लैंसोप्राजोल

द्वादशांत्र अल्सर, एसोफगाइटिस ... show more

दवाई के स्थिति

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सरकारी मंजूरी

US(FDA), यूके (बीएनएफ)

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

None

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ज्ञात टेराटोजेन

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

NO

ई दवाई के बारे में अउरी जानीं -

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सारांश

  • लैंसोप्राजोल के इस्तेमाल हार्टबर्न, अल्सर, आ गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) जइसन स्थिति के इलाज खातिर कइल जाला। ई पेट आ छोट आंत में अल्सर के रोकथाम खातिर भी इस्तेमाल कइल जाला।

  • लैंसोप्राजोल प्रोटोन पंप इनहिबिटर्स (PPIs) कहल जाए वाला दवाइयन के समूह में आवेला। ई पेट में एसिड बनावे वाला एंजाइम के ब्लॉक क के काम करेला, एह से पेट के एसिड के मात्रा कम हो जाला।

  • सामान्य शुरूआती खुराक 60 मि.ग्रा. रोजाना एक बेर होला, जेकरा के डॉक्टर द्वारा 90 मि.ग्रा. दिन में दू बेर तक बढ़ावल जा सकेला। ई खाना से पहिले लिहल जाए के चाहीं। कैप्सूल के पूरा निगलल जाए के चाहीं, ना त तोड़ल जाए आ ना चबावल जाए।

  • आम साइड इफेक्ट्स में दस्त, पेट में दर्द, मिचली, या कब्ज शामिल बा। कुछ मामिला में, ई गंभीर साइड इफेक्ट्स जइसे कांपना, दौरा, चक्कर, मांसपेशी कमजोरी, अनियमित दिल के धड़कन, आ गंभीर त्वचा प्रतिक्रिया पैदा कर सकेला।

  • लंबे समय तक लैंसोप्राजोल के इस्तेमाल से विटामिन B12 के कमी हो सकेला आ पेट में वृद्धि के जोखिम बढ़ सकेला। ई अन्य दवाइयन जइसे एंटीरेट्रोवायरल ड्रग्स, वारफारिन, आ मेथोट्रेक्सेट के साथ इंटरैक्ट कर सकेला। अगर रउआ गर्भवती बानी, गर्भवती होखे के योजना बना रहल बानी, या स्तनपान करावत बानी, त लैंसोप्राजोल के इस्तेमाल से पहिले अपना स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

संकेत आ उद्देश्य

लैंसोप्राजोल कइसे काम करेला?

लैंसोप्राजोल एगो दवाई बा जे पेट के एसिड के कम करेला। ई प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPIs) कहल जाए वाला दवाइयन के समूह में आवेला। PPIs पेट में एगो एंजाइम के ब्लॉक करेला जे एसिड बनावे में मदद करेला। ई एंजाइम के ब्लॉक करके, लैंसोप्राजोल पेट में बन रहल एसिड के मात्रा के कम करेला। लैंसोप्राजोल हार्टबर्न, अल्सर, आ गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) जइसन स्थिति के इलाज खातिर इस्तेमाल होला।

कइसे पता चली कि लैंसोप्राजोल काम कर रहल बा?

लैंसोप्राजोल के प्रभाव के मापल दू गो मुख्य कारक के जाँच के शामिल करेला: 1. **मीन गैस्ट्रिक pH:** ई पेट में औसत अम्लता स्तर के मापेला। अधिक pH मतलब कम अम्लीय वातावरण, जे पेट के असुविधा के कम करे खातिर फायदेमंद बा। 2. **प्रतिशत समय गैस्ट्रिक pH 3 आ 4 से अधिक बा:** ई बतावेला कि पेट के pH कतना बार कुछ सीमा से ऊपर बा। pH 3 या 4 से अधिक मतलब पेट कम अम्लीय बा, जे पेट के लाइनिंग के सुरक्षा करे में मदद करेला आ हार्टबर्न आ एसिड रिफ्लक्स जइसन लक्षण के कम करेला।

का लैंसोप्राजोल प्रभावी बा?

लैंसोप्राजोल एगो दवाई बा जे पेट आ छोट आंत में अल्सर के इलाज आ रोकथाम खातिर इस्तेमाल होला। ई पेट के एसिड के उत्पादन के कम करके काम करेला। अध्ययन में, लैंसोप्राजोल अल्सर के वापसी के जोखिम के कम करे में प्रभावी साबित भइल बा। लैंसोप्राजोल, एमोक्सिसिलिन, आ क्लैरिथ्रोमाइसिन के संयोजन के दू गो एह दवाइयन के संयोजन से अधिक प्रभावी पावल गइल। लैंसोप्राजोल आ एमोक्सिसिलिन के संयोजन अकेले दवाई से अधिक प्रभावी पावल गइल। दूसरा अध्ययन में, लैंसोप्राजोल ट्रिपल थेरेपी के 10 दिन के कोर्स अल्सर के समाप्त करे में 14 दिन के कोर्स के बराबर प्रभावी पावल गइल। हालांकि, लैंसोप्राजोल नवजात शिशु में एसिड रिफ्लक्स के इलाज में प्रभावी ना पावल गइल।

लैंसोप्राजोल के इस्तेमाल काहे खातिर होला?

लैंसोप्राजोल कैप्सूल पेट आ इसोफेगस के समस्या, जइसे अल्सर, एसिड रिफ्लक्स, आ हार्टबर्न के इलाज खातिर इस्तेमाल होला। ई अल्सर के वापसी से बचावे में भी मदद कर सकेला। ई पेट में एसिड के मात्रा के कम करके काम करेला।

इस्तेमाल के निर्देश

लैंसोप्राजोल के कतना दिन लेवे के चाहीं?

लैंसोप्राजोल के इलाज के अवधि इलाज हो रहल समस्या पर निर्भर करेला। पेट या डुओडेनम (रउरा छोट आंत के पहिला हिस्सा) में अल्सर खातिर इलाज कुछ हफ्ता से लेके आठ हफ्ता तक हो सकेला। अगर रउरा अल्सर के वापसी से बचावे खातिर दवाई ले रहल बानी, त रउरा के कम समय खातिर लेवे के संभावना बा। हार्टबर्न (GERD) खातिर, इलाज आमतौर पर आठ हफ्ता तक होला। हार्टबर्न के गंभीर मामिला या एगो दुर्लभ स्थिति जइसे Zollinger-Ellison सिंड्रोम खातिर बहुत लंबा इलाज, यहाँ तक कि सालों तक, के जरूरत हो सकेला।

लैंसोप्राजोल कइसे लीं?

खाए से पहिले दवाई लीं। कैप्सूल के पूरा निगल जाईं, ओकरा के तोड़ीं मत आ चबाईं मत।

लैंसोप्राजोल के काम करे में कतना समय लागेला?

लैंसोप्राजोल 1 से 3 घंटा में पेट के एसिड के कम करेला। हार्टबर्न के राहत में 1 से 2 दिन लाग सकेला, जबकि अल्सर के ठीक होखे में हफ्ता लाग सकेला। सबसे बढ़िया परिणाम खातिर, ई खाना से 30–60 मिनट पहिले लीं।

लैंसोप्राजोल के कइसे स्टोर करीं?

लैंसोप्राजोल टैबलेट के कमरा के तापमान पर 68° से 77°F (20° से 25°C) के बीच रखीं। सब दवाई के बच्चा के पहुंच से दूर रखीं।

चेतावनी आ सावधानी

का लैंसोप्राजोल के अन्य प्रिस्क्रिप्शन दवाई के साथ ले सकीला?

लैंसोप्राजोल अन्य दवाई के साथ इंटरैक्ट कर सकेला, जेकरा में शामिल बा: * एंटीरेट्रोवायरल दवाई (जइसे, रिलपिविरिन, एटाजानाविर): लैंसोप्राजोल एह दवाई के प्रभावशीलता के कम कर सकेला या ओकरा विषाक्तता के बढ़ा सकेला। * वारफरिन: लैंसोप्राजोल वारफरिन के साथ इंटरैक्ट करके रक्तस्राव के जोखिम बढ़ा सकेला। * मेथोट्रेक्सेट: लैंसोप्राजोल शरीर में मेथोट्रेक्सेट के स्तर के बढ़ा सकेला, जे साइड इफेक्ट के कारण बन सकेला। * डिगॉक्सिन: लैंसोप्राजोल शरीर में डिगॉक्सिन के स्तर के बढ़ा सकेला। * अन्य दवाई: लैंसोप्राजोल पेट के एसिड के कम करके अन्य दवाई के अवशोषण पर असर डाल सकेला।

का लैंसोप्राजोल के विटामिन या सप्लीमेंट के साथ ले सकीला?

कुछ हार्टबर्न दवाई (PPIs) के कैंसर दवाई मेथोट्रेक्सेट के उच्च खुराक के साथ लेवे से मेथोट्रेक्सेट विषाक्तता के जोखिम बढ़ सकेला। अतिरिक्त रूप से, लंबे समय तक (तीन साल से अधिक) एसिड-सप्रेसिंग दवाई लेवे से पेट के एसिड के कमी के कारण विटामिन B12 की कमी हो सकेला।

का लैंसोप्राजोल स्तनपान के दौरान सुरक्षित रूप से ले सकीला?

ई स्पष्ट ना बा कि ई दवाई स्तन दूध में जाला कि ना। अगर रउरा ई दवाई ले रहल बानी त रउरा बच्चा के खियावे के सबसे बढ़िया तरीका पर रउरा डॉक्टर से बात करीं।

का लैंसोप्राजोल गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित रूप से ले सकीला?

पशु अध्ययन में, गर्भावस्था के दौरान लैंसोप्राजोल लेवे से बच्चा के विकास आ वृद्धि पर असर पड़ सकेला। हालांकि, गर्भवती महिलन के एगो बड़ा अध्ययन में जे PPIs (लैंसोप्राजोल समेत) ले रहल रहली, जन्म दोष या गर्भपात में कवनो महत्वपूर्ण वृद्धि ना पावल गइल। हालांकि, जन्म दोष आ गर्भपात के जोखिम सामान्य रूप से अबहियो मौजूद बा, भले ही PPIs ना लेवे। अगर लैंसोप्राजोल के क्लैरिथ्रोमाइसिन के साथ लेहल जाला, त क्लैरिथ्रोमाइसिन के गर्भावस्था जानकारी के भी ध्यान में रखल जाव। लैंसोप्राजोल के गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल पर अधिक जानकारी खातिर स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से सलाह लीं।

का लैंसोप्राजोल लेवे के दौरान शराब पियला सुरक्षित बा?

जबकि मध्यम शराब सेवन से नुकसान के संभावना कम बा, ई पेट के जलन बढ़ा सकेला या दवाई के प्रभावशीलता पर असर डाल सकेला, एह से सबसे बढ़िया बा कि मध्यम मात्रा में पियला।

का लैंसोप्राजोल लेवे के दौरान व्यायाम सुरक्षित बा?

I missed what you said. What was that?

का लैंसोप्राजोल बुजुर्ग लोग खातिर सुरक्षित बा?

लैंसोप्राजोल दवाई के अध्ययन में, लगभग एक में से छह लोग 65 साल या ओकरा से अधिक उम्र के रहल। ई पुरान मरीज लोग जवान मरीज लोग जइसन ही अच्छा से काम कइल आ ओही सुरक्षा प्रोफाइल के देखावल। हालांकि, डॉक्टर लोग निश्चित रूप से ना कह सकेला कि कुछ पुरान वयस्क लोग दवाई के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकेला कि ना।

के लैंसोप्राजोल लेवे से बचे के चाहीं?

लैंसोप्राजोल के ठीक से निर्धारित अनुसार लीं। ई रउरा एसिड-संबंधित लक्षण में मदद कर सकेला, लेकिन रउरा के अबहियो गंभीर पेट के समस्या हो सकेला। संभावित साइड इफेक्ट में शामिल बा: * किडनी के समस्या * संक्रमण से हो रहल दस्त * पेट में वृद्धि * हड्डी के फ्रैक्चर * ल्यूपस