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Stress कैसे कम करें? Stress कम करने के 5 आसान तरीके

आज के वीडियो में हम आपको Stress कम करने के 5 आसान तरीके बताने वाले हैं।1. आपने अब तक guess भी कर लिया होगा! Of course, exercise करना, या yoga करना या फिर कोई अभी physical activities जैसे walking, v Physical activities करने से body में endorphins release होती हैं, इसे feel good hormones भी कहते हैं, जो आपके stress को कम करने में मदद करता है।2. अपना मन पसंद काम करना या फिर अपना ख्याल रखना। Researches के मुताबिक जो लोग खुद का ख्याल रखते हैं उनको काफी कम stress होता है। तो, आप भी वो कीजिये जो आपका दिल चाहे, books पढ़ना, painting करना, spa लेना, singing करना, cooking करना, shopping करना या जो भी आपका मन करे, ताकि आपको अच्छा feel हो, और stress आपसे दूर रहे।3. अपने दोस्तों के साथ या अपने family के साथ time spend कीजिये। अपने family members या friends से बात करने से या उनके साथ time spend करने से अकेलापन feel नहीं होता, आपका support level बना रहता है, जिससे stress बहुत कम होता है।4. बहुत ही interesting है, और मैं इसे खुद भी follow करती हूँ। अपने loved ones को hug करना, और अगर आपके घर में baby है तो उन्हें hug करने से body में oxytocin hormone release होता है, और cortisol या stress hormone कम होता है। तो जब भी stress हो, बस एक hug कर लीजिये।5. कोई भी काम को कल के भरोसे छोड़ देना या procrastination को avoid कीजिये। Research के मुताबिक जितना आप किसी काम को टालते हैं, उतना ही ज्यादा आपको stress होता है। तो आज के काम को आज ही कीजिये कल पे मत छोडिये।Source:- 1. https://www.nhs.uk/mental-health/self... 2. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/arti...

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क्या बच्चों को डिप्रेशन हो सकता है? |कहीं आपके बच्चे को डिप्रेशन तो नहीं?

काफी सारे फेमस सेलिब्रिटी जैसे दीपिका पादुकोण, शाहरुख खान, करण जौहर, या हनी सिंह को डिप्रेशन हुआ था। लेकिन हैरानी तब हुई जब स्टार किड्स जैसे, सुहाना खान, शाहीन भट्ट, और इरा खान को डिप्रेशन हुआ, वो भी काफी कम उम्र में।तो क्या बच्चों में भी डिप्रेशन हो सकता है?असल में, बच्चों में काफी नॉर्मल होता है, कभी कभी शांत रहना, बात बात पे गुस्सा करना, चिल्लाना, इरिटेट हो जाना, और फिर कुछ देर बाद ही आपका बच्चा वापस खेलने लग जाता है।लेकिन कभी कभी बच्चे ज्यादा शांत रहने लगते हैं, यही चिड़चिड़ापन ज्यादा दिखने लगता है। और जब ये सारे लक्षण 1 हफ्ते से ज्यादा दिखने लगते हैं, तो आपका बच्चा ठीक नहीं है, उसे डिप्रेशन हो सकता है।Research के मुताबिक, करीब 3% बच्चे और 8% teenagers को डिप्रेशन होता है।बच्चों में डिप्रेशन होने के कई सारे कारण हो सकते हैं, जैसे कि: Family history या genetic history यानि family में किसी को especially मम्मी पापा में से किसी को पहले डिप्रेशन की history रही हो, stress देने वाली बातें जैसे कि किसी अपने की death हो जाना, या parents का divorce हो जाना, या फिर कोई physical injury या बीमारी होना, या फिर school में बाकी बच्चों के द्वारा bully होना। ये सब चीजें कारण हो सकती हैं आपके बच्चे में डिप्रेशन होने का।अब सवाल आता है, कि पता कैसे लगाएं कि आपके बच्चे को डिप्रेशन हुआ है:बच्चों में अगर डिप्रेशन है, तो ये सारे लक्षण दिखाई देंगे जैसे कि:आपका बच्चा पहले से ज्यादा sad या irritated रहने लग सकता है यानी उसको mood changes हो रहे हैं। पहले जिन कामों में मजा आता था अब वो सब में उसे बिल्कुल interest नहीं आता है। Energy level एकदम कम हो जाना, या बहुत ज्यादा थकान होना। आपका बच्चा negative बातें करने लग जाए, जैसे मैं अच्छा नहीं हूँ, मेरा कोई दोस्त नहीं है, या फिर मैं पढ़ने में अच्छा नहीं हूँ। आपका बच्चा, बाकी दिनों से काफी कम या काफी ज्यादा खाना खाने लग जाता है। आपका बच्चा बहुत ज्यादा सोता है या सोता ही नहीं है।अगर आपके बच्चे में भी ये सारे symptoms नजर आ रहे हैं, तो अपने doctor से मिलिए।Source:-1. https://link.springer.com/article/10.1007/s10826-017-0892-42. https://www.researchgate.net/publication/312566114_DETERMINANTS_OF_WORK-LIFE_BALANCE_FOR_WORKING_MOTHERS

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Working Moms: तनाव कैसे कम करें?

2022 में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 38% कामकाजी माताओं ने पूर्ण मानसिक और भावनात्मक टूटन का अनुभव किया, और 55% कामकाजी माताओं को बार-बार भावनात्मक और मानसिक टूटन या कार्यस्थल पर बर्नआउट का सामना करना पड़ा।क्या आप एक कामकाजी माँ हैं? तो आपको इससे संबंधित होना चाहिए: सुबह 5 बजे उठना, खुद को तैयार करना, अपने बच्चों के लिए भोजन तैयार करना, उन्हें स्कूल भेजना, फिर 8 घंटे के कार्यदिवस के लिए कार्यालय जाना। घर वापस आकर, आप बिना किसी ब्रेक के सीधे घर के कामों में लग जाती हैं, और इससे पहले कि आप कुछ समझ पातीं, रात हो जाती है।एक बार फिर, आपको अपने बच्चे के साथ खेलने या उनके साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का मौका नहीं मिला, और आप इसके बारे में सोचते-सोचते सो जाती हैं क्योंकि कल भी यही दिनचर्या आपका इंतजार कर रही है।हर दिन, अपने परिवार, बच्चों, पति और कार्यालय की विविध मांगों को पूरा करने की कोशिश करते हुए, आप अक्सर अपना ख्याल रखना भूल जाती हैं। इतना सब कुछ संभालने के बाद, जब कोई आपकी सराहना नहीं करता, या कोई कहता है कि आप अपने बच्चे की परवरिश ठीक से नहीं कर रहे हैं, या परिवार और बच्चों की देखभाल की ज़िम्मेदारियों के कारण आप अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं, तो यह तनाव बर्नआउट में बदल जाता है।इसे भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक टूटन के रूप में भी जाना जाता है। तो, आप अपनी नौकरी और तनाव के बिना अपने बच्चे की देखभाल के बीच संतुलन बनाने के लिए क्या कर सकते हैं? यह आसान है, बस इन 5 नियमों का पालन करें:1. एक सख्त दिनचर्या की योजना बनाएँ जहाँ आप घर के काम और दफ़्तर के काम के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करें। इससे एक सीमा बनती है: दफ़्तर के समय कोई घर का काम नहीं और घर के समय कोई दफ़्तर का काम नहीं।2. नियम है अपने लिए समय निकालना। अगले दिन के कामों की योजना रात को ही बना लें, किराने का सामान ऑनलाइन मंगवा लें या अनावश्यक सामाजिक कार्यक्रमों से मना कर दें। इस समय का उपयोग खुद का ख्याल रखने में करें।3. नियम है काम के कारण सही पालन-पोषण न कर पाने या अपने परिवार को पर्याप्त समय न दे पाने के लिए अपराध-बोध को छोड़ देना। दूसरों से अपनी तुलना न करें या किसी और की अपेक्षाओं से अपनी कीमत न आँकें। इसके बजाय, स्वीकार करें कि आप एक अच्छी माँ हैं।4. नियम है "नहीं" कहना सीखना। बहुत से लोगों को "नहीं" कहना मुश्किल लगता है क्योंकि उन्हें नापसंद किए जाने की चिंता होती है। हालाँकि, अगर आपको पता है कि कोई खास काम करना या किसी दोस्त के साथ बाहर जाना आपकी निजी ज़िंदगी से कम महत्वपूर्ण है, तो "नहीं" कहना ठीक है। इसमें कोई समस्या नहीं है।5. नियम है कि अपने काम का बोझ अपने साथी, अपने पति के साथ बाँटें। वे आपकी काफ़ी मदद कर सकते हैं, जिससे आपका तनाव कम हो सकता है।Source:- 1. https://link.springer.com/article/10.1007/s10826-017-0892-4 2. https://www.researchgate.net/publication/312566114_DETERMINANTS_OF_WORK-LIFE_BALANCE_FOR_WORKING_MOTHERS

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अपने बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य से निपटने के लिए आप जो 5 बेहतरीन चीज़ें कर सकते हैं

Parenthood: क्या यह आसान है या मुश्किल? माता-पिता के लिए अलग-अलग समय पर यह एक अलग एहसास हो सकता है, किंतु बच्चों के लिए माता-पिता ही सब कुछ होते हैं। वह अपने माता-पिता को एक देवदूत की तरह देखते हैं जो उनके लिए सब कुछ सुलझा सकते हैं।एक parent होने के नाते मैं आपकी स्थिति को पूरी तरह समझती हूं और यह भी जानती हूं कि मेरी तरह सभी मां-बाप के लिए अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य से ऊपर कुछ भी नहीं है।यह 5 टिप्स आपको अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने में मदद करेंगी:बच्चों को सुने और उन्हें प्रोत्साहित करें: सुनिश्चित करें कि बच्चे हमेशा आपसे अपने विचार और भावनाओं के बारे में आसानी से बात कर सके। उनकी बातों का सकारात्मक (positive) रूप से जवाब दें। उन पर हमेशा विश्वास करें एवं धैर्य रखें।बच्चों पर पूरा ध्यान दें: बच्चों से बात करते समय उनसे आंखों का संपर्क बनाए रखें। उसे दौरान अपने मोबाइल या टीवी पर ध्यान बिल्कुल ना दे।बच्चों की रुचि को अपनी रुचि बनाएं: बच्चों के साथ उनके पसंदीदा टीवी शो संगीत या किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के बारे में बात करें। खाना पकाने या योग जैसी चीज उनके साथ में करें। इससे आपको अपने बच्चों के करीब जाने में मदद मिलेगी।बच्चों को पुरस्कार दें एवं प्रोत्साहित करें: बच्चों के कुछ अच्छा करने पर हमेशा उनकी प्रशंसा करें। उनके लिए एक सकारात्मक role model बनें। उन्हें बताएं कि भावनात्मक होने में कुछ भी गलत नहीं है, उन्हें बताएं कि प्यार, गुस्सा, खुशी और दुख इन सभी को जब भी वह महसूस करें, उसे आपके साथ व्यक्त जरूर करें।पारिवारिक नियम बनाएं: आपसी समझ से तय किए गए नियम बच्चों को सुरक्षित महसूस कराते हैं। नियमों के पालन पर बातचीत करने से चिंता, गुस्सा और अविश्वास कम हो सकता है। बच्चों के साथ टीम बनाकर कुछ कार्य करें जिससे आप दोनों का समय साथ में व्यतीत हो सके।अक्सर देखा गया है कि बहुत सी परेशानियां तो सबके साथ बैठने और मिलकर समस्याओं का समाधान ढूंढने से ही हल हो जाती है। कभी-कभी परेशानियां उतनी बड़ी होती नहीं है जितना हम उन्हें बना देते हैं। आई आज अपने आप को बदले और अपने बच्चों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करें।

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बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए 5 खाद्य पदार्थ| 5 खाद्य पदार्थ जो बढ़ाते हैं दिमाग की शक्ति!

बड़ी पुरानी कहावत है, “You are what you eat”. इसका मतलब साफ है, आपके brain और पेट का काफी strong relation है। और इन दोनों को एक साथ link करता है एक nerves जिसे vagus nerves कहते है। Vagus nerve के through ये दोनों में messages transfer होते है।यकीन नहीं होता, आइये एक example से समझते है।जब भी आपका कोई exam होता है, आपको nervousness feel होता है, लेकिन साथ ही पेट में भी अजीब सा दर्द होने लगता है, और कभी तो diarrhea भी हो जाता है। होता है ना?अब सोचिये, जब भी आपको बहुत भूख लगती है, तो साथ में गुस्सा क्यों आने लगता है?ये इसलिए क्यों कि brain और gut एक दूसरे से related होते है। तो सोचने वाली बात है, हम अगर अच्छा और healthy खायेंगे तो brain भी healthy होगा।आइये जानते है 5 Superfoods के बारे में जो आपके mental health के लिए बहुत अच्छे है:Avocados: Avocado में vitamin B3, B5, B9, vitamin C और vitamin E की भरपूर मात्रा होती है। इन vitamins का काफी important role होता है, brain के nerves को healthy और protected रखने में, neurotransmitters को produce करने में, और brain में blood flow maintain करने में।Eggs: Eggs में vitamin B1,2,3,6 और 12 होते है जो brain को normally function करने में help करते है। साथ ही eggs में choline और leitin होता है, जो आपकी memory power को increase करता है।Walnuts: Walnuts ya Akhrot में भरपूर मात्रा में antioxidants होते है जो brain को damage से बचाते है और memory और learning को बढ़ाते है और dementia यानी यादाश खो जाने वाली बीमारी से बचाता है।Salmon: Salmon एक fish है जिसमें Omega 3 fatty acids होते है, जो brain को damage से protect करते है, और इसमें रहे antioxidants आपके brain को उम्र के साथ होने वाली mental problems से बचाता है।Blueberry: Blueberries में हर fruit से antioxidants की मात्रा ज्यादा होती है। और ये antioxidants आपके brain की memory को improve करता है और brain को young रखता है।source.. https://www.researchgate.net/publication/343534587_The_effect_of_food_on_mental_health

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भावनात्मक हैंगओवर के लक्षण!| भावनात्मक हैंगओवर को कैसे ठीक करें?

Emotional hangover, यानि कोई ऐसी घटना जिसका असर दिमाग और शरीर दोनों पे हो, और आपको थका थका या चिढ़चिढ़ा महसूस होने लगे, जैसे किसी अपने से बहस हो जाना, नई जॉब का स्ट्रेस या किसी की डेथ हो जाना। इमोशनल हैंगओवर का असर स्ट्रेस और डिप्रेशन से काफी मिलता-जुलता है। ये हैंगओवर बिलकुल शराब पीने के बाद वाले हैंगओवर जैसा ही होता है।Emotional hangover का पता लगाने के लिए, ये लक्षण का ध्यान दें: रात को अच्छे से सोने के बाद भी दिन में थका थका महसूस करना। शरीर में अकड़न या दर्द होना। सिर दर्द या सिर चकराना उल्टी आना किसी भी काम पे ध्यान न दे पाना चिढ़चिढ़ापन उदास होना रोना आना किसी से बात न करना या फिर घबराहट होनाअगर आपको भी emotional hangover हुआ है तो, उससे ठीक करने के लिए ये 5 तरीके अपनाएँ:हल्का खाना खाएँ और पानी पीते रहें।Exercise करें या कोई creative काम करें जैसे painting, या guitar बजाना।अगर फील हो तो, थोड़ा और सो लीजिए ताकि आपको अच्छा फील हो।बाहर, किसी natural जगह पे जाइए, और वहाँ टाइम स्पेंड कीजिए।जो आपका मन करे वो काम कीजिए और अपनों से बात कीजिए, प्रॉब्लम शेयर कीजिए। आपको अच्छा लगेगा और emotional hangover भी खत्म हो जाएगा।source: https://www.sciencedaily.com/releases/2016/12/161226211238.htm https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S030646032300014X

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डिप्रेशन के इलाज के लिए दवाएँ!

Depression और इसके कारण:मुख्य रूप से मस्तिष्क के chemicals (सेरोटोनिन, नॉरपेनेफ्रिन, डोपामाइन, गामा-एमिनोब्यूट्रिक एसिड) में असंतुलन के कारण होता है।उपचार में दवा और अन्य विकल्प शामिल हैं, लेकिन दवाएं तेजी से ठीक होने में मदद कर सकती हैं।डिप्रेशन की दवाएं और उनके प्रभाव:Selective सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई):कैसे काम करते हैं: मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाकर मूड में सुधार करते हैं।सामान्य ब्रांड: सेलेक्सा, लेक्साप्रो, ज़ोलॉफ्ट, प्रोज़ैकसाइड इफेक्ट्स: सूखा मुँह, अनिद्रा, उनींदापन, बेचैनी, इरेक्टाइल डिसफंक्शनसेरोटोनिन-नॉरपेनेफ्रिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएनआरआई):कैसे काम करते हैं: सेरोटोनिन और नॉरपेनेफ्रिन का स्तर बढ़ाकर मूड में सुधार करते हैं।सामान्य ब्रांड: प्रिस्टिक, फेट्ज़िमा, एफेक्सोरसाइड इफेक्ट्स: पसीना बढ़ना, उच्च रक्तचाप, सूखा मुँह, कामेच्छा में कमी, अनिद्राट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स (टीसीए):कैसे काम करते हैं: नॉरएड्रेनालाईन और सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाकर मूड में सुधार करते हैं।सामान्य ब्रांड: नॉरप्रैमिन, टोफ़्रैनिल, ट्रिप्टिडरसाइड इफेक्ट्स: वजन बढ़ना, सूखा मुँह, धुंधली दृष्टि, भ्रम, अनियमित दिल की धड़कनबुप्रोपियन:कैसे काम करता है: नॉरपेनेफ्रिन और डोपामाइन का स्तर बढ़ाता है।सामान्य ब्रांड: बुप्रोनसाइड इफेक्ट्स: दौरे, चिंता, चिड़चिड़ापन, कंपकंपी, बेचैनीमोनोमाइन ऑक्सीडेज इनहिबिटर (एमएओआई):कैसे काम करते हैं: मस्तिष्क में chemicals के टूटने को रोककर उनके स्तर को बढ़ाते हैं।सामान्य ब्रांड: नार्डिल, पार्नेट, सेल्गिनसाइड इफेक्ट्स: खड़े होने पर ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट (ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन), चक्कर आना, उनींदापन, अनिद्राSource:-1. Karrouri, R., Hammani, Z., Benjelloun, R., & Otheman, Y. (2021). Major depressive disorder: Validated treatments and future challenges. World journal of clinical cases, 9(31), 9350–9367. https://doi.org/10.12998/wjcc.v9.i31.93502. -Chand SP, Marwaha R. Anxiety. [Updated 2023 Apr 24]. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2024 Jan-. Available from: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK470361/Disclaimer:-This information is not a substitute for medical advice. Consult your healthcare provider before making any changes to your treatment. Do not ignore or delay professional medical advice based on anything you have seen or read on Medwiki.Find us at:https://www.instagram.com/medwiki_/?h...https://twitter.com/medwiki_inchttps://www.facebook.com/medwiki.co.in/

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आपके ग्लूट्स मस्तिष्क से जुड़े हुए हैं!

क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर में एक ऐसी अद्वितीय मांसपेशी है जिसे पेल्विक फ्लोर कहा जाता है, जो आपको उन "उफ़" क्षणों से रोकती हैशरीर में पेल्विक फ्लोर नामक अविश्वसनीय मांसपेशी होती है जो ग्लूट्स और पैर की उंगलियों से जुड़ी होती है।ग्लूट्स को कसने के साथ, पेल्विक फ्लोर भी इसमें शामिल हो जाती है, जो गुप्त नृत्य दिनचर्या में भागीदार की तरह होती है।ग्लूट्स को दबाने से आपका पेल्विक फ्लोर जुड़ सकता है, जो गुप्त नृत्य के समय भी सक्रिय रहता है।आपके मस्तिष्क का एक हिस्सा "प्रीसेंट्रल गाइरस की औसत दर्जे की दीवार" है, जो पेल्विक फ्लोर के संचालक की भूमिका निभाता है।वैज्ञानिक इन संबंधों को छिपी बीमारियों जैसे क्रोनिक पेल्विक दर्द को समझने के लिए जाँच रहे हैं।यह शोध न केवल मनोरंजन के लिए है, बल्कि इससे बीमारियों के उपचार में मदद भी हो सकती है।Source:-https://www.futurity.org/pelvic-floor-muscle-782582/Disclaimer:-This information is not a substitute for medical advice. Consult your healthcare provider before making any changes to your treatment. Do not ignore or delay professional medical advice based on anything you have seen or read on Medwiki.Find us at:https://www.instagram.com/medwiki_/?h...https://twitter.com/medwiki_inchttps://www.facebook.com/medwiki.co.in/

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डिप्रेशन को हराने के तीन फॉर्मूले!

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Dr. Riddhi Jain

Advance physiotherapist

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सिर दर्द से परेशान?

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mental health का खाने से क्या लेना देना?

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Dr. Beauty Gupta

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