हेमरेजिक स्ट्रोक

हेमरेजिक स्ट्रोक एगो जानलेवा स्थिति ह जहाँ फटाइल रक्त वाहिका दिमाग में या दिमाग के चारो ओर खून बहावेला, जेकरा से दिमाग के कोशिका के नुकसान होखेला आ शरीर के कार्य में बाधा आवेला।

ब्रेन हेमरेज , इंट्रासेरेब्रल हेमरेज , सबएराक्नॉइड हेमरेज

बीमारी के जानकारी

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सरकारी मंजूरी

None

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डब्ल्यूएचओ जरूरी दवाई

NO

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ज्ञात टेराटोजेन

NO

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फार्मास्युटिकल वर्ग

None

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नियंत्रित दवा पदार्थ

NO

सारांश

  • हेमरेजिक स्ट्रोक तब होखेला जब दिमाग में एगो रक्त वाहिका फट जाला, जेकरा से खून बहेला। ई खून दिमाग के कोशिका के नुकसान करेला आ गंभीर विकलांगता भा मौत के कारण बन सकेला। रोग के प्रगति तब होखेला जब खून दिमाग पर दबाव बढ़ावेला, जेकरा से अउरी नुकसान होखेला। हेमरेजिक स्ट्रोक गंभीर होखेला आ एकरा से उच्च रोगमुक्ति आ मृत्यु दर हो सकेला।

  • हेमरेजिक स्ट्रोक के कारण दिमाग में एगो रक्त वाहिका के फटना होखेला, जेकरा से खून बहेला। ई उच्च रक्तचाप के कारण हो सकेला, जेकरा से रक्त वाहिका कमजोर हो जाला, भा एन्यूरिज्म के कारण, जेकरा से रक्त वाहिका में उभार हो जाला आ फट सकेला। जोखिम कारक में हाइपरटेंशन, धूम्रपान, अत्यधिक शराब के सेवन, आ रक्त वाहिका पर असर डाले वाला आनुवांशिक स्थिति शामिल बा।

  • आम लक्षण में अचानक गंभीर सिरदर्द, एक तरफ कमजोरी भा सुन्नपन, आ बोलत में कठिनाई शामिल बा। जटिलता में दिमाग के सूजन, दौरा, आ दीर्घकालिक विकलांगता शामिल बा। खून दिमाग में दबाव बढ़ावेला, जेकरा से सूजन आ संभावित नुकसान हो सकेला। ई लक्षण खातिर तुरंत चिकित्सा ध्यान जरूरी बा।

  • हेमरेजिक स्ट्रोक के निदान इमेजिंग परीक्षण जइसे सीटी भा एमआरआई स्कैन से होखेला, जेकरा से दिमाग में खून बहाव देखावल जाला। निदान के समर्थन करे वाला लक्षण में अचानक गंभीर सिरदर्द, एक तरफ कमजोरी भा सुन्नपन, आ बोलत में कठिनाई शामिल बा। रक्त परीक्षण clotting समस्या के जाँच खातिर कइल जा सकेला। ई परीक्षण खून बहाव के उपस्थिति आ सीमा के पुष्टि करेला।

  • हेमरेजिक स्ट्रोक के रोकथाम में दवाई आ जीवनशैली में बदलाव जइसे स्वस्थ आहार आ नियमित व्यायाम के माध्यम से रक्तचाप के नियंत्रण शामिल बा। उपचार में रक्तचाप के नियंत्रण आ अउरी खून बहाव के रोकथाम खातिर दवाई शामिल बा। खून हटावे भा रक्त वाहिका के मरम्मत खातिर सर्जरी के जरूरत हो सकेला। जल्दी हस्तक्षेप से परिणाम में सुधार होखेला।

  • आत्म-देखभाल में स्वस्थ आहार के पालन, हल्का व्यायाम में शामिल होखल, आ धूम्रपान आ अत्यधिक शराब से बचल शामिल बा। ई क्रियाकलाप रक्तचाप के नियंत्रण आ समग्र स्वास्थ्य में सुधार करेला। नियमित चिकित्सा जाँच आ दवाई के पालन भी महत्वपूर्ण बा। ई जीवनशैली में बदलाव से रिकवरी में मदद मिलेला आ भविष्य में स्ट्रोक के जोखिम कम होखेला।

बीमारी के बारे में समझल

हेमरेजिक स्ट्रोक का ह?

हेमरेजिक स्ट्रोक तब होखेला जब दिमाग में खून के नस फट जाला, जेकरा से खून बहेला. ई खून बहला से दिमाग के कोशिका के नुकसान होखेला आ गंभीर विकलांगता भा मौत हो सकेला. जइसे-जइसे खून बहला से दिमाग पर दबाव बढ़ेला, बीमारी के प्रगति होखेला आ अउरी नुकसान होखेला. हेमरेजिक स्ट्रोक गंभीर होखेला आ एकरा से उच्च रोग दर आ मृत्यु दर हो सकेला.

हेमरेजिक स्ट्रोक के का कारण होला?

हेमरेजिक स्ट्रोक मस्तिष्क में खून के नस फटला से होला, जेकरा से खून बहेला. ई उच्च रक्तचाप के कारण हो सकेला, जे खून के नस के कमजोर करेला, या एन्यूरिज्म के कारण, जे खून के नस में उभार होला जे फट सकेला. जोखिम कारक में उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, अत्यधिक शराब के सेवन, आ खून के नस पर असर डाले वाला आनुवांशिक स्थिति शामिल बा. सटीक कारण अलग-अलग हो सकेला, लेकिन ई कारक जोखिम बढ़ा देला.

का अलग-अलग प्रकार के हेमोरेजिक स्ट्रोक होला?

हाँ, हेमोरेजिक स्ट्रोक के दू मुख्य प्रकार होला: इंट्रासेरेब्रल हेमरेज, जे तब होला जब दिमाग में एगो धमनी फट जाला, आ सबाराक्नोइड हेमरेज, जे दिमाग के चारो ओर के जगह में खून बहला के शामिल करेला। इंट्रासेरेब्रल हेमरेज अक्सर अचानक सिरदर्द आ कमजोरी के कारण बनेला, जबकि सबाराक्नोइड हेमरेज अचानक, गंभीर सिरदर्द के कारण बन सकेला। प्रोग्नोसिस अलग-अलग होला, सबाराक्नोइड हेमरेज अक्सर खराब परिणाम दे सकेला।

हेमरेजिक स्ट्रोक के लक्षण आ चेतावनी संकेत का हवे?

हेमरेजिक स्ट्रोक के आम लक्षण में अचानक तेज सिरदर्द, एक तरफ कमजोरी या सुन्नपन, आ बोलल में दिक्कत शामिल बा। ई लक्षण जल्दी से प्रकट होखेला जब खून बहेला। एगो अनोखा विशेषता बा "थंडरक्लैप" सिरदर्द के अचानक शुरुआत, जेकरा से निदान में मदद मिल सकेला। ई लक्षण खातिर तुरंते चिकित्सा ध्यान जरूरी बा।

हेमरेजिक स्ट्रोक के बारे में पाँच सबसे आम मिथक का ह?

एक मिथक बा कि स्ट्रोक खाली बूढ़ लोगन के प्रभावित करेला, बाकिर ई कवनो भी उमिर में हो सकेला। दोसरा बा कि स्ट्रोक के रोका ना जा सकेला, जबकि जीवनशैली में बदलाव से जोखिम कम हो सकेला। कुछ लोग मानेला कि स्ट्रोक हमेशा घातक होला, बाकिर इलाज से कई लोग बच जाला। ई भी सोचल जाला कि रिकवरी असंभव बा, बाकिर पुनर्वास मदद कर सकेला। आखिर में, कुछ लोग सोचेला कि स्ट्रोक दुर्लभ बा, बाकिर ई दुनियाभर में आम बा।

कवन प्रकार के लोगन के हेमोरेजिक स्ट्रोक के खतरा सबसे बेसी होला?

हेमोरेजिक स्ट्रोक बूढ़ लोगन में जादे आम बा, खास कर के 65 से ऊपर के लोगन में. मरद लोगन पर थोड़का बेसी असर होला बनिस्पत मेहरारू लोगन के. कुछ जातीय समूह, जइसे अफ्रीकी अमेरिकी आ हिस्पैनिक लोगन में, उच्च रक्तचाप के बेसी दर के चलते बेसी प्रचलन बा. जवन भौगोलिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के पहुँच सीमित बा, उहां भी बेसी मामिला देखल जाला. ई कारक लोगन में बढ़ल खतरा आ प्रचलन में योगदान देला.

हेमरेजिक स्ट्रोक बुढ़ापा में कइसे असर डाले ला?

बुढ़ापा में, हेमरेजिक स्ट्रोक पहिले से मौजूद स्वास्थ्य स्थिति आ कम दिमागी लचीलापन के चलते अधिक गंभीर परिणाम दे सकेला। भ्रम या याददाश्त के कमी जइसन लक्षण अधिक स्पष्ट हो सकेला। खून के नस में उम्र से जुड़ल बदलाव, जइसे कठोरता आ नाजुकता, मध्यम आयु वर्ग के वयस्कन की तुलना में खून बहला के जोखिम आ गंभीरता बढ़ा देला।

हेमरेजिक स्ट्रोक बच्चन के कइसे प्रभावित करेला?

बच्चन में, हेमरेजिक स्ट्रोक के लक्षण मिरगी, चिड़चिड़ापन, या उल्टी के रूप में देखल जा सकेला, जे बड़का लोगन से अलग बा, जहाँ अक्सर कमजोरी या बोलचाल में दिक्कत होखेला। बच्चन के दिमाग अबहियो विकासशील बा, जेकरा से अलग लक्षण आ रिकवरी के पैटर्न हो सकेला। बच्चन में कारण अक्सर जन्मजात दिल के दोष या खून के विकार होला, जबकि बड़का लोगन में उच्च रक्तचाप आम कारण होला।

हेमरेजिक स्ट्रोक गर्भवती महिलन के कइसे प्रभावित करेला?

गर्भवती महिलन में, हेमरेजिक स्ट्रोक अधिक गंभीर लक्षणन के साथ देखल जा सकेला काहे कि गर्भावस्था के दौरान रक्त के मात्रा आ दबाव बढ़ जाला। जटिलताएं प्रीक्लेम्पसिया शामिल कर सकेला, जेकर मतलब बा गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप। हार्मोनल बदलाव आ बढ़ल रक्त प्रवाह ई अंतर के योगदान देला, जेकरा से प्रबंधन गैर-गर्भवती वयस्कन की तुलना में अधिक जटिल हो जाला।

जांच आ निगरानी

हेमरेजिक स्ट्रोक के डायग्नोसिस कइसे होला?

हेमरेजिक स्ट्रोक के डायग्नोसिस इमेजिंग टेस्ट जइसे सीटी भा एमआरआई स्कैन से होला, जेकरा में दिमाग में खून के रिसाव देखल जा सकेला। डायग्नोसिस के समर्थन करे वाला लक्षण में अचानक तेज सिरदर्द, एक तरफ कमजोरी भा सुन्नपन, आ बोलत घरी दिक्कत शामिल बा। खून के टेस्ट कइल जा सकेला ताकि क्लॉटिंग समस्या के जाँच कइल जा सके। ई टेस्ट खून के मौजूदगी आ ओकरा के हद तक के पुष्टि करेला।

हेमरेजिक स्ट्रोक खातिर आमतौर पर का टेस्ट होला?

हेमरेजिक स्ट्रोक खातिर आम टेस्ट में सीटी आ एमआरआई स्कैन शामिल बा, जे मस्तिष्क में खून के रिसाव के पता लगावे ला. खून के टेस्ट कइल जा सकेला clotting समस्या के जाँच खातिर. ई टेस्ट निदान के पुष्टि करे आ इलाज के निर्णय में मदद करेला. इमेजिंग खून के रिसाव के सीमा के आकलन आ हस्तक्षेप के योजना बनावे में महत्वपूर्ण बा.

हमरेजिया स्ट्रोक के कइसे मॉनिटर करब?

हमरेजिया स्ट्रोक के मॉनिटरिंग इमेजिंग टेस्ट जइसन की सीटी या एमआरआई स्कैन से कइल जाला, जेकरा से दिमाग में बदलाव देखल जा सकेला। रक्तचाप आ न्यूरोलॉजिकल परीक्षा भी सुधार या बिगड़ल के आकलन करे में इस्तेमाल होला। मॉनिटरिंग के आवृत्ति गंभीरता पर निर्भर करेला लेकिन अक्सर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ नियमित फॉलो-अप शामिल होला ताकि जरूरत अनुसार इलाज में बदलाव कइल जा सके।

हेमरेजिक स्ट्रोक खातिर स्वस्थ जाँच परिणाम का ह?

हेमरेजिक स्ट्रोक खातिर रूटीन जाँच में सीटी या एमआरआई स्कैन शामिल बा, जे मस्तिष्क में खून के बहाव देखावे ला. सामान्य परिणाम में कवनो खून के बहाव ना देखाई, जबकि असामान्य परिणाम हेमरेज के संकेत देला. रक्तचाप के निगरानी भी महत्वपूर्ण बा, जहाँ उच्च रीडिंग अनियंत्रित बीमारी के संकेत देला. नियमित फॉलो-अप से इलाज के प्रभावी होखल आ स्थिति के स्थिर रहला के सुनिश्चित करे में मदद मिले ला.

असर आ जटिलताएँ

हेमरेजिक स्ट्रोक भइल लोगन के का होखेला?

हेमरेजिक स्ट्रोक एगो तीव्र अवस्था ह, जे अचानक होखेला। बिना इलाज के, ई गंभीर दिमागी नुकसान भा मौत के कारण बन सकेला। प्राकृतिक इतिहास में खून बहला के चलते लक्षणन के तेजी से बढ़त शामिल बा। उपलब्ध चिकित्सा, जइसे सर्जरी भा दवाई, खून बहला आ दबाव के कम कर सकेला, जे परिणामन के सुधारेला आ मृत्यु दर के घटावेला।

का हेमोरेजिक स्ट्रोक घातक होला?

हाँ, हेमोरेजिक स्ट्रोक घातक हो सकेला। ई अचानक होखेला आ तेजी से दिमाग के नुकसान कर सकेला। घातकता बढ़ावे वाला कारक में उच्च रक्तचाप, बड़हन रक्तस्राव, आ इलाज में देरी शामिल बा। दबाव कम करे खातिर सर्जरी आ रक्तस्राव नियंत्रित करे खातिर दवाई जइसन हस्तक्षेप मृत्यु के जोखिम कम कर सकेला।

का हेमोरेजिक स्ट्रोक चली जाई?

हेमोरेजिक स्ट्रोक अचानक होखेला आ तुरंते इलाज के जरूरत होला। ई ठीक ना होला लेकिन चिकित्सा हस्तक्षेप से प्रबंधित कइल जा सकेला। ई स्थिति अपने आप ना ठीक होला आ बिना इलाज के गंभीर जटिलता के ओर ले जा सकेला। रिकवरी आ भविष्य के स्ट्रोक से बचाव खातिर लगातार देखभाल आ पुनर्वास जरूरी बा।

हेमरेजिक स्ट्रोक वाला लोगन में अउरी का-का बेमारी हो सकेला?

हेमरेजिक स्ट्रोक के आम सह-रोग में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, आ दिल के बेमारी शामिल बा। ई स्थिति लोगन में उच्च रक्तचाप आ अस्वस्थ जीवनशैली जइसन जोखिम कारक साझा करेला। मरीज लोग अक्सर कई गो संबंधित बेमारी से पीड़ित रहेला, जेकरा से इलाज आ प्रबंधन के जटिलता बढ़ जाला। ई सह-रोगन के संबोधित कइल प्रभावी स्ट्रोक रोकथाम आ रिकवरी खातिर बहुत जरूरी बा।

हेमरेजिक स्ट्रोक के जटिलताएँ का हईं?

हेमरेजिक स्ट्रोक के जटिलताएँ में दिमाग के सूजन, दौरा, आ दीर्घकालिक विकलांगता शामिल बा। खून के बहाव दिमाग में दबाव बढ़ा देला, जेकरा से सूजन आ संभावित नुकसान हो सकेला। दिमागी गतिविधि में बाधा के कारण दौरा हो सकेला। ई जटिलताएँ स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकेला, रोजाना के गतिविधियन में कठिनाई आ जीवन के गुणवत्ता में कमी ला सकेला।

बचाव आ इलाज

कइसे हेमोरेजिक स्ट्रोक के रोके जा सकेला?

हेमोरेजिक स्ट्रोक के रोके खातिर रक्तचाप के नियंत्रण दवाई आ जीवनशैली में बदलाव जइसे कि स्वस्थ आहार आ नियमित व्यायाम के माध्यम से कइल जाला। धूम्रपान आ अत्यधिक शराब से बचे के भी मदद करेला। ई क्रियाएं रक्त वाहिकाओं पर तनाव कम करेला, फट के खतरा घटावेला। अध्ययन देखावेला कि इन कारकों के प्रबंधन स्ट्रोक के खतरा के काफी हद तक घटा देला।

हेमरेजिक स्ट्रोक के इलाज कइसे होला?

हेमरेजिक स्ट्रोक के इलाज में रक्तचाप के नियंत्रण आ अउरी खून बहला से रोकल खातिर दवाई शामिल बा। खून हटावे भा रक्त वाहिकन के मरम्मत खातिर सर्जरी के जरूरत हो सकेला। फिजियोथेरेपी से खोवल फंक्शन के वापिस पावे में मदद मिलेला। ई इलाज मरीज के स्थिर करे आ रिकवरी के संभावना बढ़ावे के लक्ष्य रखेला। सबूत देखावे ला कि जल्दी हस्तक्षेप से परिणाम में सुधार होला।

हेमरेजिक स्ट्रोक के इलाज खातिर कवन दवाई सबसे बढ़िया काम करेला?

हेमरेजिक स्ट्रोक खातिर पहिला पंक्ति के दवाई में एंटीहाइपरटेंसिव शामिल बा, जेकरा से रक्तचाप कम होखेला आ अउरी खून बहला से रोकेला. डाइयुरेटिक्स, जेकरा से तरल पदार्थ के जमाव कम होखेला, भी इस्तेमाल कइल जा सकेला. चुनाव मरीज के कुल मिलाके स्वास्थ्य आ खास जरूरत पर निर्भर करेला. ई दवाई स्थिति के स्थिर करे में मदद करेला आ जटिलता से बचाव करेला.

कवन दोसरा दवाई के इस्तेमाल हेमोरेजिक स्ट्रोक के इलाज खातिर कइल जा सकेला?

हेमोरेजिक स्ट्रोक खातिर दोसरा पंक्ति के इलाज में एंटीकनवलसेंट्स सामिल हो सकेला, जे मिर्गी के दौरा रोकेला, आ ओस्मोटिक एजेंट्स, जे दिमाग के सूजन कम करेला. ई दवाई तब इस्तेमाल कइल जाला जब पहिला पंक्ति के इलाज पर्याप्त ना होखे. चुनाव मरीज के खास लक्षण आ शुरुआती इलाज के प्रतिक्रिया पर निर्भर करेला, जवन जटिलता के प्रबंधन आ रिकवरी के समर्थन करे के लक्ष्य रखेला.

जीयल तरीका आ खुद के देखभाल

हमरेजिक स्ट्रोक के साथ आपन देखभाल कइसे करीं?

हमरेजिक स्ट्रोक खातिर खुद के देखभाल में सेहतमंद आहार के पालन, हल्का व्यायाम में शामिल होखल, आ धूम्रपान आ अधिक शराब से बचे के शामिल बा। ई क्रियावली रक्तचाप के नियंत्रित करे आ कुल मिलाके सेहत में सुधार करे में मदद करेला। नियमित चिकित्सा जाँच आ दवाई के पालन भी महत्वपूर्ण बा। ई जीवनशैली में बदलाव रिकवरी के समर्थन करेला आ भविष्य में स्ट्रोक के खतरा कम करेला।

हेमरेजिक स्ट्रोक खातिर का खाना खाए के चाहीं?

हेमरेजिक स्ट्रोक खातिर, फल, सब्जी, पूरा अनाज, आ दुबला प्रोटीन से भरपूर आहार के सिफारिश कइल जाला. पत्तेदार साग, बेरी, आ मछरी जइसन खाना, जे ओमेगा-3 फैटी एसिड में उच्च होला, फायदेमंद बा. उच्च-सोडियम आ उच्च-वसा वाला खाना से बचे से रक्तचाप के नियंत्रण में मदद मिले ला. ई आहार परिवर्तन रिकवरी के समर्थन करेला आ स्ट्रोक के जोखिम घटावेला.

का हमरेजिक स्ट्रोक के साथ शराब पी सकीला?

शराब के सेवन से रक्तचाप बढ़ाके आ रक्त वाहिकन के कमजोर क के हमरेजिक स्ट्रोक के खतरा बढ़ सकेला। अल्पकालिक प्रभाव में बढ़ल खून के रिसाव के खतरा शामिल बा, जबकि दीर्घकालिक उपयोग से पुरान उच्च रक्तचाप हो सकेला। शराब के सेवन के हल्का या मध्यम स्तर पर सीमित करे के सिफारिश कइल जाला, काहेकि अत्यधिक पीना स्ट्रोक के खतरा काफी बढ़ा देला।

हमोरहेजिक स्ट्रोक खातिर का विटामिन के इस्तेमाल कइल जा सकेला?

एक संतुलित आहार हमोरहेजिक स्ट्रोक के रोकथाम खातिर बहुत जरूरी बा, काहे कि ई जरूरी पोषक तत्व प्रदान करेला। विटामिन जइसन कि B12 या फोलेट के कमी स्ट्रोक के जोखिम बढ़ा सकेला। जबकि कुछ सप्लीमेंट मदद कर सकेला, सबसे बढ़िया बा कि पोषक तत्व खाना से मिलल जाव। सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहिले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं, काहे कि उनकर प्रभावशीलता पर सबूत अलग-अलग बा।

हमोरहेजिक स्ट्रोक खातिर का विकल्प इलाज के इस्तेमाल कइल जा सकेला?

विकल्प इलाज जइसे ध्यान, बायोफीडबैक, आ मसाज हमोरहेजिक स्ट्रोक से उबरला में मदद कर सकेला। ई थेरापी तनाव कम करे में, आराम बढ़ावे में, आ समग्र भलाई में सुधार करे में मदद करेला। ई आराम बढ़ाके आ तनाव हार्मोन के कम करके काम करेला, जवन उबरला में मददगार हो सकेला। हमेशा विकल्प थेरापी शुरू करे से पहिले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

हमरेजिक स्ट्रोक खातिर का घरेलू उपाय हम इस्तेमाल कर सकीला?

हमरेजिक स्ट्रोक खातिर घरेलू उपाय में सेहतमंद आहार के बनवले राखल, हल्का व्यायाम में शामिल होखल, आ गहिरा साँस लेवे जइसन तनाव-घटावे के तकनीक के अभ्यास शामिल बा। ई क्रिया रक्तचाप के नियंत्रित करे आ कुल मिलाके सेहत में सुधार करे में मदद करेला। ई लोग के हृदय स्वास्थ्य के समर्थन क के आ स्ट्रोक से जुड़ल जोखिम कारकन के घटा के काम करेला। हमेशा व्यक्तिगत सलाह खातिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

कवन गतिविधि आ व्यायाम हेमोरेजिक स्ट्रोक खातिर सबसे बढ़िया बा?

हेमोरेजिक स्ट्रोक खातिर, उच्च-तीव्रता वाला व्यायाम से बचे के सबसे बढ़िया बा, जेकरा से रक्तचाप बढ़ सकेला आ अउरी खून बह सकेला। ई बीमारी कमजोरी भा लकवा के कारण गतिविधि के सीमित करेला, जेकरा से चलल-फिरल मुश्किल हो जाला। सिफारिश कइल गतिविधियन में हल्का व्यायाम जइसे चलल भा खिंचाव शामिल बा, जेकरा से शरीर पर जोर डाले बिना गतिशीलता में सुधार हो सकेला। कवनो व्यायाम कार्यक्रम शुरू करे से पहिले हमेशा स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लीं।

का हमरेजिक स्ट्रोक के साथ सेक्स कइल जा सकेला?

हमरेजिक स्ट्रोक शारीरिक सीमा, भावनात्मक बदलाव, आ आत्म-सम्मान के समस्या के चलते यौन कार्यक्षमता पर असर डाल सकेला। कमजोरी या लकवा यौन गतिविधि के कठिन बना सकेला। भावनात्मक तनाव आ आत्म-छवि में बदलाव भी इच्छा आ प्रदर्शन पर असर डाल सकेला। साथी आ स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ खुला बातचीत ई प्रभाव के प्रबंधन आ समाधान खोजे में मदद कर सकेला।