कारिप्राजिन
दोहरी मानसिक विकार, स्किज़ोफ्रेनिया
दवाई के स्थिति
सरकारी मंजूरी
US(FDA), यूके (बीएनएफ)
डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई
None
ज्ञात टेराटोजेन
NO
फार्मास्युटिकल वर्ग
None
नियंत्रित दवा पदार्थ
कुछुओ ना / केहू ना
सारांश
कारिप्राजिन मुख्य रूप से स्किजोफ्रेनिया आ बाइपोलर डिसऑर्डर के इलाज खातिर इस्तेमाल कइल जाला। ई भ्रम, मतिभ्रम, आ मूड स्विंग जइसन लक्षणन के प्रबंधन में मदद कर सकेला। ई बाइपोलर I डिसऑर्डर में तीव्र उन्मत्त या मिश्रित एपिसोड खातिर भी लिखल जा सकेला।
कारिप्राजिन दिमाग में कुछ न्यूरोट्रांसमीटर के गतिविधि के मॉड्यूलेट करके काम करेला, खासकर डोपामाइन आ सेरोटोनिन, जे मूड नियमन आ संज्ञान में शामिल बा। ई रसायनन के संतुलित करे में मदद करेला, स्किजोफ्रेनिया आ बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणन के प्रबंधन करेला।
बड़ लोग खातिर कारिप्राजिन के सामान्य दैनिक खुराक 1.5 मि.ग्रा. से शुरू होला। स्किजोफ्रेनिया खातिर, खुराक 1.5 मि.ग्रा. से 6 मि.ग्रा. प्रति दिन हो सकेला, जबकि बाइपोलर डिसऑर्डर खातिर ई 3 मि.ग्रा. से 6 मि.ग्रा. प्रति दिन हो सकेला। ई रोजाना एक बेर, खाना के साथ या बिना लिहल जाला।
कारिप्राजिन के आम साइड इफेक्ट्स में उनींदापन, अनिद्रा, सिरदर्द, चक्कर आ मिचली शामिल बा। महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव में कंपकंपी या बेचैनी जइसन गति विकार, वजन बढ़ना, आ मेटाबोलिक समस्या के बढ़ल जोखिम शामिल बा। कभी-कभी, ई गंभीर हालत जइसन टार्डिव डिस्किनेसिया या न्यूरोलेप्टिक मैलिग्नेंट सिंड्रोम पैदा कर सकेला।
कारिप्राजिन के इस्तेमाल सावधानी से कइल जाव जेकरा हृदय संबंधी समस्या, दौरा, या जिगर के समस्या के इतिहास बा। ई दवा के प्रति ज्ञात अतिसंवेदनशीलता वाले व्यक्तियन में निषिद्ध बा। ई आत्मघाती विचार या व्यवहार के जोखिम बढ़ा सकेला, खासकर कम उमिर के मरीजन में। गर्भवती या स्तनपान करावत महिलन के इस्तेमाल से पहिले आपन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के चाहीं आ ई गंभीर जिगर के खराबी वाले व्यक्तियन में बचावल जाव।
संकेत आ उद्देश्य
कारिप्राजिन कइसे काम करेला?
कारिप्राजिन दिमाग में डोपामाइन आ सेरोटोनिन के गतिविधि के मॉड्यूलेट करके काम करेला। ई डोपामाइन D2 आ D3 रिसेप्टर पर आंशिक एगोनिस्ट के रूप में काम करेला, मतलब ई रिसेप्टर के सक्रिय आ अवरोधित दुनो करेला, दिमाग के जरूरत के अनुसार। ई मूड, संज्ञान, आ स्किजोफ्रेनिया आ बाइपोलर डिसऑर्डर जइसन स्थिति में मनोवैज्ञानिक लक्षण के नियमित करे में मदद करेला, दिमागी गतिविधि के स्थिर करे आ मतिभ्रम आ मूड स्विंग्स जइसन लक्षण के कम करेला।
का कारिप्राजिन प्रभावी बा?
क्लिनिकल ट्रायल में देखावल गइल बा कि कारिप्राजिन स्किजोफ्रेनिया आ बाइपोलर डिसऑर्डर के इलाज में प्रभावी बा। अध्ययन में मतिभ्रम, भ्रम, आ मूड स्थिरता जइसन लक्षण में महत्वपूर्ण सुधार देखावल गइल बा। कारिप्राजिन लेवे वाला मरीज प्लेसीबो पर रहे वाला लोग के तुलना में लक्षण पर बेहतर नियंत्रण अनुभव कइलें, एह दवाई के प्रभावशीलता के समर्थन करत बा, चाहे तीव्र आ चाहे रखरखाव चरण में।
इस्तेमाल के निर्देश
हम कारिप्राजिन के कतना दिन ले लीं?
एंटीसाइकोटिक्स के केवल गंभीर मानसिक बीमारी वाला लोग खातिर दीर्घकालिक रूप से इस्तेमाल कइल जाला जे अन्य इलाज के प्रतिक्रिया ना दे रहल बा। सबसे कम खुराक के जरूरत होखे ओतना इस्तेमाल कइल चाहीं आ संभव होखे ओतना कम समय खातिर। डॉक्टर के नियमित रूप से जांच करे के चाहीं कि दवाई अब भी जरूरी बा कि ना। साइड इफेक्ट देखावे में हफ्ता लाग सकेला काहे कि शरीर में दवाई के स्तर समय के साथ बढ़ जाला।
हम कारिप्राजिन कइसे लीं?
कारिप्राजिन खाना के साथ या बिना खइला जा सकेला। एह दवाई के इस्तेमाल करत घरी कवनो खास खाना के पाबंदी नइखे। ई जरूरी बा कि एकरा के ठीक ओही तरह से लीं जइसे बतावल गइल बा, आमतौर पर दिन में एक बेर। अगर राउर खुराक छूट गइल बा, त जइसे याद आवे त ले लीं, लेकिन अगर अगिला खुराक के समय करीब बा त छोड़ दीं। कारिप्राजिन लेत घरी शराब से बचे के चाहीं, काहे कि ई साइड इफेक्ट बढ़ा सकेला।
कारिप्राजिन के काम करे में कतना समय लागेला?
कारिप्राजिन के प्रभाव देखावे में कई हफ्ता लाग सकेला, खासकर स्किजोफ्रेनिया या बाइपोलर डिसऑर्डर जइसन स्थिति में। कुछ मरीज 1-2 हफ्ता में सुधार महसूस करे लागेले, लेकिन पूरा चिकित्सीय लाभ 4-6 हफ्ता ले लाग सकेला। ई जरूरी बा कि दवाई के बतावल अनुसार लेत रहीं आ अगर जरूरत होखे त डॉक्टर से फॉलो अप करीं।
हम कारिप्राजिन के कइसे स्टोर करीं?
कारिप्राजिन के कमरा के तापमान पर, नमी आ सीधा धूप से दूर स्टोर कइल चाहीं। एकरा के एकर मूल कंटेनर में, कस के बंद क के, आ बच्चा के पहुंच से दूर रखीं। एकरा के बाथरूम में या उच्च आर्द्रता वाला जगह पर मत रखीं। हमेशा आपन फार्मासिस्ट या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा प्रदान कइल स्टोरेज निर्देश के पालन करीं।
चेतावनी आ सावधानी
का कारिप्राजिन स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?
कारिप्राजिन स्तन दूध में उत्सर्जित होला, लेकिन एकर प्रभाव नर्सिंग शिशु पर अच्छी तरह से अध्ययन नइखे कइल गइल। संभावित जोखिम के कारण, कारिप्राजिन लेत घरी आमतौर पर स्तनपान से बचे के सिफारिश कइल जाला। अगर दवाई जरूरी बा, त स्वास्थ्य सेवा प्रदाता वैकल्पिक फीडिंग विकल्प या शिशु के कवनो प्रतिकूल प्रभाव खातिर करीबी निगरानी के सुझाव दे सकेला। इलाज के दौरान स्तनपान करावे से पहिले हमेशा डॉक्टर से सलाह लीं।
का कारिप्राजिन गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?
कारिप्राजिन गर्भावस्था के दौरान श्रेणी C दवाई के रूप में वर्गीकृत बा, मतलब एकर सुरक्षा अच्छी तरह से स्थापित नइखे। पशु अध्ययन में संभावित जोखिम देखावल गइल बा, जे भ्रूण के विकास में नुकसान पहुंचा सकेला। ई केवल तब इस्तेमाल कइल जाला जब लाभ जोखिम से अधिक होखे, आ करीबी चिकित्सा निगरानी के तहत। गर्भवती महिलन के कारिप्राजिन के इस्तेमाल से पहिले आपन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के चाहीं।
का हम कारिप्राजिन के अउरी प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ ले सकीला?
कारिप्राजिन कई प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ इंटरैक्ट कर सकेला। मजबूत CYP3A4 इनहिबिटर (जइसे केटोकोनाजोल) के साथ सह-प्रशासन कारिप्राजिन स्तर के बढ़ा सकेला, साइड इफेक्ट के जोखिम बढ़ा सकेला। अउरी एंटीसाइकोटिक्स, बेंजोडायजेपाइन, या CNS डिप्रेसेंट के साथ एक साथ इस्तेमाल उनींदापन आ श्वसन अवसाद के जोखिम बढ़ा सकेला। ई डोपामाइन के प्रभावित करे वाला दवाई, जइसे लेवोडोपा, के साथ भी इंटरैक्ट कर सकेला, संभवतः एकर प्रभावशीलता के कम कर सकेला। कवनो अउरी दवाई के साथ कारिप्राजिन के मिलावे से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।
का कारिप्राजिन बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?
कारिप्राजिन के बुजुर्ग लोग में इस्तेमाल कइल जा सकेला, लेकिन उनींदापन, निम्न रक्तचाप, गति विकार, आ हृदय संबंधी समस्या जइसन संभावित जोखिम के कारण सावधानी जरूरी बा। सबसे कम प्रभावी खुराक के इस्तेमाल आ करीबी निगरानी जरूरी बा। इस्तेमाल से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।
के कारिप्राजिन लेवे से बचे के चाहीं?
कारिप्राजिन के इस्तेमाल सावधानी से कइल जाला अगर लोग के हृदय संबंधी समस्या, दौरा, या जिगर के समस्या के इतिहास होखे। ई दवाई के प्रति ज्ञात अतिसंवेदनशीलता वाले व्यक्ति में ई निषिद्ध बा। ई आत्महत्या के विचार या व्यवहार के जोखिम बढ़ा सकेला, खासकर युवा मरीज में। गर्भवती या स्तनपान करावे वाली महिलन के इस्तेमाल से पहिले आपन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के चाहीं, आ ई गंभीर जिगर के खराबी वाले व्यक्ति में बचे के चाहीं।