ओमावेलोक्सोलोन

फ़्रीडराइच अटैक्सिया

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

US(FDA)

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

None

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

NA

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नियंत्रित दवा पदार्थ

कुछुओ ना / केहू ना

सारांश

  • ओमावेलोक्सोलोन के फ्राइडरिच के एटैक्सिया, एगो जेनेटिक विकार जे तंत्रिका तंत्र आ गति के प्रभावित करेला, जवन खराब समन्वय आ संतुलन जइसन लक्षण पैदा करेला, के इलाज खातिर इस्तेमाल कइल जाला।

  • ओमावेलोक्सोलोन शरीर में Nrf2 मार्ग के सक्रिय क के काम करेला। ई शरीर के ऑक्सीडेटिव तनाव के प्रतिक्रिया देवे में मदद करेला, जवन फ्राइडरिच के एटैक्सिया वाला मरीजन में समन्वय आ स्थिरता में सुधार कर सकेला।

  • ओमावेलोक्सोलोन के वयस्क आ 16 साल आ ओकरा से ऊपर के किशोर खातिर सामान्य दैनिक खुराक 150 मि.ग्रा. ह, जवन 3 कैप्सूल के बराबर बा, जे रोजाना एक बेर मौखिक रूप से लिहल जाला। ई खाली पेट पर कम से कम 1 घंटा पहिले या खाए के 2 घंटा बाद लिहल जाए के चाहीं।

  • ओमावेलोक्सोलोन के आम साइड इफेक्ट्स में लिवर एंजाइम के बढ़ल स्तर, सिरदर्द, मिचली, पेट में दर्द, थकान, दस्त, आ मस्कुलोस्केलेटल दर्द शामिल बा। गंभीर प्रतिकूल प्रभाव में महत्वपूर्ण लिवर एंजाइम के बढ़ल स्तर आ बढ़ल BNP स्तर शामिल हो सकेला, जवन संभावित हृदय संबंधी समस्या के संकेत दे सकेला।

  • ओमावेलोक्सोलोन खातिर महत्वपूर्ण चेतावनी में लिवर एंजाइम के बढ़ल स्तर, हृदय संबंधी समस्या के संकेत देवे वाला बढ़ल BNP स्तर, आ कोलेस्ट्रॉल स्तर में बदलाव के संभावना शामिल बा। मरीजन के लिवर फंक्शन, BNP, आ कोलेस्ट्रॉल स्तर के नियमित निगरानी होखे के चाहीं। गंभीर यकृत हानि वाला मरीजन में सावधानी बरते के सलाह बा।

संकेत आ उद्देश्य

ओमावेलोक्सोलोन कइसे काम करेला?

ओमावेलोक्सोलोन एनआरएफ2 मार्ग के सक्रिय करेला, जे ऑक्सीडेटिव तनाव के सेलुलर प्रतिक्रिया में शामिल बा। ई सक्रियता कोशिकन के नुकसान से बचावे में मदद करेला आ फ्राइडरिच के एटैक्सिया वाला मरीजन में लक्षणन में सुधार कर सकेला, समन्वय आ स्थिरता के बढ़ाके।

का ओमावेलोक्सोलोन प्रभावी बा?

ओमावेलोक्सोलोन के प्रभावशीलता के 16 से 40 साल के फ्राइडरिच के एटैक्सिया वाला मरीजन में 48 हफ्ता के, रैंडमाइज्ड, डबल-ब्लाइंड, प्लेसीबो-नियंत्रित अध्ययन में मूल्यांकन कइल गइल। अध्ययन में संशोधित फ्राइडरिच के एटैक्सिया रेटिंग स्केल (mFARS) स्कोर में सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण सुधार देखावल गइल, जे प्लेसीबो की तुलना में कम हानि के संकेत देत बा।

इस्तेमाल के निर्देश

ओमावेलोक्सोलोन कइसे लीहल जाला?

ओमावेलोक्सोलोन के खाली पेट पर लीहल जाला, खाए से कम से कम 1 घंटा पहिले भा 2 घंटा बाद। कैप्सूल के पूरा निगलल जाव, भा अगर निगलल मुश्किल होखे त ओकरा के सेब के चटनी पर छिड़कल जा सकेला। दूध भा संतरे के रस के साथे मिलावे से बचे के चाहीं, आ अंगूर के उत्पाद के सेवन ना करीं।

ओमावेलोक्सोलोन के कइसे स्टोर करीं?

ओमावेलोक्सोलोन के कमरा के तापमान पर स्टोर करे के चाहीं, 68°F से 77°F (20°C से 25°C) के बीच। एकरा के ओकरा मूल कंटेनर में रखल जाव, बच्चन से दूर आ अत्यधिक गर्मी आ नमी से बचावल जाव।

ओमावेलोक्सोलोन के सामान्य खुराक का ह?

ओमावेलोक्सोलोन के वयस्क आ 16 साल आ ओकरा से ऊपर के किशोरन खातिर रोजाना के सामान्य खुराक 150 मि.ग्रा. ह, जे 3 कैप्सूल के बराबर होला, जेकरा के रोजाना एक बेर मुँह से लिहल जाला।

चेतावनी आ सावधानी

का हम ओमावेलोक्सोलोन के दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथे ले सकीला?

ओमावेलोक्सोलोन CYP3A4 इनहिबिटर आ इंड्यूसर के साथे इंटरैक्ट करेला, जेकरा से एकर प्रभावशीलता आ सुरक्षा पर असर पड़ सकेला। मजबूत भा मध्यम CYP3A4 इनहिबिटर ओमावेलोक्सोलोन के एक्सपोजर बढ़ा सकेला, जबकि इंड्यूसर एकर प्रभावशीलता घटा सकेला। मरीजन के अंगूर के उत्पाद से बचे के चाहीं आ ऊ लोग जे दवाई ले रहल बा ओकरा बारे में आपन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेवे के चाहीं।

का ओमावेलोक्सोलोन स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

मानव दूध में ओमावेलोक्सोलोन के उपस्थिति भा दूध उत्पादन आ स्तनपान करावे वाला शिशु पर एकर प्रभाव पर कवनो डाटा नइखे। ई दूध पियावे वाली चूहा के दूध में निकलेला। स्तनपान के लाभ के माँ के दवाई के जरूरत आ शिशु पर संभावित जोखिम के खिलाफ तौलल जाव।

का ओमावेलोक्सोलोन गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

गर्भवती महिलन में ओमावेलोक्सोलोन के विकासात्मक जोखिम पर कवनो पर्याप्त डाटा नइखे। पशु अध्ययन में मानव स्तर से समान भा कम एक्सपोजर पर विकासात्मक विषाक्तता देखावल गइल बा। हार्मोनल गर्भनिरोधक के इस्तेमाल करे वाली महिलन के अतिरिक्त गैर-हार्मोनल तरीका के इस्तेमाल करे के चाहीं। परिणाम के निगरानी खातिर एगो गर्भावस्था रजिस्ट्री उपलब्ध बा।

का ओमावेलोक्सोलोन बुजुर्गन खातिर सुरक्षित बा?

ओमावेलोक्सोलोन के क्लिनिकल अध्ययन में 65 साल आ ओकरा से ऊपर के मरीज शामिल ना रहलें, एही से ई निर्धारित करे खातिर कवनो डाटा नइखे कि ऊ जवान वयस्कन से अलग प्रतिक्रिया देत बाड़न। बुजुर्ग मरीजन के ई दवाई इस्तेमाल करे से पहिले व्यक्तिगत सलाह खातिर आपन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करे के चाहीं।

केकरा के ओमावेलोक्सोलोन लेवे से बचे के चाहीं?

ओमावेलोक्सोलोन खातिर महत्वपूर्ण चेतावनी में लीवर एंजाइम के बढ़ल संभावना, कार्डियक समस्या के संकेत देत बढ़ल बीएनपी स्तर, आ कोलेस्ट्रॉल स्तर में बदलाव शामिल बा। मरीजन के लीवर फंक्शन, बीएनपी, आ कोलेस्ट्रॉल स्तर के नियमित निगरानी करे के चाहीं। कवनो विशेष मतभेद नइखे, लेकिन गंभीर यकृत हानि वाला मरीजन में सावधानी बरते के सलाह बा।