ऑक्सकार्बाजेपिन

आंशिक मिर्गी

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

US(FDA), यूके (बीएनएफ)

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

None

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

NO

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सारांश

  • ऑक्सकार्बाजेपिन मुख्य रूप से मिर्गी से ग्रसित बड़ और बच्चा में आंशिक दौरा के इलाज खातिर इस्तेमाल कइल जाला। ई कभी-कभी बाइपोलर डिसऑर्डर आ न्यूरोपैथिक दर्द जइसन हालात खातिर ऑफ-लेबल इस्तेमाल कइल जाला।

  • ऑक्सकार्बाजेपिन दिमाग में अधिक सक्रिय तंत्रिका गतिविधि के स्थिर क के काम करेला। ई न्यूरॉन्स में वोल्टेज-संवेदनशील सोडियम चैनल के ब्लॉक करेला, जेकरा से दौरा के कारण बनत अधिक विद्युत संकेत कम हो जाला।

  • ऑक्सकार्बाजेपिन मौखिक रूप से लिहल जाला, आमतौर पर दिन में दू बेर। ई खाना के साथ या बिना लिहल जा सकेला। गोली के पूरा गिलास पानी के साथ पूरा निगलल चाहीं।

  • ऑक्सकार्बाजेपिन के आम साइड इफेक्ट्स में चक्कर आना, उनींदापन, सिरदर्द, थकान, मिचली आ उल्टी शामिल बा। अधिक गंभीर साइड इफेक्ट्स में कम सोडियम स्तर, एलर्जिक प्रतिक्रिया आ दुर्लभ रक्त विकार शामिल हो सकेला।

  • ऑक्सकार्बाजेपिन गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया आ कम सोडियम स्तर के कारण बन सकेला। ई रक्त विकार, जिगर या गुर्दा समस्या के इतिहास वाला मरीज आ अन्य एंटीकन्वल्सेंट ले रहल लोग में सावधानी से इस्तेमाल कइल चाहीं। ई दवा या अन्य कार्बामाजेपिन-संबंधित दवाइयन से अतिसंवेदनशीलता वाला व्यक्ति में निषिद्ध बा।

संकेत आ उद्देश्य

कइसे पता चली कि ऑक्सकार्बाजेपिन काम कर रहल बा?

ऑक्सकार्बाजेपिन के लाभ के मूल्यांकन दौरा के आवृत्ति, अवधि, आ गंभीरता में कमी के निगरानी क के कइल जाला। जीवन के गुणवत्ता में मरीज द्वारा रिपोर्ट कइल सुधार, जइसे कि बेहतर मूड आ दैनिक कार्यप्रणाली, भी प्रभावशीलता के संकेत देला। अतिरिक्त उपाय में इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (EEG) परिणाम आ सहनशीलता के आकलन शामिल बा, जेकरा से इलाज के दौरान महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव के न्यूनतम कइल जा सके।

ऑक्सकार्बाजेपिन कइसे काम करेला?

ऑक्सकार्बाजेपिन एक एंटीकनवल्सेंट के रूप में काम करेला, मस्तिष्क में अत्यधिक सक्रिय तंत्रिका गतिविधि के स्थिर क के। ई न्यूरोनल झिल्ली में वोल्टेज-संवेदनशील सोडियम चैनल के ब्लॉक करेला, तंत्रिका संकेत के अत्यधिक दोहराव फायरिंग के घटा के। ई तंत्र दौरा से जुड़ल अति उत्तेजना के घटा देला। अतिरिक्त रूप से, ऑक्सकार्बाजेपिन के मेटाबोलाइट (लिकार्बाजेपिन) एकर चिकित्सीय प्रभाव में योगदान देला ओकर सोडियम चैनल-ब्लॉकिंग क्रिया के बढ़ा के। ई दौरा के कारण बन रहल असामान्य विद्युत गतिविधि के रोकला में मदद करेला।

का ऑक्सकार्बाजेपिन प्रभावी बा?

क्लिनिकल अध्ययन देखावे ला कि ऑक्सकार्बाजेपिन मिर्गी से पीड़ित लोग में दौरा के आवृत्ति के प्रभावी रूप से घटा देला। रैंडमाइज्ड नियंत्रित परीक्षण में, ई आंशिक-प्रारंभिक दौरा के संख्या के प्लेसीबो की तुलना में काफी घटा देला। उदाहरण के खातिर, ऑक्सकार्बाजेपिन के साथ सहायक चिकित्सा कई मरीज में 50% से अधिक दौरा में कमी देखावल। ई सामान्यीकृत टॉनिक-क्लोनिक दौरा के प्रभावी रूप से इलाज करे में भी देखावल गइल बा, जेकरा से एकर मिर्गी प्रबंधन में भूमिका स्थापित होला।

ऑक्सकार्बाजेपिन के का उपयोग बा?

ऑक्सकार्बाजेपिन मुख्य रूप से आंशिक-प्रारंभिक दौरा के इलाज खातिर वयस्क आ 2 साल आ ओकरा से अधिक उम्र के बच्चा में, चाहे मोनोथेरेपी के रूप में या सहायक चिकित्सा के रूप में, के संकेतित बा। ई कुछ मामिला में द्विध्रुवी विकारन्यूरोपैथिक दर्द जइसे स्थिति खातिर ऑफ-लेबल भी इस्तेमाल कइल जाला, हालांकि ई उपयोग सावधानीपूर्वक नैदानिक मूल्यांकन के आवश्यकता होला। एकर मुख्य भूमिका मिर्गी प्रबंधन में बा ओकर एंटीकनवल्सेंट गुण के चलते।

इस्तेमाल के निर्देश

कति दिन ले ऑक्सकार्बाजेपिन लेवे के चाहीं?

ऑक्सकार्बाजेपिन के इलाज के अवधि इलाज कइल जा रहल स्थिति पर निर्भर करेला:

  • मिर्गी खातिर: ई आमतौर पर दीर्घकालिक, अक्सर सालन ले, दौरा के रोकथाम खातिर लिहल जाला। कुछ लोग स्थिरता के अवधि के बाद एकरा के बंद कर सकेला, ओकर डॉक्टर के देखरेख में।
  • दोसरा स्थिति खातिर (जइसे कि द्विध्रुवी विकार या नस के दर्द): अवधि रउरा डॉक्टर के सिफारिश पर निर्भर करेला, रउरा इलाज के प्रति प्रतिक्रिया के आधार पर।

ऑक्सकार्बाजेपिन के कति दिन लेवे के बा, एकरा बारे में हमेशा रउरा डॉक्टर के निर्देश के पालन करीं।

हम ऑक्सकार्बाजेपिन कइसे लेई?

ऑक्सकार्बाजेपिन भोजन के साथे या बिना भोजन के, व्यक्तिगत पसंद या सहनशीलता पर निर्भर क के लिहल जा सकेला। ई जरूरी बा कि दवाई के हर दिन एके समय पर लगातार लिहल जाव। गोली के पूरा पानी के साथे निगल लीं, आ जब तक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा निर्देशित ना कइल जाव, एकरा के ना कुचलल या चबावल जाव। ऑक्सकार्बाजेपिन के इस्तेमाल करत घरी कवनो विशेष भोजन प्रतिबंध नइखे, लेकिन शराब से बचल चाहीं काहे कि ई नींद या चक्कर बढ़ा सकेला। हमेशा रउरा डॉक्टर द्वारा दिहल गइल खुराक आ निर्देश के पालन करीं।

ऑक्सकार्बाजेपिन के काम करे में कति समय लागेला?

ऑक्सकार्बाजेपिन आमतौर पर प्रशासन के कुछ घंटा के भीतर प्रभाव देखावे लागेला, काहे कि ई जल्दी से अवशोषित हो जाला आ ओकर सक्रिय मेटाबोलाइट में बदल जाला। हालांकि, दौरा प्रबंधन खातिर एकर पूरा चिकित्सीय लाभ, कई दिन से हफ्ता ले लाग सकेला जब शरीर दवाई के अनुकूल हो जाला। एकर प्रभावशीलता के समय के साथ मूल्यांकन करे खातिर नियमित निगरानी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा मदद करेला।

ऑक्सकार्बाजेपिन के कइसे स्टोर करीं?

ऑक्सकार्बाजेपिन के सामान्य कमरे के तापमान पर, 59°F से 86°F (15°C से 30°C) के बीच, ओकरा मूल बोतल में रखीं। बोतल खोलला के बाद दवाई के इस्तेमाल करे खातिर रउरा लगे 7 हफ्ता बा।

ऑक्सकार्बाजेपिन के सामान्य खुराक का बा?

  • वयस्क खातिर (मिर्गी): शुरुआती खुराक आमतौर पर 300 मि.ग्रा. एक बेर रोजाना होला, जेकरा के धीरे-धीरे बढ़ावल जा सकेला। सामान्य खुराक सीमा 600–2,400 मि.ग्रा. प्रति दिन होला, जेकरा के 2 खुराक में बाँटल जाला।
  • बच्चा खातिर (मिर्गी): शुरुआती खुराक बच्चा के वजन आ उम्र पर निर्भर करेला, आमतौर पर लगभग 8–10 मि.ग्रा./किग्रा./दिन होला, जेकरा के 2 खुराक में बाँटल जाला।

चेतावनी आ सावधानी

का हम ऑक्सकार्बाजेपिन के दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथे ले सकीला?

ऑक्सकार्बाजेपिन दोसरा एंटीकनवल्सेंट्स (जइसे कि फेनाइटोइन) के साथे प्रतिक्रिया कर सकेला, जेकरा से ओकर प्रभावशीलता घट सकेला। ई मौखिक गर्भनिरोधक के प्रभावशीलता के भी घटा सकेला। CYP450 एंजाइम इंड्यूसर, जइसे कि रिफाम्पिन, ऑक्सकार्बाजेपिन के प्रभावशीलता के घटा सकेला, जबकि कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स (SSRIs, SNRIs) सोडियम स्तर के कमी के जोखिम बढ़ा सकेला। संभावित इंटरैक्शन से बचावे खातिर हमेशा रउरा डॉक्टर से दोसरा दवाइयन के बारे में सलाह लीं।

का हम ऑक्सकार्बाजेपिन के साथे विटामिन या सप्लीमेंट्स ले सकीला?

ऑक्सकार्बाजेपिन कुछ विटामिन आ सप्लीमेंट्स के साथे प्रतिक्रिया कर सकेला, खासकर ऊ जे सोडियम स्तर पर असर डालेला, जइसे कि नमक सप्लीमेंट्स, हाइपोनेट्रेमिया (निम्न सोडियम) के जोखिम के चलते। ई कैल्शियम आ विटामिन D सप्लीमेंट्स के साथे भी प्रतिक्रिया कर सकेला, काहे कि ई दौरा प्रबंधन में एकर प्रभावशीलता के बदल सकेला। संभावित जोखिम से बचावे खातिर ऑक्सकार्बाजेपिन के सप्लीमेंट्स के साथे मिलावे से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

का ऑक्सकार्बाजेपिन के स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

ऑक्सकार्बाजेपिन स्तन दूध में निकल जाला, लेकिन एकर प्रभाव स्तनपान करावत शिशु पर ठीक से स्थापित नइखे। ई दवाई शिशु में सुस्ती, चिड़चिड़ापन, या विकासात्मक प्रभाव के जोखिम पैदा कर सकेला। अगर कवनो माई ऑक्सकार्बाजेपिन ले रहल बाड़ी आ स्तनपान करावे के योजना बनावत बाड़ी, त ई जरूरी बा कि जोखिम आ लाभ के तौल करे खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीहल जाव। वैकल्पिक दवाइयन पर विचार कइल जा सकेला।

का ऑक्सकार्बाजेपिन गर्भावस्था में सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

ऑक्सकार्बाजेपिन के गर्भावस्था श्रेणी C दवाई के रूप में वर्गीकृत कइल गइल बा, मतलब कि गर्भावस्था के दौरान एकर उपयोग तबे विचार कइल जाव जब संभावित लाभ भ्रूण के जोखिम से अधिक होखे। ई जन्म दोष के जोखिम बढ़ा सकेला, जइसे कि होंठ या तालु के दरार, खासकर जब पहिले तिमाही में लिहल जाव। गर्भावस्था के दौरान ऑक्सकार्बाजेपिन के उपयोग से पहिले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीहल जरूरी बा।

का ऑक्सकार्बाजेपिन लेत घरी शराब पियला सुरक्षित बा?

शराब ऑक्सकार्बाजेपिन के सुस्ती प्रभाव के बढ़ा सकेला आ एकरा से बचल चाहीं या संयम में सेवन कइल चाहीं।

का ऑक्सकार्बाजेपिन लेत घरी व्यायाम सुरक्षित बा?

हाँ, ऑक्सकार्बाजेपिन लेत घरी व्यायाम सुरक्षित बा, लेकिन चक्कर या समन्वय समस्या के सावधानी बरतल चाहीं।

का ऑक्सकार्बाजेपिन बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?

ऑक्सकार्बाजेपिन के बुजुर्ग मरीज में इस्तेमाल कइल जा सकेला, लेकिन सावधानी जरूरी बा। बूढ़ लोग दवाई के साइड इफेक्ट, जइसे कि चक्कर, नींद, या समन्वय समस्या के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकेला। साइड इफेक्ट के जोखिम के घटावे खातिर खुराक के घटावल जा सकेला।

ई जरूरी बा कि बुजुर्ग मरीज के स्थिति आ इलाज के डॉक्टर द्वारा करीबी से निगरानी कइल जाव, काहे कि ऊ लोग के दोसरा स्वास्थ्य स्थिति भी हो सकेला या ऊ लोग दोसरा दवाइयन ले रहल हो सकेला जे ऑक्सकार्बाजेपिन के साथे प्रतिक्रिया कर सकेला। दवाई शुरू करे या समायोजित करे से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

कवन लोग के ऑक्सकार्बाजेपिन ना लिहल चाहीं?

ऑक्सकार्बाजेपिन खातिर जरूरी चेतावनी में गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया के जोखिम शामिल बा, जइसे कि त्वचा पर चकत्ते आ स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम, आ हाइपोनेट्रेमिया (निम्न सोडियम स्तर)। ई खून के विकार, जिगर या गुर्दा के समस्या के इतिहास वाला मरीज आ दोसरा एंटीकनवल्सेंट्स ले रहल लोग में सावधानी से इस्तेमाल कइल चाहीं। ऑक्सकार्बाजेपिन के दवाई या दोसरा कार्बामाज़ेपिन-संबंधित दवाइयन से अतिसंवेदनशीलता वाला व्यक्ति में ई निषिद्ध बा। नियमित खून के जाँच के सलाह दिहल जाला।