ओलान्जापाइन

दोहरी मानसिक विकार, स्किज़ोफ्रेनिया ... show more

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

US(FDA), यूके (बीएनएफ)

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

हाँ

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

NO

ई दवाई के बारे में अउरी जानीं -

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सारांश

  • ओलान्जापाइन मुख्य रूप से मानसिक बेमारी जइसे स्किजोफ्रेनिया आ बाइपोलर डिसऑर्डर के इलाज खातिर इस्तेमाल कइल जाला। ई डिप्रेशन खातिर दोसरा इलाज के साथे भी कभी-कभी इस्तेमाल कइल जाला।

  • ओलान्जापाइन दिमाग के रसायन जइसे डोपामाइन आ सेरोटोनिन पर असर डाल के काम करेला। ई दिमाग के कोशिका के अलग-अलग हिस्सा से जुड़ के इन रसायन के गतिविधि पर असर डालेला। ई खाए के लगभग छह घंटा बाद खून में आपन सबसे ऊँच स्तर पर पहुँचेला आ 21 से 54 घंटा ले सिस्टम में रहेला।

  • ओलान्जापाइन आमतौर पर रोज एक बेर खाना के साथ या बिना खाए लिहल जाला। स्किजोफ्रेनिया खातिर, सामान्य शुरुआती खुराक 5 से 10 मि.ग्रा. प्रति दिन होला। बाइपोलर डिसऑर्डर खातिर, ई लगभग 10 मि.ग्रा. प्रति दिन होला। खुराक इलाज हो रहल हालत आ व्यक्तिगत कारक पर निर्भर कर सकेला।

  • ओलान्जापाइन के आम साइड इफेक्ट में वजन बढ़ना, डायबिटीज या बढ़ल खून में चीनी, नींद आना या उनींदापन, अनैच्छिक हरकत, बढ़ल कोलेस्ट्रॉल स्तर, आ दिल के समस्या शामिल बा। ई यौन कार्य पर भी असर डाल सकेला आ साफ-साफ सोचल मुश्किल बना सकेला।

  • ओलान्जापाइन के डिमेंशिया वाला बूढ़ लोग में इस्तेमाल ना कइल जाव, काहे कि मौत के खतरा बढ़ जाला। ई गर्भावस्था के दौरान तबे सिफारिश कइल जाला जब एकदम जरूरी होखे। ई दोसरा दवाइयन के साथे इंटरैक्ट कर सकेला, त हमेशा आपन डॉक्टर के कवनो अउरी दवाई या सप्लीमेंट के बारे में जानकारी दीं। ओलान्जापाइन पर रहते शराब से बचे आ जब तक दवाई के असर ना समझीं, गाड़ी ना चलाईं या मशीनरी ना चलाईं।

संकेत आ उद्देश्य

ओलान्जापाइन कइसे काम करेला?

ओलान्जापाइन एगो दवाई हवे जे मानसिक बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होला। एकदम से ई कइसे काम करेला, ई पूरा तरह से समझल ना गइल बा, बाकिर ई लागेला कि ई दिमाग के रसायन डोपामाइन आ सेरोटोनिन पर असर डालेला। ई दिमाग के कोशिका के अलग-अलग हिस्सा से जुड़ के एह रसायन के गतिविधि पर प्रभाव डालेला। जब तू ई मुँह से लेत बाड़, त दवाई तोहार खून में लगभग छह घंटा बाद आपन उच्चतम स्तर पर पहुँच जाला। तोहार शरीर के अधिकांश हिस्सा के तोड़ देला, बस थोड़ी मात्रा में ई तोहार शरीर से बिना बदले पेशाब में निकल जाला। दवाई तोहार सिस्टम में लमहर समय तक रहेला—21 से 54 घंटा के बीच।

कइसे पता चली कि ओलान्जापाइन काम कर रहल बा?

अगर ओलान्जापाइन काम कर रहल बा, त तोहरा निम्नलिखित सुधार देखाई दे सकेला:

  • कम भ्रम या भ्रम (स्किजोफ्रेनिया खातिर)
  • कम मूड स्विंग्स (बाइपोलर डिसऑर्डर खातिर)
  • मूड में सुधार (डिप्रेशन खातिर)

का ओलान्जापाइन प्रभावी बा?

हाँ, ओलान्जापाइन आमतौर पर स्किजोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, आ डिप्रेशन खातिर सहायक के लक्षण के प्रबंधन में प्रभावी मानल जाला।

ओलान्जापाइन के इस्तेमाल का खातिर होला?

ओलान्जापाइन के इस्तेमाल एह खातिर होला:

  • स्किजोफ्रेनिया
  • बाइपोलर डिसऑर्डर
  • कभी-कभी डिप्रेशन खातिर जब दोसरा इलाज पर्याप्त ना होखे।

इस्तेमाल के निर्देश

हम ओलान्जापाइन कब तक लीं?

अवधि तोहार स्थिति पर निर्भर करेला। स्किजोफ्रेनिया या बाइपोलर डिसऑर्डर जइसन पुरान स्थिति खातिर, ओलान्जापाइन लमहर समय तक लिहल जा सकेला, बाकिर हमेशा तोहार डॉक्टर के मार्गदर्शन के पालन करीं।

हम ओलान्जापाइन कइसे लीं?

  • ओलान्जापाइन आमतौर पर दिन में एक बेर, खाना के साथ या बिना लिहल जाला।
  • टैबलेट या डिसइंटीग्रेटिंग टैबलेट के रूप में लिहल जा सकेला।
  • हमेशा तोहार डॉक्टर द्वारा दिहल गइल विशेष निर्देश के पालन करीं।

ओलान्जापाइन के काम करे में कतना समय लागेला?

ओलान्जापाइन के प्रभाव 1 से 2 हफ्ता में देखाई दे सकेला, बाकिर पूरा प्रभाव तक पहुँचला में कई हफ्ता लाग सकेला।

हम ओलान्जापाइन के कइसे रखीं?

आपन ओलान्जापाइन के गोली के ठंडा, सूखा जगह पर, धूप से दूर रखीं। सबसे बढ़िया तापमान 68 से 77 डिग्री फारेनहाइट (20 से 25 डिग्री सेल्सियस) के बीच होला।

ओलान्जापाइन के सामान्य खुराक का होला?

  • बड़ लोग खातिर: स्किजोफ्रेनिया खातिर सामान्य शुरूआती खुराक 5 से 10 मि.ग्रा. प्रतिदिन होला, जेकरा के व्यक्तिगत प्रतिक्रिया के आधार पर धीरे-धीरे बढ़ावल जा सकेला।
  • बाइपोलर डिसऑर्डर खातिर, शुरूआती खुराक आमतौर पर 10 मि.ग्रा. प्रतिदिन होला।
  • खुराक इलाज हो रहल स्थिति आ व्यक्तिगत कारक पर निर्भर कर सकेला।

चेतावनी आ सावधानी

का हम ओलान्जापाइन के साथ दोसरा प्रिस्क्रिप्शन दवाई ले सकीला?

ओलान्जापाइन एगो दवाई हवे जे दोसरा दवाई के साथ खराब इंटरैक्शन कर सकेला। कुछ दवाई, जइसे कि फ्लूवोक्सामाइन, ओलान्जापाइन के तोहार शरीर में लमहर समय तक बनल राखेले, एह से तोहरा के कम खुराक के जरूरत हो सकेला। दोसरा, जइसे कि कार्बामाज़ेपाइन, तोहार शरीर से ओलान्जापाइन के जल्दी निकाल देला। ओलान्जापाइन रक्तचाप के दवाई के बेहतर काम करे में मदद कर सकेला आ पार्किंसन रोग के दवाई के प्रभाव कम कर सकेला। अगर तू चारकोल लेत बाड़, त ई तोहार शरीर के बहुत सारा ओलान्जापाइन के अवशोषण से रोक सकेला। आखिर में, ओलान्जापाइन के साथ दोसरा दवाई जे तोहरा के सूखा देला, लेवे से तोहार पेट के समस्या के खतरा बढ़ सकेला।

का हम ओलान्जापाइन के साथ विटामिन या सप्लीमेंट ले सकीला?

  • कुछ विटामिन या सप्लीमेंट, खासकर जेकरा के रक्त शर्करा या कोलेस्ट्रॉल पर असर पड़े, सावधानी से इस्तेमाल कइल जाव।
  • हमेशा तोहार डॉक्टर के कवनो सप्लीमेंट के बारे में जानकारी दिहल जाव जे तू ले रहल बाड़।

का ओलान्जापाइन स्तनपान करावत घरी सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

ओलान्जापाइन, एगो दवाई जे कुछ माई लोग लेत बा, दूध में जा सकेला। जे बच्चा स्तनपान कर रहल बा, ऊ नींद में, चिड़चिड़ा, खराब खाए, या हिलल-डुलल हरकत कर सकेला। अगर तोहार बच्चा एह में से कवनो संकेत देखावे, त तुरंते डॉक्टर के बताव। डॉक्टर लोग स्तनपान के फायदन के तुलना बच्चा पर जोखिम से कर के तय करी कि का सबसे बढ़िया बा।

का ओलान्जापाइन गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से लिहल जा सकेला?

ओलान्जापाइन के गर्भावस्था के दौरान तबे इस्तेमाल कइल जाव जब लाभ जोखिम से अधिक होखे। ई गर्भावस्था के दौरान तबे सिफारिश कइल जाला जब एकदम जरूरी होखे।

का ओलान्जापाइन लेवे के दौरान शराब पियला सुरक्षित बा?

ओलान्जापाइन एगो दवाई हवे। शराब एगो नशा हवे। एक साथे लेवे पर ई तोहरा के बहुत नींद आ चक्कर में डाल सकेला, खासकर जब तू जल्दी से खड़ा होखेल। ई एहसे होला काहे कि दुनो तोहार रक्तचाप पर असर डालेला। जब तक तू ओलान्जापाइन पर बाड़, तब तक शराब से बचे के सबसे बढ़िया बा।

का ओलान्जापाइन लेवे के दौरान व्यायाम सुरक्षित बा?

 

  • व्यायाम आमतौर पर सुरक्षित बा, बाकिर ओलान्जापाइन के नींद के प्रभाव के कारण चक्कर या थकान के सावधानी बरतल जाव। हमेशा तोहार डॉक्टर से जाँच करीं।

का ओलान्जापाइन बूढ़ लोग खातिर सुरक्षित बा?

डिमेंशिया वाला बूढ़ लोग जेकरा के मानसिक समस्या जइसे कि भ्रम होखे, ओलान्जापाइन दवाई के इस्तेमाल जोखिम भरा बा। अध्ययन देखावे ला कि एह दवाई के लेवे पर ऊ लोग के मरला के संभावना बहुत अधिक बा, अगर ऊ कवनो दवाई ना लेवे त। ई बढ़ल जोखिम समान दवाई पर भी लागू होला। ओलान्जापाइन के एह समूह खातिर इस्तेमाल ना कइल जाव। ई स्ट्रोक आ दिमाग में दोसरा रक्त वाहिका समस्या के संभावना भी बढ़ा देला। अगर कवनो बूढ़ व्यक्ति के एह तरह के दवाई के जरूरत होखे, त डॉक्टर लोग बहुत कम खुराक से शुरू करे के चाहीं।

के ओलान्जापाइन लेवे से बचे के चाहीं?

ओलान्जापाइन एगो मजबूत दवाई हवे जेकरा के गंभीर साइड इफेक्ट हो सकेला। डिमेंशिया वाला बूढ़ लोग के ई लेवे पर मौत के खतरा बढ़ जाला। ई उच्च रक्त शर्करा, अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल आ वसा, आ वजन बढ़ा सकेला। दुर्लभ मामिला में, ई एगो जानलेवा स्थिति के कारण बन सकेला जेकरा के न्यूरोलेप्टिक मैलिग्नेंट सिंड्रोम (एनएमएस) कहल जाला, जेकरा में उच्च बुखार आ कठोर मांसपेशी हो सकेला। जब तक तोहरा ना पता चले कि दवाई तोहरा पर कइसे असर डाल रहल बा, तब तक शराब मत पीअ आ गाड़ी मत चलाव। अगर तोहरा अनियंत्रित हरकत या निर्जलीकरण के संकेत जइसे कि बहुत पसीना आना, मुँह सूखल, या अत्यधिक प्यास लगे, त तुरंते तोहार डॉक्टर के बताव।