मेटफॉर्मिन + रेपाग्लिनाइड
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NA
दवाई के स्थिति
सरकारी मंजूरी
US(FDA), यूके (बीएनएफ)
डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई
हाँ
ज्ञात टेराटोजेन
फार्मास्युटिकल वर्ग
None
नियंत्रित दवा पदार्थ
NO
संकेत आ उद्देश्य
मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन कइसे काम करेला?
मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड दुनो के इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज वाला लोग में रक्त शर्करा के स्तर के नियंत्रित करे खातिर कइल जाला, जेकरा में शरीर इंसुलिन के सही से इस्तेमाल ना कर पावेला. मेटफॉर्मिन काम करेला जिगर से खून में छोड़े वाला चीनी के मात्रा के घटा के आ शरीर के इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया के सुधार के, जे एक हॉर्मोन ह जे कोशिकन के खून से चीनी सोखल में मदद करेला. दोसरा ओर, रिपाग्लिनाइड काम करेला अग्न्याशय के अधिक इंसुलिन छोड़ावे खातिर उत्तेजित कर के, जे भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्तर के घटावे में मदद करेला. दुनो दवाई के उद्देश्य रक्त शर्करा के स्तर के घटावल ह, बाकिर ई अलग-अलग तरीका से करेला. मेटफॉर्मिन अक्सर पहिला पंक्ति के इलाज के रूप में इस्तेमाल होला, जबकि रिपाग्लिनाइड के भोजन के समय के आसपास जल्दी से रक्त शर्करा के नियंत्रित करे के जरूरत पर इस्तेमाल कइल जाला. ई दुनो के एक साथ इस्तेमाल कइल जा सकेला ताकि रक्त शर्करा के स्तर के प्रबंधन में अधिक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान कइल जा सके.
मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन कतना प्रभावी बा?
मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड दुनो के इस्तेमाल टाइप 2 मधुमेह के प्रबंधन खातिर कइल जाला, जेकरा में शरीर इंसुलिन के सही से इस्तेमाल ना कर पावे ला। मेटफॉर्मिन लीवर में ग्लूकोज उत्पादन के घटाके आ शरीर के इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाके काम करेला, जेकरा से रक्त शर्करा स्तर कम होखेला। ई अक्सर टाइप 2 मधुमेह खातिर पहिला दवाई के रूप में लिखल जाला ओकर प्रभावशीलता आ सुरक्षा प्रोफाइल के चलते। रिपाग्लिनाइड, दोसरा ओर, अग्न्याशय के अधिक इंसुलिन छोड़ावे खातिर उत्तेजित करेला, जेकरा से भोजन के बाद रक्त शर्करा स्तर नियंत्रित होखेला। ई खासकर ओ लोग खातिर उपयोगी बा जेकरा भोजन के समय में अनियमितता होखेला। दुनो दवाई के समान लक्ष्य बा रक्त शर्करा स्तर के कम करल, बाकिर ई अलग-अलग तंत्र के माध्यम से करेला। ई ओह लोग खातिर मधुमेह के प्रबंधन खातिर प्रभावी विकल्प बनावेला, चाहे अकेले या संयोजन में, व्यक्तिगत रोगी के जरूरत पर निर्भर करेला।
इस्तेमाल के निर्देश
मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन के सामान्य खुराक का ह?
मेटफॉर्मिन आमतौर पर 500 मि.ग्रा से 2000 मि.ग्रा प्रतिदिन के खुराक में लिहल जाला, जेकरा व्यक्ति के जरूरत आ दवाई के सहनशीलता पर निर्भर करेला. मेटफॉर्मिन एगो दवाई के प्रकार ह जेकरा बिगुआनाइड कहल जाला, जेकरा से रक्त शर्करा के स्तर कम होखेला काहेकि ई जिगर से रक्त में छोड़े वाला चीनी के मात्रा के कम करेला आ शरीर के इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनावेला, जे एगो हार्मोन ह जे रक्त शर्करा के स्तर के नियंत्रित करेला. रिपाग्लिनाइड आमतौर पर 0.5 मि.ग्रा से 4 मि.ग्रा के खुराक में हर भोजन से पहिले लिहल जाला, अधिकतम 16 मि.ग्रा प्रतिदिन तक. रिपाग्लिनाइड एगो दवाई के प्रकार ह जेकरा मेग्लिटिनाइड कहल जाला, जे पैंक्रियास के अधिक इंसुलिन छोड़ावे खातिर उत्तेजित करके रक्त शर्करा के कम करेला. दूनो दवाई टाइप 2 मधुमेह के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल होला, जे एगो स्थिति ह जहाँ शरीर इंसुलिन के सही से इस्तेमाल ना कर पावेला. ई दुनो के उद्देश्य रक्त शर्करा के स्तर के नियंत्रित करल ह, बाकिर ई अलग-अलग तरीका से काम करेला.
मेटफॉर्मिन आ क्लोपिडोग्रेल के संयोजन कइसे लिहल जाला?
मेटफॉर्मिन के खाना के साथ लिहल चाहीं ताकि पेट के असुविधा कम हो सके, जेकर मतलब पेट के इलाका में असुविधा से बा. मेटफॉर्मिन लेत घरी अधिक शराब के सेवन से बचे के जरुरत बा, काहे कि ई लैक्टिक एसिडोसिस के खतरा बढ़ा सकेला, जे एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति बा जहाँ लैक्टिक एसिड खून में जमा हो जाला. क्लोपिडोग्रेल के खाना से पहिले लिहल चाहीं, आमतौर पर खाए से 15 से 30 मिनट पहिले, ताकि खून में चीनी के स्तर नियंत्रित रहे. क्लोपिडोग्रेल लेला के बाद खाना खाए के जरुरी बा ताकि कम चीनी के समस्या से बचल जा सके, जेकर मतलब खून में चीनी के स्तर बहुत कम हो जाला. दूनो मेटफॉर्मिन आ क्लोपिडोग्रेल के इस्तेमाल टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगन में खून में चीनी के स्तर के प्रबंधन खातिर कइल जाला, जे एक स्थिति बा जहाँ शरीर इंसुलिन के सही से इस्तेमाल ना कर पावे. ई लोगन के आहार आ व्यायाम के शामिल क के पूरा उपचार योजना के हिस्सा के रूप में इस्तेमाल कइल चाहीं.
कति देर ले मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन लिहल जाला?
मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड दुनो के इस्तेमाल टाइप 2 मधुमेह के प्रबंधन खातिर होला, जेकरा में शरीर इंसुलिन के सही से इस्तेमाल ना कर पावे ला. मेटफॉर्मिन अक्सर लंबा समय ले लिहल जाला, काहे कि ई जिगर में ग्लूकोज उत्पादन के घटाके आ इंसुलिन संवेदनशीलता के सुधार के माध्यम से रक्त शर्करा स्तर के नियंत्रित करे में मदद करेला, जेकर मतलब बा कि शरीर के कोशिका इंसुलिन के अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करेला. दुसरी ओर, रिपाग्लिनाइड आमतौर पर भोजन से पहिले लिहल जाला ताकि अग्न्याशय से अधिक इंसुलिन रिलीज हो सके, जेकरा से भोजन के बाद रक्त शर्करा स्तर के कम करे में मदद मिले. दुनो दवाई आमतौर पर विस्तारित अवधि खातिर इस्तेमाल होला, अक्सर कई साल ले, एक व्यापक मधुमेह प्रबंधन योजना के हिस्सा के रूप में. ई दुनो के साझा लक्ष्य रक्त शर्करा स्तर के नियंत्रित करे के बा, लेकिन अलग-अलग तरीका से काम करेला. मेटफॉर्मिन अक्सर उपचार खातिर पहिला पसंद होला, जबकि रिपाग्लिनाइड के तब इस्तेमाल होला जब रक्त शर्करा के अधिक त्वरित नियंत्रण के जरूरत होखे.
मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन के काम करे में कतना समय लागेला?
संयोजन दवाई जेकरा बारे में रउआ पूछत बानी, ओह में दू गो सक्रिय घटक शामिल बा: इबुप्रोफेन आ स्यूडोएफेड्रिन. इबुप्रोफेन, जे एक गैर-स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवा (NSAID) ह, आमतौर पर 20 से 30 मिनट के भीतर काम करे लागेला. ई दर्द, सूजन, आ बुखार के कम करे में मदद करेला. स्यूडोएफेड्रिन, जे एक डीकंजेस्टेंट ह, आमतौर पर 30 मिनट से एक घंटा के भीतर नाक के भीड़भाड़ के राहत देवे लागेला. ई नाक के मार्ग में रक्त वाहिकन के संकुचित करके काम करेला, जेकरा से सूजन आ भीड़भाड़ कम हो जाला. दुनो दवाई मुँह से लिहल जाला आ पाचन तंत्र के माध्यम से अवशोषित होखेला. ई दुनो दवाई लक्षणन से राहत देवे के सामान्य गुण साझा करेला, लेकिन ई अलग-अलग समस्या के लक्षित करेला: इबुप्रोफेन दर्द आ सूजन पर ध्यान केंद्रित करेला, जबकि स्यूडोएफेड्रिन नाक के भीड़भाड़ पर ध्यान केंद्रित करेला. एक साथ, ई ठंड या साइनस संक्रमण जइसन लक्षणन के व्यापक राहत दे सकेला.
चेतावनी आ सावधानी
का मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन लेवे से कवनो नुकसान आ जोखिम बा?
मेटफॉर्मिन, जेकरा के टाइप 2 मधुमेह में रक्त शर्करा के स्तर के नियंत्रित करे खातिर दवाई के रूप में इस्तेमाल कइल जाला, आमतौर पर मितली, उल्टी, दस्त, आ पेट खराब जइसन साइड इफेक्ट पैदा करेला। एगो महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव लैक्टिक एसिडोसिस ह, जे एगो दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति ह जहाँ लैक्टिक एसिड रक्तप्रवाह में जमा हो जाला। रिपाग्लिनाइड, जेकरा के टाइप 2 मधुमेह में रक्त शर्करा के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल कइल जाला, कम रक्त शर्करा, सिरदर्द, आ जोड़ में दर्द जइसन साइड इफेक्ट पैदा कर सकेला। रिपाग्लिनाइड के एगो अनोखा प्रतिकूल प्रभाव हाइपोग्लाइसीमिया ह, जेकरा के खतरनाक रूप से कम रक्त शर्करा स्तर के रूप में जानल जाला। दुनो दवाई के उद्देश्य रक्त शर्करा के नियंत्रित करे के बा लेकिन दुनो अलग-अलग तरीका से काम करेला; मेटफॉर्मिन जिगर में ग्लूकोज उत्पादन के कम करेला, जबकि रिपाग्लिनाइड अग्न्याशय से इंसुलिन के रिलीज के उत्तेजित करेला। इनके भिन्नता के बावजूद, दुनो दवाई के समान उद्देश्य बा कि टाइप 2 मधुमेह में लोगन के रक्त शर्करा स्तर के प्रबंधन कइल जा सके।
का हम मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन के दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ ले सकीला?
मेटफॉर्मिन, जेकरा के टाइप 2 डायबिटीज वाला लोग में ऊँच खून शक्कर के नियंत्रित करे खातिर इस्तेमाल कइल जाला, कई दवाई के साथ इंटरैक्ट कर सकेला। ई डाइयूरेटिक्स, जे दवाई शरीर से अतिरिक्त पानी हटावे में मदद करेला, आ कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, जे एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाई ह, के साथ इंटरैक्शन कर सकेला। ई इंटरैक्शन खून शक्कर के स्तर पर असर डाल सकेला। रिपाग्लिनाइड, जे टाइप 2 डायबिटीज खातिर दोसरा दवाई ह, जेमफिब्रोजिल, जे कोलेस्ट्रॉल कम करे खातिर इस्तेमाल होला, आ कुछ एंटिफंगल दवाई के साथ इंटरैक्ट कर सकेला। ई इंटरैक्शन कम खून शक्कर के खतरा बढ़ा सकेला। दूनो मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड डायबिटीज में खून शक्कर के स्तर के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल होला, बाकिर ई अलग-अलग तरीका से काम करेला। मेटफॉर्मिन जिगर में ग्लूकोज उत्पादन के कम करेला, जबकि रिपाग्लिनाइड अग्न्याशय से इंसुलिन के रिलीज के उत्तेजित करेला। दूनो दवाई दोसरा दवाई के साथ जे खून शक्कर पर असर डाल सकेला, इंटरैक्ट कर सकेला, त खून शक्कर के स्तर के मॉनिटर करे आ दोसरा दवाई लेत घरी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे जरूरी बा।
का हम प्रेग्नेंट बानी त क्लोपिडोग्रेल आ रिपाग्लिनाइड के कॉम्बिनेशन ले सकीला?
क्लोपिडोग्रेल, जेकरा के टाइप 2 डायबिटीज में लोगन के हाई ब्लड शुगर कंट्रोल करे खातिर इस्तेमाल कइल जाला, आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित मानल जाला. ई शरीर के इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया में सुधार करे में मदद करेला, जेकरा से ब्लड शुगर लेवल के रेगुलेट करे वाला हार्मोन कहल जाला. क्लोपिडोग्रेल के अक्सर प्रेग्नेंट महिलन में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, जेकरा से महिला के हार्मोन लेवल पर असर पड़े ला, में फर्टिलिटी में मदद करे आ गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज के खतरा कम करे खातिर इस्तेमाल कइल जाला, जेकरा के गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज कहल जाला. रिपाग्लिनाइड, जेकरा के टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर कंट्रोल करे खातिर इस्तेमाल कइल जाला, पैंक्रियास के इंसुलिन रिलीज करे खातिर उत्तेजित करेला. हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान रिपाग्लिनाइड के सुरक्षा पर सीमित जानकारी बा. आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान रिपाग्लिनाइड के इस्तेमाल से बचे के सिफारिश कइल जाला जब तक कि एकदम जरूरी ना होखे. दूनो दवाई टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल के मैनेज करे खातिर इस्तेमाल कइल जाला, लेकिन क्लोपिडोग्रेल के प्रेग्नेंसी के दौरान अधिकतर इस्तेमाल कइल जाला ओकरा स्थापित सुरक्षा प्रोफाइल के चलते. रिपाग्लिनाइड, दोसरा ओर, प्रेग्नेंसी के दौरान कम इस्तेमाल कइल जाला सीमित सुरक्षा डेटा के चलते.
का मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन के स्तनपान करावत घरी लिहल जा सकेला?
मेटफॉर्मिन, जेकरा के टाइप 2 मधुमेह में उचाईल रक्त शर्करा के नियंत्रित करे खातिर इस्तेमाल कइल जाला, आमतौर पर स्तनपान के दौरान सुरक्षित मानल जाला। ई छोट मात्रा में स्तन दूध में पास होखेला, बाकिर ई एकर संभावना कम बा कि ई एकर नर्सिंग शिशु के नुकसान करी। मेटफॉर्मिन लेवे वाली माई लोग के आपन बच्चा के कवनो असामान्य लक्षण खातिर निगरानी करे के चाहीं, बाकिर महत्वपूर्ण साइड इफेक्ट दुर्लभ बा। रिपाग्लिनाइड, जेकरा के टाइप 2 मधुमेह में रक्त शर्करा स्तर के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल कइल जाला, ओकरा सुरक्षा के बारे में कम जानकारी उपलब्ध बा। ई ना पता बा कि दवाई के कति मात्रा स्तन दूध में पास होखेला या एकर नर्सिंग शिशु पर का प्रभाव बा। एह से, सावधानी बरते के सलाह दिहल जाला, आ स्वास्थ्य सेवा प्रदाता लोग वैकल्पिक उपचार के सिफारिश कर सकेला। दूनो मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड मधुमेह के प्रबंधन खातिर इस्तेमाल कइल जाला, बाकिर मेटफॉर्मिन के स्तनपान के दौरान ओकर स्थापित सुरक्षा प्रोफाइल के चलते अधिकतर सिफारिश कइल जाला। माई लोग के हमेशा आपन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के चाहीं ताकि सबसे बढ़िया उपचार विकल्प के निर्धारण कइल जा सके।
कवन लोग के मेटफॉर्मिन आ रिपाग्लिनाइड के संयोजन लेवे से बचे के चाहीं?
मेटफॉर्मिन, जेकरा के टाइप 2 मधुमेह में रक्त शर्करा के स्तर के नियंत्रित करे खातिर इस्तेमाल कइल जाला, एगो गंभीर स्थिति पैदा कर सकेला जेकरा के लैक्टिक एसिडोसिस कहल जाला, जेकरा में रक्त में लैक्टिक एसिड के जमाव हो जाला। ई तब अधिक संभावना होला जब रउआ के गुर्दा के समस्या, जिगर के बीमारी, या बहुत अधिक शराब पिए के आदत होखे। रिपाग्लिनाइड, जेकरा से अग्न्याशय के अधिक इंसुलिन उत्पादन में मदद मिलेला, के गंभीर जिगर के बीमारी होखे पर इस्तेमाल ना कइल जाई। दुनो दवाई कम रक्त शर्करा के कारण बन सकेला, जेकरा के हाइपोग्लाइसीमिया कहल जाला, खासकर जब रउआ भोजन छोड़ देतानी या सामान्य से अधिक व्यायाम करतानी। ई जरूरी बा कि रउआ नियमित रूप से अपना रक्त शर्करा के स्तर के निगरानी करीं। अगर रउआ के इन दवाइयन से एलर्जी बा त इनकर इस्तेमाल से बचे। हमेशा अपना डॉक्टर से सलाह लीं जब रउआ ई दवाइयन के शुरू या बंद करतानी, खासकर जब रउआ के अन्य स्वास्थ्य स्थिति बा या अन्य दवाई लेतानी।