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Protein ke sources: vegetarians ke liye!

शाकाहारी लोग ज्यादातर यह कहते हुए पाए जाते हैं कि "हम अंडे, मछली, मांस या चिकन नहीं खाते, हम अपनी प्रोटीन आवश्यकताओं को कैसे पूरा कर सकते हैं?"हम अक्सर इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि "मुझे एक दिन में कितना प्रोटीन चाहिए"?क्या आप जानते हैं?रोज के खाने से हमें लगभग 60-70 ग्राम प्रोटीन मिल जाता है, जो हमारी आवश्यकता से भी अधिक है। हालाँकि, प्रोटीन की गुणवत्ता और सभी आवश्यक अमीनो एसिड की आवश्यकताओं को पूरा करना एक चुनौती हो सकती है।तो आखिर शाकाहारियों के लिए प्रोटीन की पूर्ति के लिए क्या समाधान है?अनाज और दालों का उचित संयोजनआहार में मेवे और बीज शामिल करेंदैनिक आहार में दूध शामिल करेंयह आपकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए उचित प्रोटीन सेवन का एक मंत्र है। शाकाहारी भोजन में प्रोटीन पाचन क्षमता 75 से 85% होती है।आपको कितना प्रोटीन चाहिए?एक स्वस्थ पुरुष एवं महिला को 0.83 gm/kg/day प्रोटीन की जरूरत होती है।क्या अब यह समझना मुश्किल है कि "आपको हर रोज कितने प्रोटीन की आवश्यकता है?"अपने आहार में इन प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें:दालें: दालें, हरा चना, कुलथी चना, काला चना, चना, राजमा, लोबिया, सोयाबीन और हरी मटर।मेवे और बीज: बादाम, पिस्ता, काजू, अखरोट, हेज़लनट, चिया बीज, कद्दू के बीज, अलसी के बीज और तिल।दूध एवं दूध से बने हुए उत्पादक्या केवल प्रोटीन, मांसपेशियों के निर्माण के लिए पर्याप्त है?नहीं, यह एक मिथ है और हम लोगों को मांसपेशियों के निर्माण के लिए अतिरिक्त प्रोटीन, यहां तक कि प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हुए देखते हैं। दरअसल, उच्च स्तर के प्रोटीन का सेवन, विशेष रूप से प्रोटीन सप्लीमेंट के रूप में, recommended नहीं है।आपको पता होना चाहिए:आहार में पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट और fat के बिना, प्रोटीन का कुशलतापूर्वक उपयोग नहीं किया जाता है।पर्याप्त शारीरिक गतिविधि के बिना, शरीर सौष्ठव के लिए प्रोटीन का उपयोग नहीं किया जाता है।तो शाकाहारियों, अब प्रोटीन सेवन के बारे में चिंता करना बंद करें, आपका आहार अपने आप में संपूर्ण है।हमारे साथ अपने ऐसे और मिथकों को तोड़ें।Source:- 1.https://main.icmr.nic.in/sites/default/files/upload_documents/DGI_07th_May_2024_fin.pdf

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Pregnancy में Hyperthyroidism: प्रेगनेंसी के दौरान थायरॉइड कैसे बढ़ता है?

थायरॉइड एक butterfly यानी तितली जैसे आकार का एक gland है!जो आपके गले में आगे की तरफ located होता है। Thyroid hormones आपके बच्चे के brain और nervous system के सही विकास के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं, क्योंकि pregnancy के पहले 3 महीनों तक आपके body में produce हो रहे thyroid hormones ही आपके baby तक supply होते हैं placenta के through। और जब आपकी pregnancy का दूसरा trimester start होता है, यानी आपका baby 12 हफ्ते का होता है तो, उसके thyroid glands hormones बनाने लगते हैं, लेकिन ज़रूरत से कम। इसलिए आपके produce किए thyroid hormones का supply ज़रूरी होता है, जब तक आपकी pregnancy 18-20 हफ्ते की न हो।और इस वजह से pregnancy के time अगर किसी lady को hyperthyroidism की शिकायत होती है, तो उसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।आम तौर पर, pregnancy के दौरान hyperthyroidism होने का कारण Graves' Disease है। Graves' Disease एक autoimmune disorder है जिसमें आपके body में Thyroid Stimulating Immunoglobulin (TSI) produce होती है। TSI एक तरह का antibody है जो thyroid hormones का production बढ़ा देता है।और कुछ cases में, बहुत ही ज़्यादा nausea और vomiting होने से होने वाला weight loss और dehydration जिसे hyperemesis gravidarum कहते हैं। ये भी pregnancy के time hyperthyroidism का कारण बन सकता है।Hyperemesis gravidarum के time HCG hormones का level बढ़ जाता है जिसके कारण thyroid hormones बढ़ जाते हैं।और ये problem pregnancy के 6 months के अंदर खत्म हो जाती है।Pregnancy के दौरान होने वाले hyperthyroidism के कुछ common लक्षण हैं:धड़कन बढ़ जानाबहुत गर्मी लगनाथकान ज़्यादा होनाहाथ कांपनाWeight-loss होनाया फिर pregnancy के time होने वाला weight gain ना होना।अगर आपको भी इनमें से कोई लक्षण दिखते हैं तो अपने doctor से मिलें।Source:- 1.https://www.niddk.nih.gov/health-information/endocrine-diseases/pregnancy-thyroid-disease 2. https://www.hopkinsmedicine.org/health/conditions-and-diseases/staying-healthy-during-pregnancy/hypothyroidism-and-pregnancy

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Bullying? बच्चों की मदद के 6 आसान तरीके!

बच्चों पर bullying के के हानिकारक परिणाम हो सकते हैं। सिर्फ शारीरिक ही नहीं, यह उनके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है।क्या हमें बच्चे पर छोड़ देना चाहिए कि वह खुद manage करें?आपके बच्चे को सुरक्षित रहने का अधिकार है। हां, यह महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें स्वतंत्र बनाएं लेकिन माता-पिता के रूप में हमें अपने बच्चे की भलाई के लिए सही समय पर जरूर बोलना चाहिए।आप अपने बच्चे की मदद कैसे कर सकते हैं?अपने बच्चों को bullying के बारे में शिक्षित करें: यदि आपका बच्चा पहले से जानता होगा कि bullying क्या है, तो वह इसे आसानी से पहचानने में सक्षम होगा।अपने बच्चों से बार-बार और खुलकर बात करें: जब माता-पिता अपने बच्चों से bullying के बारे में खुलकर बात करते हैं, तो वे भी अपने अनुभव बांटना आसान महसूस करते हैं। इसलिए, उनसे न केवल उनकी पढ़ाई के बारे में, बल्कि उनकी भावनाओं के बारे में भी बात करें।अपने बच्चे को सहारा बनने के लिए प्रोत्साहित करें: आपका बच्चा समर्थन देकर, bullying पर सवाल उठाकर अपने साथियों को bully होने से रोक सकता है। ऐसा तभी होगा जब उन्हें पता होगा कि उनके पास आपका पूरा समर्थन है।अपने बच्चे का आत्मविश्वास बनाएं: अपने बच्चे को समुदाय मेंकुछ गतिविधि संबंधित कक्षाओं में डालें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, साथ ही उनके पास अपने जैसे interest वाले मित्रों का एक group बन जाता है।एक अच्छे रोल मॉडल बनें: हमेशा दूसरे बच्चों और बड़ों के साथ अच्छे से पेश आएं और जब किसी के साथ कुछ गलत हो रहा हो तो उसके खिलाफ बोलें क्योंकि आपके बच्चे आपके व्यवहार से यही सीख रहे हैं।उनकी online दुनिया का हिस्सा बनें: आजकल हर बच्चा online बहुत कुछ कर रहा है। उन सभी platforms से परिचित होना शुरू करें जिनका उपयोग आपका बच्चा करता है। अपने बच्चों को समझें और उन्हें आगाह करें कि उन्हें आगे किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।उन्हें bullying के बारे में शिक्षित करना पहला कदम है। तो आइए हम सब मिलकर पहले से ही शिक्षित करने और अपने बच्चों को इस bullying की दुनिया से बचाने का संकल्प लें।Source:- https://www.unicef.org/parenting/child-care/bullying

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Homemade Facepack - घर पर बनाएं फेस पैक!

अगर आप भी glowing त्वचा चाहते हैं लेकिन उसके लिए केमिकल युक्त उत्पाद नहीं लगाना चाहते.. तो यह वीडियो आपके लिए है!!आज हम आपके साथ आपकी glowing त्वचा के लिए एक फेस पैक की रेसिपी share करेंगे और वह भी हल्दी, मुल्तानी मिट्टी, चंदन, केसर आदि जैसे प्राकृतिक और आसानी से उपलब्ध सामग्रियों के उपयोग से।हम बताएंगे कि हर एक ingredient त्वचा को कैसे glow करने में मदद करता है और साथ ही हम बताएंगे इस फेस पैक को बनाने की विधि भी। एक बार इसको आज़माएं, परिणाम देखकर आप आश्चर्य में आ जाएंगे।Glowing त्वचा के लिए फेस पैक के हर एक प्राकृतिक ingredient की मात्रा और लाभ (100 ग्राम):Ingredients को नापते समय आप एक चम्मच का उपयोग कर सकते हैं। 1 छोटा चम्मच 5 ग्राम का होता है!मुल्तानी मिट्टी (15 ग्राम): मुल्तानी मिट्टी blackheads और whiteheads को हटाने, सनबर्न को सही करने, त्वचा को साफ रखना, blood circulation में सुधार करने, रंग को निखारने और त्वचा को glowing प्रभाव देने में मदद करती है।हल्दी (15 ग्राम): हल्दी रक्त को शुद्ध करने में मदद करती है। यह रक्त की खराबी के कारण होने वाले त्वचा रोगों को ठीक करती है। यह त्वचा का रंग हल्का करने में भी मदद करती है। हल्दी उम्र बढ़ने के लक्षणों जैसे झुर्रियों को भी कम करती है।चंदन की लकड़ी (10 ग्राम): चंदन में एंटी-टैनिंग और एंटी-एजिंग गुण होते हैं।केसर (5 ग्राम) : यह त्वचा का रंग हल्का करता है और गोरी और glowing त्वचा देता है।मिल्क पाउडर (15 ग्राम): मिल्क पाउडर सूखी, खुरदुरी त्वचा को लंबे समय तक पोषण प्रदान करता है। यह त्वचा को शानदार चमक प्रदान करता है। यह काले धब्बे, पिगमेंटेशन, मुंहासे आदि को दूर करता है।चावल का आटा (20 ग्राम): चावल का आटा सूजन वाली त्वचा की सतहों को ठंडा करने के लिए उपयोगी है।संतरे का छिलका (10 ग्राम): संतरे के छिलके में तुरंत चमक लाने वाला गुण होता है, यह मुंहासों, झुर्रियों और बुढ़ापे को रोकता है।केले का छिलका (10 ग्राम): केले के छिलके में एंटीफंगल और एंटीबायोटिक दोनों घटक होते हैं।सभी सामग्रियों का सूखा पाउडर बनाकर उपयोग करें। इन्हें सही मात्रा में एक साथ मिलाएं और एक एयर टाइट डिब्बे में रखें।पानी में मिलाकर इसका गाढ़ा पेस्ट बनाएं और ब्रश की मदद से गीले चेहरे पर समान रूप से लगाएं। इसे सूखने के लिए 15 मिनट के लिए छोड़ दें और गीले कपड़े की मदद से साफ करें।Source:- https://core.ac.uk/download/pdf/335078062.pdf

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पढ़ाई करते समय कैसे जागे रहें? बिना सोए पढ़ाई करने के टिप्स!

क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप अभी अभी पढ़ने बैठे हैं, पूरी तैयारी के साथ और आधा घंटा भी नहीं हुआ कि आपको आलस आ रहा है, आपकी पलकें भारी हो रही हैं, और आप बस सो जाना चाहते हो, जबकि आपको पढ़ाई करनी चाहिए।Don't worry इसमें सिर्फ आप ही नहीं हैं, बहुत से लोगों को ऐसा ही होता है।पर ऐसा क्या करें कि पढ़ते वक्त नींद न आए और पढ़ाई पूरी हो जाए?आज के वीडियो में हम ऐसे 5 tips बताएंगे जिसे follow कर के आपको पढ़ते समय नींद नहीं आएगी। आइए start करते हैं:अच्छे से नींद पूरी करें: आप सोच रहे होंगे यहां नींद भगाने की बात हो रही है, और मैं सोने को बोल रही हूँ।वो इसलिए क्योंकि जब आप नींद अच्छे से नहीं लेते तो आपका focus, concentration, और memory weak होने लगती है। तो रोज़ का एक sleep time बनाएँ और कम से कम 6 घंटे की नींद लीजिए। और ध्यान रहे कि आप रोज़ एक समय पे सोने जाएँ, जैसे रोज़ रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक।अच्छी Light में पढ़ाई करें: अगर आप light on कर के और light वाले room में पढ़ाई करते हैं तो आपका brain active रहता है और नींद नहीं आती। लेकिन अगर आप dim light में पढ़ाई करते हैं तो body में melatonin produce होने लगता है जिससे आपको नींद आने लगती है।Bed पे पढ़ाई न करें: वो इसलिए क्योंकि आपके bed पर आपकी body comfortable होने लगती है, और आप सुस्त होने लगते हैं, जिससे आपका focus पढ़ाई से हट कर नींद पे चला जाता है, और आप सो जाते हैं।पानी पीते रहें और हल्का खाना खाएँ: Time to time पानी पीने से आपके brain तक oxygen supply बनी रहती है और आपको नींद नहीं आती, और आपका focus बना रहता है। साथ ही light foods जैसे fruits, dry fruits खाने से आपके brain और body में energy बनी रहती है जिससे आपका brain active रहता है।Chewing gum: Chewing gum चबाने से आपके brain का वो हिस्सा active रहता है जिसमें memory store होती है, जिसे hippocampus कहते हैं। इससे आपका brain alert रहता है और आपको नींद नहीं आती।इसके साथ ही, पढ़ाई के बीच में थोड़ा चलना-फिरना भी याद रखें। Example के लिए, हर 1 घंटे की बैठने के बाद 10-15 मिनट की वॉक करें। इससे आपके शरीर और दिमाग में खून का संचार बेहतर होता है, जिससे आप एक्टिव और जागे रहते हैं।Source:- 1.https://www.researchgate.net/publication/339137655_How_To_Avoid_Sleep_While_Studying 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4075951/

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अपने माता-पिता को अकेला मत छोड़िए! उनसे बात कीजिए।

Senior citizens यानी वो लोग जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा होती है, उनमें अकेलापन और social isolation काफ़ी ज़्यादा पाया जाता है।Loneliness का मतलब लोगों के भीड़ में होके भी अकेला महसूस करना होता है।Social isolation का मतलब है कि, कोई इंसान जिसको उसके परिवार वालों ने, या जान-पहचान वालों ने अकेला छोड़ दिया हो।American journal के एक review study के मुताबिक, ऐसे लोगों में भूलने की बीमारी का risk 50 गुना बढ़ जाता है, साथ ही heart disease से होने वाली मौत का risk 29% बढ़ जाता और premature death यानी समय से पहले होने वाली मौत का risk भी बढ़ जाता है।Senior citizens में अकेले होने के कारण हैं:बच्चे parents के साथ नहीं रहते या फिर घर से दूर रहते होंअपने partner यानी husband या wife की death हो चुकी होजान-पहचान वाले या दोस्तों की death हो चुकी होकोई बात करने को नहीं होताSociety में ज़्यादा लोगों को जानते नहीं हैंया retirement के बाद घर पे अकेले होऔर रोज़ाना कोई भी ऐसा काम ना करना जिससे आप busy रह सकेंये सारे problems हमारे parents, grand parents यानी senior citizens में अकेलापन या social isolation का कारण होते हैं। और यही अकेलापन और social isolation के कारण parents में depression, anxiety और suicide का rate भी बहुत ज़्यादा है।इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने parents या grand parents से बात करते रहें, उनके साथ time spend करें, उनको किसी काम में busy रखें, या फिर उनके health के लिए उन्हें किसी yoga class में join करवा दें ताकि वो खुद को अकेला महसूस न करें और healthy रह सकें।

शॉर्ट्स

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Zyada nimbu pani peene ke nuksan kya hain?

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Dr. Beauty Gupta

Pharmacy Practice and Pharmacology

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Nakhunon par safed line kyun hote hain?

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Dr. Beauty Gupta

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Purush ya mahila: kise adhik pasina aata hai?

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Dr. Beauty Gupta

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रोजाना ghee खाने से क्या होता है?

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Dr. Beauty Gupta

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अनुभव

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Apr 24, 2024

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Gaurishankar Jaiswal

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Apr 24, 2024

मेडविकी स्वास्थ्य और दवाओं के बारे में समझने में मदद करता है। इसके माध्यम से मुझे मेरी दवाओं के सही उपयोग की समझ मिलती है

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Anita bhaduri

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Apr 24, 2024

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Kaya bhaduri

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Apr 24, 2024

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Neha Kumari