज़ों का रखें ख्याल:बार बार साबुन से हाथ धोना/ sanitizer का use करनाऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना जिनको खाँसी ज़ुखाम होअपने मुँह पर बार बार हाथ ना लगानासाफ़ सुथरा भोजन खाना/ अपना भोजन share करके ना खानाये infection खतरनाक ज़रूर है लेकिन सही और समय पर diagnosis और treatment की मदद से ज़्यादातर cases में सुधार देखा गया है। इस video में बताये तरीकों का ध्यान रखें और HMPV virus से बचें।Source:-1. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/22443-human-metapneumovirus-hmpv 2. https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/22443-human-metapneumovirus-hmpv
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Human metapneumovirus (HMPV): लक्षण और बचाव के तरीके!
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